0 अरुण पटेल
मध्यप्रदेश में आदिवासी अंचल के बालाघाट और मंडला जिलों में आदमियों के खाने लायक ना पाए जाने वाले चावल का सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से वितरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है और खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने चावल वितरण पर रोक लगा दी है। मामले की गंभीरता को समझते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल तीखे तेवर दिखाते हुए प्रभावी कार्रवाई की है। इस प्रकार शिवराज ने एक ओर दो दूरस्थ अंचलों में रहने वाले आम लोगों के प्रति संवेदनशीलता का परिचय दिया तो वहीं दूसरी ओर नौकरशाही में यह संदेश भी दे दिया कि यदि कहीं किसी स्तर पर गड़बड़ी पाई जाएगी तो वह किसी को छोड़ने वाले नहीं हैं और जो भी दोषी होगा उस पर निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी। नागरिक आपूर्ति विभाग ने नागरिक आपूर्ति निगम के बालाघाट में पदस्थ प्रबंधक आर के सोनी को निलंबित कर दिया है तथा इसके साथ ही संविदा पर नियुक्त गुणवत्ता नियंत्रक एस पी श्रीवास्तव और के के मिश्रा की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।
ऐसे मामलों में निलंबन मात्र पर्याप्त नहीं है क्योंकि यह कोई सजा नहीं है। यदि ऐसे लोगों के मन में सरकार खौफ पैदा करना चाहती है तो उसे ऐसे लोगों को दंडित करना चाहिए। आवश्यकता इस बात की है कि ऐसे मामलों में सरकार सतर्कता बरते और जो भी दोषी हैं और जिस स्तर पर भी सांठगांठ के चलते ऐसा हो रहा है वहां सभी की जिम्मेदारियां सुनिश्चित की जाएं और उन पर प्रभावी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हो सकें। प्रबंधक के तार और किस-किस से जुड़े हुए हैं उसकी भी जांच होना चाहिए। सरकार को ऐसी व्यवस्था करना चाहिए कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली से गरीबों को बांटे जाने वाले खाद्यान्न की गुणवत्ता की जांच समय-समय पर की जाए ताकि आम गरीबों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ ना हो सके।
मुख्यमंत्री चौहान ने बालाघाट एवं मंडला जिलों में कुछ स्थानों पर गुणवत्ताविहीन चावल प्रदाय के प्रकरण को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्हें साफ हिदायत दी है कि राशन, खाद आदि की गड़बड़ी अथवा कालाबाजारी करने वालों को बिल्कुल नहीं बख्शा जाएगा तथा उन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाएगी। संबंधित मिलर्स के खिलाफ भी एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति के अनुसार जांच में इन दो जिलों के चावल के 57 सेम्पल मानक गुणवत्ता के नहीं पाए गए हैं। 51 दलों ने 1021 सैम्पल लिए तथा चावल की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए भारतीय खाद्य निगम एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के 51संयुक्त दल बनाए गए, जिन्होंने दोनों जिलों से चावल के 1021 सेम्पल लिए। प्रारंभिक जांच के परिणाम स्वरूप इनमें से 57 सैम्पल निर्धारित गुणवत्ता विहीन पाए गए। उल्लेखनीय है कि राज्य की कस्टम मिलिंग नीति में उल्लेखित प्रावधान अनुसार मिलर द्वारा कस्टम मिलिंग उपरान्त दिए गये निम्न गुणवत्ता के चावल मिलर को वापस कर मानक गुणवत्ता के चावल प्राप्त किए जाएंगे। घटिया चावल मामले में बालाघाट जिले में आठ राइस मिलों को सील कर दिया गया है तथा अन्य 10 को भी सील करने की कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने भी 30 जुलाई से 2 अगस्त के बीच बालाघाट और मंडला में टीम भेजकर चार भंडार गृह और एक उचित मूल्य की दुकान से चावल के 32 नमूने लिए थे। राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में इनकी जांच कराई गई। केंद्र सरकार द्वारा जो रिपोर्ट भेजी गई उसमें कहा गया कि यह चावल मनुष्यों के खाने लायक नहीं है और इसे जानवरों को खिलाना बेहतर होगा। इसके बाद मुख्यमंत्री चौहान के निर्देश पर इस मामले में प्रभावी कार्रवाई प्रारंभ हुई। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने राशन दुकानों से जानवरों का चावल गरीब लोगों को बांट दिया इसकी सरकार जिम्मेदारी ले और प्रदेश के खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह को तत्काल को बर्खास्त करें। शिवराज के तीखे तेवर माफिया और अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने को लेकर भी नजर आए उन्होंने कलेक्टर, कमिश्नर, एसपी और आईजी को कड़े निर्देश दिए कि पैसे के दम पर अपनी राजनीति चमकाने वाले सफेदपोशों को कदापि ना बख्शें और बड़े लोगों पर भी कार्रवाई करें। ऐसे लोगों की कमर तोड़ कर भूमि वापस कराने का काम करें। यह निर्देश उन्होंने विभिन्न माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने के संदर्भ में वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिए।
और अंत में………..
घटिया चावल वितरण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला जहां कांग्रेस ने शिवराज सरकार की घेराबंदी की तो वहीं भाजपा ने कमलनाथ को घेरा। पूर्व मुख्यमंत्री प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि जो चावल बांटा गया है वह मनुष्य के खाने योग्य नहीं था। इंसानियत और मानवता को तार-तार करने वाला आपराधिक कृत्य है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की जनता से माफी मांगें। प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि कमलनाथ ने कहा तो सही है कि यह मानवता को तार-तार करने वाला है इसलिए आप की सरकार के दौरान किए गए इस अमानवीय कृत्य पर कठोर कार्रवाई जरूर होगी। यह आपके नेतृत्व में हुआ था। प्रदेश की जनता से माफी मांगे। केंद्र की टीम ने जिस चावल को इंसानों के खाने लायक नहीं समझा वह आपकी सरकार ने खरीदा था।