दूसरे प्रदेशों की बसों से ग्रामीणों का पलायन जारी

बेमेतरा। भले ही स्थानीय यात्री बसों के संचालकों द्वारा संचालन की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। इसके पीछे मुख्य वजह सवारियों का नहीं मिलना तथा इसके साथ ही शासन के पास विभिन्न मांगों के पूरे नहीं हो पाने की तस्वीर ही सामने आई है, किंतु इन सबसे हटकर इन दिनों स्थानीय यात्री बसें भले ही बस स्टैंड में खड़ी होकर वहां की शोभा बढ़ा रही हो, किंतु अन्य प्रदेशों के यात्री बस काफी तादाद में जिले में इन दिनों ग्रामीण अंचलों से मजदूरों को ले जाने के लिए प्रतिदिन आ रहे हैं और मजदूरों को भर कर महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में ले जाने का सिलसिला चल रहा है। सूत्रों की अगर मानें तो प्रतिदिन जिले में 40 से 50 बस अन्य प्रदेशों से पहुंचरहे हैं और ग्रामीणों को भरकर लेकर जा भी रहे हैं।एक ओर जहां सरकार द्वारा इन्हीं मजदूरों को उनके घरों तक लाने के लिए करोड़ रुपये तक ख़र्च किये गए,वही मजदूर अब फिर से पलायन की राह पकड़ हे हैं। जिले में 33 हजार से भी ज्यादा प्रवासी मजदूरों को सरकार ने अन्य प्रदेशों से इसलिए लेकर आए थे कि कोरोना के कारण वहां काम धाम बंद हो गया था, जिसके कारण मजदूरों के सामने भूखों मरने की नौबत आ गई थी। मजदूरों द्वारा सोशल मीडिया सहित अन्य साधनों से लगातार जनप्रतिनिधियों तथा प्रशासन के समक्ष अपनी फरियाद लगाई जाती थी, उनके पास खाने के लिए पैसे हैं। इसके बाद सरकार ने एक अभियान चला कर मजदूरों को उनके घरों तक लेकर आए। चूंकि अब कोरोना वैश्विक महामारी छत्तीसगढ़ में इन दिनों अपनी चरम सीमा पर है तब यही मजदूर और फिर से पलायन की राह पकड़ लिए
हैं, जिसका ही परिणाम है कि अन्य प्रदेशोंसे मजदूर के ठेकेदार बकायदा वाहन लेकर इन मजदूरों के गांवों तक पहुंच कर इन्हें घर से उठाकर लेकर जा रहे हैं। इस संबंध मेंमजदूरों ने शिकायतीलहजे में यह भी बताया कि स्थानीय स्तर में उन्हें काम नहीं मिल पाने के चलते बाहर जाना उनकी मजबूरी है।

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