बेमेतरा/ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रांतीय आह्वान पर एनएचएम व छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के समस्त स्वास्थ्य संस्था अधिकारी कर्मचारी, डॉक्टर, नर्स, लैब तकनीशियन, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, फार्मासिस्ट, जेएसए, डाटा मैनेजर, अकाउंटसहायक,काउंसलर,डेंटलमैनेजर, प्रोग्राम मैनेजर, जेएसए आदि शनिवार से अपनी एक सूत्रीय मांग 13000 स्वास्थ्य कर्मियों के नियमितिकरण को लेकर हड़ताल पर हैं। इनके हड़ताल पर जाने से
जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बिगड़ने लगी हैं। लोगों की परेशानी बढ़तीजा रही है।जिले के कई उपस्वास्थ्य केन्द्रों व हेल्थ एवं वैलनेस सेंटरों में
ताला जड़ा हुआ है। साथ ही जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य
केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के
कारण जिले के लोगों को स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पा रही है।जिले में बच्चों व गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण की सुविधा, एचआईवी व अन्य जांच सुविधा नहीं मिल पा रही है। गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए भटक रही हैं। डायबिटीज व हाईपरटेंशन वाले मरीज जो हेल्थ व वैलनेस सेंटर में जाकर रेगुलर अपना चेकअप कराते थे व दवाई लेते थे। उनको बहुत ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ रहा है। लोग स्वास्थ्य केन्द्रों में जन्म प्रमाण पत्र के लिए बार-बार चक्कर लगा रहे हैं। चुनावी घोषणा पत्र इसे शामिल भी किए थे। लेकिन आज तक नियमितीकरण के लिए पहल नहीं की गई है।
104 में की शिकायत, फोन अटेंड करने वाला कोई नही
सबसे विकट स्थिति कोविड अस्पतालों की है, जहां मरीजों की देखरेख नहीं हो पा रही है। जिले में कोरोना जांच की संख्या में भारी कमी आई है। इनके हड़ताल में जाने के कारण जिले के सभी कंट्रोल रूम में कॉल अटेंड करने वाला कोई नहीं है। इसके कारण कोरोना के मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को जिले के चोरभट्ठी में स्थित कोविड अस्पताल में भर्ती धर्मेंद्र कुमार नाम के मरीज ने 104 में शिकायत की है कि उसके समेत3 कोरोना मरीजों को दस्त हो रहा है और कोई स्टॉफ अटेंड करने के लिए नही हैं। वहीं लिंक, आरटी बंद होने से एड्स मरीज को दवाई नहीं मिल पा रही है। आईसीटीसी, एसटीआई क्लीनिक बंद है।
बार-बार ज्ञापन देने के बाद भी मांगें पूरी नहीं हुई
संघ के जिलाध्यक्ष पूरन दास व उपाध्यक्ष संजय तिवारी ने कहा कि ये हड़ताल हम मजबूरी में कर रहे हैं। हम हड़ताल करना नहीं चाह रहे थे, बार-बार मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को पत्र के माध्यम से हमांगों
को अवगत कराया गया, लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने खुद ही चुनाव के समय वादा किया था कि समस्त अनियमित कर्मचारियों को 10 दिन के भीतर नियमितीकरण का तोहफा दिया जाएगा। पर कुछ नहीं हुआ।
जबरदस्ती की गई तो सामूहिक त्यागपत्र देंगे
ज्वाइनिंग नहीं करने की स्थिति में दण्डात्मक कार्यवाही कर सेवा से पृथक करने की बात कही गई है। इस संबंध में संघ के जिला अध्यक्ष के साथ ही विकासखंड के अध्यक्षों ने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक हम हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे। हम किसी भी कार्यवाही से डरने वाले नहीं हैं। जबरदस्ती कर हड़ताल तोड़ने की कोशिश की जाएगी तोसामूहिक त्यागपत्र दे देंगे।