आज दिनभर के खबर ल अपन गुरतुर छत्तीसगढ़ी भाखा म पढ़व

माओवादी आत्मसमर्पण
छत्तीसगढ़ के इतिहास म आज सबले बड़का संख्या म माओवादी मन आत्मसमर्पण करे हे। बस्तर के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर के पुलिस लाइन परिसर म आयोजित कारीकरम म दू सौ दस माओवादी मन राज्य के पुलिस महानिदेशक अरूणदेव गौतम अउ छत्तीसगढ़ पुलिस के संघरा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मन के आगू आत्मसमर्पण करीन। ए माओवादी मन अपन एक सौ तिरपन हथियार घलो सौंपिन।
जउन माओवादी मन आत्मसमर्पण करे हे ओमा रूपेश उर्फ सतीश, राजमन मांडवी, रनीता अउ राजू सलाम जइसे बड़का अउ इनामी माओवादी नेता घलो सामिल हे। ए माओवादी मन जउन हथियार आज सौंपिन ओमा उन्नीस ठिन एके सैंतालीस रायफल, सत्रह एस.एल.आर. रायफल, तेईस इंसास रायफल, छत्तीस थ्री नॉट थ्री रायफल, चार कार्बाइन, ग्यारा बीजीएल लांचर, बारह बोर के इकतालीस बंदूक अउ पिस्तौल सामिल हे।
ए मउका म पुलिस अधिकारी मन आत्मसमर्पण करइया जम्मो माओवादी मन ल भारत के संविधान के प्रति प्रदान करीन। उहें, हिंसा के रस्ता छोड़के समाज के मुख्यधारा म सामिल होवइया ए नक्सली मनके सुवागत मांझी-चालकी समेत बस्तर के आने-आने जनजाति समुदाय के प्रमुख ह करीन। ए आत्मसमर्पण शासन डहार ले चलाय जात पूनामारगेम यानि पुनर्वास ले पुर्नजीवन अभियान के तहत होय हे। कारीकरम ल संबोधित करत डीजीपी अरूणदेव गौतम ह किहीन कि पुना मारगेम केवल नक्सलवाद ले दूरी बनाय के परयास नइ हे, बल्कि जीवन ल नवा दिसा देके अवसर हे। ओमन किहीन कि आज आत्मसमर्पण करइया नक्सली बस्तर म सांति, विकास, विस्वास के दूत बनही।

पुलिस विभाग डहार ले आत्मसमर्पित माओवादी मन ल पचास-पचास हजार रूपिया के सहायता रासि के चेक, आवास अउ आजीविका योजना के जानकारी दे गीस। राज्य शासन ह ए युवा मन ल स्व-रोजगार, कौशल विकास अउ शिक्षा ले जोड़े बर प्रतिबध्दता व्यक्त करीन ताकि ओमन आत्मनिर्भर अउ सम्मान जीवन जी सकय। कारीकरम के आखिरी म जम्मो आत्मसमर्पित माओवादी संविधान के सपथ लेके लोकतांत्रिक मूल्य बर अपन निष्ठा व्यक्त करीन।
बाद म पत्रकार मनले चर्चा करत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ह आज दू सौ दस नक्सली मन डहार ले करे गे आत्मसमर्पण ल पूरा देस बर ऐतिहासिक क्षण बतइन। ओमन किहीन कि जउन युवा मन बछर तक भटक के हिंसा के रद्दा चुनिन ओमन आज अपन कंधा ले बंदूक उतार के संविधान ल पकड़े हे।
ए मउका म राज्य के उपमुख्यमंत्री अउ गृहमंत्री विजय शर्मा ह किहीन कि आज के दिन बहुत महत्वपूर्ण हरय। बस्तर ह आज लाल आतंक ले मुक्ति के दिसा म एक बड़का कदम बढ़ाय हे।

रजिस्ट्री-ऋण पुस्तिका

पंजीयन विभाग ह आम आदमी ल बड़का राहत देवत रजिस्ट्री म ऋण पुस्तिका के अनिवार्यता ल समाप्त कर देहे। पंजीयन विभाग के आईजी पुष्पेन्द्र मीणा ह ए संबंध म आदेस जारी कर दीन हे। पंजीयन विभाग ह अपन स्तर म ऋण पुस्तिका ल गैर जरूरी मानत रजिस्ट्री म एखर अनिवार्यता ल समाप्त करे के निर्णय लेहे। वर्तमान म छत्तीसगढ़ म राजस्व अभिलेख ऑनलाइन करे दे गेहे अउ भूमि म भारित ऋण के प्रविष्टि ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम ले करे जात हे। प्रदेस म भूमि के पंजीयन ले लेके दूसर काम ऑनलाइन होवत हे। एखर तहत पंजीयन प्रणाली ले पेपरलेस घलो करे गेहे। भुंईया पोर्टल म भूमि के बी-वन, खसरा अउ नक्शा ऑनलाइन मौजूद हे संघरा मान्य घलो हरय, एखर सेति भौतिक रूप ले दे जात ऋण पुस्तिका या किसान किताब के पंजीयन के जरूरत नइ हे।

शासकीय कर्मचारी-वेतन

राज्य शासन ह शासकीय अधिकारी अउ कर्मचारी मन ल देवारी तिहार ले पहिली ए महिना के वेतन सत्रह अउ अट्ठारा अक्टूबर के अग्रिम रूप ले भुगतान करे के निरदेस दीन हे। ए संबंध म वित्त मंत्री ओपी चौधरी ह जम्मो विभाग ल जरूरी कार्यवाही करे बर किहीन हे। वेतन भुगतान के प्रक्रिया ल सुचारू रूप ले संपन्न करे बर राज्य के जम्मो कोसालय अउ उपकोसालय काली अट्ठारा अक्टूबर के घलो खुला रइही। राज्य शासन ह स्पष्ट करे हे कि मजदूरी, मानदेय अउ पारिश्रमिक जइसे दूसर मद म घलो नियमानुसार अग्रिम भुगतान करे जाय।

श्रम विभाग-राशि

छत्तीसगढ़ भवन अउ दूसर सन्निर्माण कर्मकार मंडल डहार ले आने-आने योजना के तहत श्रमिक मन ल देवारी ले पहिली छब्बीस करोड़ नब्बे लाख रूपिया ले जादा के सहायता रासि ओमन के बैंक खाता म अंतरित कर दे गेहे। मंडल के अध्यक्ष डॉक्टर रामप्रताप िंसंह ह डीबीटी के माध्यम ले श्रमिक मनके खाता म ए रासि अंतरित करीन। श्रम विभाग के सचिव सह श्रमायुक्त हिमशिखर गुप्ता ह बतइन कि श्रम कल्याण मंडल डहार संचालित अट्ठारह योजना मनके अंतर्गत अठासी हजार ले जादा हितग्राही मन ल सहायता रासि दे गीस।

कैबिनेट मंत्री-दर्जा

राज्य शासन ह प्रदेस के निगम, मंडल अउ आयोग म नियुक्त करे गे  अध्यक्ष अउ उपाध्यक्ष ल कैबिनेट अउ राज्य मंत्री के दर्जा प्रदान करे हे। एमा ले  तेरह अध्यक्ष-उपाध्यक्ष मन ल कैबिनेट मंत्री अउ बाईस झिन ल राज्यमंत्री के दर्जा दे गेहे।
ए मउका म मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ह किहीन कि जम्मो नवनियुक्त कैबिनेट अउ राज्यमंत्री, जनसेवा, शुशासन अउ विकास के हमर संकल्प ल गति दीही अउ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प ल साकार करे म भूमिका निभाही।

राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन

उदयपुर म राखे गे राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन म बस्तर के चित्रकोट जलप्रपात अउ एखर तीर-तखार के परमुख स्थल मन ल ग्लोबल डेस्टिनेशन म सामिल करे उपर सहमति बने हे। ए सम्मेलन म राज्य के पर्यटन अउ संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल घलो सामिल होइन। ए मउका म ओमन छत्तीसगढ़ के परमुख पर्यटन स्थल ल ‘वन स्टेट वन डेस्टिनेशन‘ म सामिल करे के बात किहीन। ओमन किहीन कि बस्तर स्थित चित्रकोट जलप्रपात ल वैश्विक स्तर म पहिचान दिलाय बर राज्य सरकार प्रतिबध्द हरय। ए दउरान ओमन राज्य के पर्यटन संभावना अउ योजना उपर केंद्र अउ दूसर राज्य के मंत्री अउ अधिकारी मन संग विचार विमर्स करके अपन प्रतिवेदन प्रस्तुत करीन। दू दिन के ए सम्मेलन म केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, राज्य अउ केंद्रशासित प्रदेस के पर्यटन मंत्री अउ विभागीय सचिव घलो सामिल होइन।

बातों बातों-में

प्रादेशिक समाचार एकांश के समसामयिक बिसय उपर आधारित कारीकरम ‘‘बातों-बातों-में‘‘ म ए दारी छत्तीसगढ़ खादी अउ ग्रामोद्योग बोर्ड डहार ले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल आह्वान के तहत छत्तीसगढ़ म खादी उत्पाद ल बढ़ावा देबर करे जात परयास उपर केंद्रित रइही। एखर तहत छत्तीसगढ़ खादी अउ ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राकेश पांडेय ले लेगे भेंटवार्ता के प्रसारण करे जाही। ए कारीकरम के प्रसारण काली अट्ठारा अक्टूबर के एफ.एम. अउ प्रायमरी चैनल म बिहनिया नौ बजे ले करे जाही। एला छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के जम्मों केंद्र रिले करही।

मोर गांव मोर पानी महाअभियान

मोर गांव मोर पानी महाअभियान के तहत सरगुजा जिला के आने-आने विकासखंड अंबिकापुर, मैनपाट, लखनपुर, बतौली, सीतापुर, लुण्ड्रा अउ उदयपुर म बरसा जल संचयन बर बिसेस कार्ययोजना तियार करे गेहे। ए क्षेत्र मन म ‘रीज टू वैली‘ के अवधारणा उपर आधारित तकनीक के उपयोग करे गेहे, ताकि बरसा के पानी जमीन म समाहित होके भूजल ल समृध्द कर सकय। जिला म जनभागीदारी अउ शासन के पहल ले पारंपरिक जल स्त्रोत के संरक्षण बर काम करे जात हे। अभियान के तहत जिला के आने-आने गांव म स्थित पुराना कुंआ, तालाब, नाला अउ चेकडैम के गहरीकरण अउ मरम्मत के काम करे जात हे। कई जघा म कई साल ले सूखाय तालाब मन म फेर पानी संचित होना सुरू हो गेहे, जेखर ले ग्रामीण मन ल घरेलू उपयोग अउ पशुपालन बर पर्याप्त पानी मिलत हे।