रायपुर। नारायणपुर जिले में आज सात महिला सहित सोलह माओवादियों ने पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया है। जिले के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुरिया ने बताया कि इनमें से दस माओवादियों पर इनाम घोषित था। आत्मसमर्पित माओवादियों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत पचास-पचास हजार रूपये का चेक प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि यह केवल आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि बस्तर के पुनर्जागरण की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि बस्तर बदल रहा है – अब यहां बंदूक और बारूद का धुआं नहीं बल्कि विकास और विश्वास की बयार बह रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसे मानवीय अभियानों ने उन लोगों के दिलों में आशा का दीप जलाया है, जो कभी भटक कर लाल आतंक के रास्ते चले गए थे। आज नारायणपुर में 16 माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग त्यागकर मुख्यधारा में लौटकर यह साबित किया है कि परिवर्तन संभव है, विकास की राह ही शांति का सच्चा शस्त्र है।
गौरतलब है कि अब तक पिछले 20 महीनों में 1,837 माओवादी मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं, यह इस बात का प्रमाण है कि डबल इंजन सरकार की नीतियों में जन-जन का विश्वास और सुरक्षा बलों की दृढ़ता, बस्तर को एक नए युग की ओर ले जा रही है।