* प्रेत राज सरकार के दिव्य दरबार में आए थे भूत-प्रेत बनकर, घर गए खुशी-खुशी*
* हमें हनुमानजी ने शक्ति अमीरों के पर्चा बनाने के लिए नहीं, जिनका कोई नहीं है उनके लिए दी है*
* इस कलयुग में बालाजी सरकार जैसा कोई दूसरा देवता नहीं है*
* 250 से अधिक लोगों ने लिया गुरुमंत्र*
रायपुर। युवा समाजसेवी चंदन – बसंत अग्रवाल (थान खम्हरिया वाले) के नेतृत्व में स्व. श्री पुरुषोत्तम अग्रवाल स्मृति फाउंडेशन के तत्वावधान में दही हांडी उत्सव स्थल,अवधपुरी मैदान, श्रीनगर रोड, गुढिय़ारी में चल रहे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा के चौथे दिन प्रेत राज सरकार का दिव्य दरबार लगाया गया जहां कई लोगों को भूत और प्रेत ने जकड़ लिया था और पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सेनापतियों ने उन्हें जमकर चमेटा मारा और फिर ऊँ बम बागेश्वराय: बीर-बीराय: हूम, फट स्वह:, ऊँ बम बागेश्वराय: बीर-बीराय: हूम के मंत्र के बाद वे ठीक होकर खुशी-खुशी अपने घर वापस लौटे।
*250 से अधिक लोगों ने लिया दीक्षा*
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंगलवार को सुबह 10 बजे से 1.30 बजे तक 250 से अधिक लोगों को दीक्षा देते हुए गुरु मंत्र दिया। इस अवसर पर युवा समाजसेवी चंदन – बसंत अग्रवाल (थान खम्हरिया वाले) के साथ स्व. श्री पुरुषोत्तम अग्रवाल स्मृति फाउंडेशन के सदस्यगण उपस्थित थे। पंडित ने इस दौरान बताया कि यजमान के घर कल भंडारा था और भंडारा खाने के बाद मंडल, फिर पदयात्रा के पदाधिकारियों की बैठक लिए और सुबह 5 बजे फ्री हो पाए।
*ऊ श्री राम.राम…. के जाप के साथ भूत राज सरकार का दिव्य दरबार हुआ शुरु*
प्रेत राज सरकार के दरबार में कैसे भी तंत्र मंत्र हो एक रुपये तुम्हारा खर्च नहीं होगा, कोई पूजा का सामान नहीं लगेगा। कोई बलि का सामान नहीं लगेगा, बालाजी के नाम से ही तुम्हारें घर, दुकान, शरीर, जहां पर भी कैसा भी तंत्र-मंत्र, बाधा, मोहन, वसीकरण, जादू-टोना होना हो एक भी नहीं रहेगा। ऊ श्री राम.राम…. के जाप के साथ बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भूत राज सरकार का दिव्य दरबार शुरु किया और इस दौरान कई लोग झूपने लगे और कई लोग चिल्ला रहे थे। पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस पर मंत्र बोलते हुए कहा कि ऊँ बम बागेश्वराय: बीर-बीराय: हूम, फट स्वह:, ऊँ बम बागेश्वराय: बीर-बीराय: हूम, फट स्वह:, जिनको भी प्रेतबाधा है दोनों हाथों की मुठ्ठी बांधो। छत्तीसगढ़ वालो अब तुम्हें हली उल्लाय के चक्कर में, चर्च के चक्कर में पड़ने की आवश्यकता नहीं है। हनुमानजी शक्तियां ही तंत्र-मंत्र का समाधान कर डालेंगे। अपना नाम लो मन में, अपना गोत्र बोलो, हे बालाजी की सेना, सन्यासी बाबा की सेना चारों पंडालों के सबसे आखिरी में जहां पर भी प्रेत रोगी बैठे है सब जगह सेना भेजी जाए और चमिटा की मार लगाई जाए। कुलर के पास में साड़ी बहने हुई महिला है उसकी जमकर पिटाई की जाए। बताओ मुंह बांधके भी भूत आते है, यह हमें लगता है कि कहीं डाकू आ गया है। पहली बार हम छत्तीसगढ़ में देख रहे है कि भूत भी मुंह बांधते है। इस दौरान एक बुजुर्ग महिला को भूत ने जकड़ लिया था और वह मुंह को बांधे हुए नाच रही थी। तुम हो भूत तो हमारे पास है रामजी के दूत। पुरुष लोग भी झूप रहे थे और एक को वहां मौजूद लोग उठाकर पंडित के पास लाए और कहा कि आ बेटा देखते हुए है दम कितने बाजू में है। उसके शरीर में पूरा चमेटा मारने को बोला और वह आदमी झूपने लगा और राम.राम.राम का जाप करने के बाद वह आदमी ठीक हो गया और काला नारियल लेकर वापस खुशी-खुशी अपने घर गया।
*दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ चौथे दिन की कथा की शुरुआत*
युवा समाजसेवी चंदन – बसंत अग्रवाल (थान खम्हरिया वाले) ने बताया कि चौथे दिन की कथा की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर श्री राजेन्द्र जी अखिल भारतीय अधिकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, श्री नारायण नामदेवजी सह प्रान्त प्रचारक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ छत्तीसगढ़ प्रान्त, श्री रामविचार नेताम जी कृषि मंत्री, टंकराम वर्मा उच्च शिक्षा मंत्री, श्रीमती मीनल चौबे जी महापौर रायपुर, श्री महेश साकेत जी प्रान्त संगठन मंत्री विद्यार्थी परिषद, अनुज शर्मा जी विधायक धरसींवा, श्री ईश्वर साहू जी विधायक साजा, श्री हनुमान मंदिर के ट्रस्टीगण विजय अग्रवाल जी, श्री शैलेश दुग्गड़ जी, डॉ सुनील खेमका जी, प्रकाश माहेश्वरी जी,नीरज गोयल जी श्री सच्चिदानंद उपासने जी, श्री गुरुचरण होरा, अमरजीत छाबड़ा अध्यक्ष छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग, श्रीमती सरला कोसरिया, श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, सेंट्रल जीएसटी के ज्वाइंट कमिश्नर अमित चौधरी, स्टेट जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर शैलेश पाटले शामिल हुए।
छत्तीसगढ़ ब्रेवरेज कार्पोरेशन के अध्यक्ष श्रीनिवास मद्दी, स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के सुपुत्र प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, युवा समाजसेवी चंदन – बसंत अग्रवाल (थान खम्हरिया वाले), बिरगांव महापौर नंदलाल देवांगन, साजा नगर पंचायत अध्यक्ष हिमांशु वर्मा, कार्यालय के प्रभारी में लगी पूरी टीम, उपस्थित थे। इस दौरान रामनवमीं समिति के सदस्य भगवान राम और लक्ष्मण बनकर पहुंचे हुए थे उनका उत्साहवर्धन करते हुए बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उन्हें आर्शीवाद प्रदान किया। इस पर बच्चों ने उन्हें फोटोफेम सप्रेम भेंट किया, इस दौरान भगवान राम के तीर और धनुष को लेकर बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंच पर चलाया।
*ऐसे काम करो की कोई धर्मांतरण न करें और हमारा भारत हिन्दू राष्ट्र हो जाए*
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हनुमंत कथा के चौथे दिन श्रद्धालुओं से कहा कि हमें जीवन में एक बात पक्की है यदि हमने जो कह दिया वह करके रहते है। हम घंटों में लेट हो सकते है दिनों में नहीं। घंटों में इसलिए लेट हो जाते है क्योंकि मिलने वाले ज्यादा लोग आ जाते है। पूरी रात हमले चार मिटिंग की एक 150 लोगों के साथ, दूसरी 100 लोगों के साथ, तीसरी 60 लोगों के साथ और बसंत के घर, सुबह 6.30 बजे सोए, फिर उठे, हनुमान की पूजा अर्चना करने के बाद लोगों को दीक्षा दिया, फिर फलाहारी करने के बाद यहां पहुंचे। हमारे कहने का मतलब यह है कि आप जो वचन दो वह पूरा करके रहो। ऐसे काम करो की कोई धर्मांतरण न करें और हमारा भारत हिन्दू राष्ट्र हो जावे। आज से तुम सभी वचन ले लो की हम अपने आप को बदलकरके ही जीऐंगे। दुनिया, मित्रा को बताने के लिए नहीं बदलाना है, बदलना तब है जब तुम्हें कोई देख ना रहा हो और कोई सुन ना रहा हो और देखते ही देखते तुम्हारें अंदर बदलाव हो जाएगा। भले ही कोई देखे या ना देखें, जब तुम काम के लिए नियम बना लो और एक दिन तुम्हारें इसी नियम को देखकर पूरी दुनिया अपनाने लगेगी। 12वीं मैने 74 प्रतिशत अंक से पूरे स्कूल में टॉप किया था और राज्य सरकार की ओर से इनाम के रुप में पांच हजार रुपये भी मिला था। पूरी दुनिया के लोग उन्हें बदलने आए लेकिन वे नहीं बदले और अपने नियम पर काम रहे और आज भी कायम है। जिन चाचा जी ने हमें बचपन में टीवी नहीं देखने दिया आज वे रोज हमें टीवी पर देख रहे है। इस कलयुग में बालाजी सरकार जैसा कोई दूसरा देवता नहीं है इसलिए आज प्रण ले लो कि हम अपने आप को बदलकर रखेंगे।
*दौड़ते हुए घोड़े, उगते हुए सूर्यं का चित्र लगाने से कभी भी भाग्य नहीं चमकता*
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने श्रोताओं से कहा कि सफलता पाने के लिए बातों से नहीं रातों से लडऩा पड़ता है, इसके लिए आलस को त्यागना, अभिमान, सुख को त्यागना पड़ता है और क्षमा करना पड़ता है, विनम्र बनना पड़ता है, कमिटमेंट करना पड़ता है। आईएएस, डॉक्टर, व्यापारी को अगर तुम और सफलता पाना चाहते हो तो एक बात नोट कर लीजिए बेटा-बेटी वो महान नहीं है जो माता-पिता के नाम से जाने जाए, बेटा और बेटी तो वो महान है जिनके नाम से माता-पिता को जाना जाए। माता-पिता की पहचान पूरी दुनिया में कराने के लिए एक बात तुम वचन ले लो कि तुम अपने आप को बदलकर रहोगे। दौड़ते हुए घोड़े, उगते हुए सूर्यं का चित्र लगाने से कभी भी भाग्य नहीं चमकता है, सूर्य उदय के पहले जागना पड़ता है और घोड़ों की तरह दौडऩा पड़ता है। हम केवल तुम्हें रास्ता दे सकते है और दिव्य दरबार के माध्यम से तुम्हें हनुमान जी आर्शीवाद मिल सकता है, पॉजिटिविटी मिल सकती है, अच्छी सोच मिल सकती है, हमारे पास जो दिव्य शक्ति या चेतना है, जिन शक्तियों के बल पर भारत से लेकर कई देशों में सनातन धर्म का झण्डा फहरा रहे है हम इसके बल पर तुम्हें आर्शीवार्द दे सकते है लेकिन चलना तो तुमको को पड़ेगा।
*हमें हनुमानजी ने शक्ति अमीरों के पर्चा बनाने के लिए नहीं, जिनका कोई नहीं है उनकी अर्जी लगाने के लिए दी है*
उन्होंने कहा कि हनुमान जी पेपर देने नहीं बैठेंगे, शक्ति हमारे पास है तो शक्ति बैठती है दरबार लगाने, लगवाती वो है बैठना हमको पड़ता है। मेहनत, बोलने से लेकर सबकुछ हमको ही करना पड़ता है। हमारे पास जो पुराने हनुमान जी है वो आज तुम लोगों को दिखा रहे है अभी तक नहीं दिखाया था जो बहुत काले है, इसका दर्शन टीवी पर करो, ऐसा दर्शन तुम्हें कहीं नहीं होगा। बहुत पॉवर फूल हनुमान जी है, यही हमें बताते है, हम पर कृपा करते है और इन्हीं को हम झोली में लिए चलते है। विदेश में एक भक्त के घर में 140 साल से थे जो मूर्ति तुम भारत में कहीं नहीं देख पाओगे। लोगों को लगता है हम अपनी झोली में रुपया – पैसा रखते है लेकिन हम अपने गुरुजी हनुमान, पुरानी-पुरानी मालाओं को रखते है। लेकिन भैया कभी भी हमारे पास पचासों ऑफर आते है, कभी फिल्मों, कभी गंदे, कई लोग कहते है ऐ दे देंगे, वो देंगे हम उन्हें कहते है उसकी तुम ठठरी बनाओ, हमें हनुमानजी ने शक्ति अमीरों के पर्चा बनाने के लिए नहीं दी है, जिनका कोई नहीं है उनकी अर्जी लगाने के लिए दी है। हम अमीरों के विरोधी नहीं है, उनसे मिलते है। अब तो धाम पर नियम कर दिया है कि अब वीआईपी, वीवीआईपी पोटोकॉल लगा के आओगे तो दर्शन भी नहीं मिलेंगे, मिलना तो दूर की बात है, आप भक्त बनकर आआगे तो ही मिलोगे। 7-8 महीने के लिए हम जी हजूरी लगाने में लग गए थे तब हनुमान ने सपने में हमें बहुत फटकार लगाया, उसके बाद हमने नियम बना लिया कि हम अपना नियम नहीं छोडेंग़े। जिनके लिए हनुमान जी ने शक्ति है उनकी अर्जी लगाएंगे और उनका भला करेंगे।
*तुम भी बालाजी के चरण पकड़ लोग तुम्हारे भी दिन बदल जाएंगे*
ये बातें कहकर हम तुम्हें प्रभावित करना नहीं चाह रहे है जब हम पर हनुमान जी कृपा हो सकती है तो तुम भी बालाजी के चरण पकड़ लोग तुम्हारे भी दिन बदल जाएंगे। बालाजी कृपा और तुम लोगों ने हमें चढ़ोतरी दी है उस चढ़ोतरी के द्वारा 1375 बेटियों के धर्मपिता बन गए, जिनके माता-पिता नहीं है उनका विवाह करवाया, जिनमें एक बेटी छत्तीसगढ़़ की थी। इस साल फिर से 15 फरवरी 2026 को 251 बेटियों का विवाह करने जा रहे है। 24, 25 और 26 अक्टूबर को हमारा जहां जन्म हुआ पुराने निवास पर उसी जन्मभूमि में बैठकर हम सत्यनारायण की कथा सुनाएंगे रोज शाम को 4 बजे से 6 बजे तक और पूरे भारत के लोग इसे को लाईव देखेंगे क्योंकि वहां 40 से 50 के ही बैठने की व्यवस्था है। एक छोटे के कमरे से कैसे हमने अपना जीवन शुरु किया यह सबको दिखाएंगे और आज हनुमानजी के कारण पूरी दुुनिया में जा रहे है। यही कथा दूसरे दिन दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक संस्कार चैनल पर दिखाया जाएगा।
*अंग्रेज सीखें हमारी हिन्दी हम क्या बोल रहे है*
ज्यादा कथा इसलिए हम कर रहे है कि बागेश्वरधाम पर अस्पताल बन सकें। लोग कहते थे कि मंदिरों से किसको फायदा है, मैं कहता हू कि बागेश्वरधाम की दान पेटी पहली दान पेटी है जहां पर गरीब बेटियों का तो घर बसता ही है और कथा में मिलने वाली दक्षिणा से अस्पताल का निर्माण भी हो रहा है। प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान उनसे हमने कहा कि देश में अस्पतालों के अंदर तो मंदिर बहुत है लेकिन मंदिर के अंदर अस्पताल हम अस्पताल देखना चाहते है। तो उन्होंने पूछा कि पनाओगे कैसे, तब हमने कहा कि आपने जैसे राम मंदिर बना दिया। हनुमान के साथ 46 हजार शक्तियां चलती है साथ और उन्हीं की प्रेरणा और जप-तप लगती है, उन्हीं की दम के कारण ललकार करके बोल देते है देश में भी और विदेश में भी। जो अंग्रेज पहले हॉवडू करते थे अब वह सीताराम जप रहे है। यह हमारा प्रभाव नहीं है बालाजी हनुमान जी का। हमारी अंग्रेजी इतनी खतरनाक है कि अंग्रेज भी आत्महत्या कर लेते है और हम सीखते भी नहीं है और सीखें क्यों। अंग्रेज सीखें हमारी हिन्दी हम क्या बोल रहे है।
*अनुज शर्मा व राधेश्याम के भजनों का आंनद लिया श्रद्धालुओं ने*
भजन गायक राधेश्याम ने स्वागत भजन की प्रस्तुति की इसके बाद धरसींवा विधायक और छालीवुड अभिनेता अनुज ने भी भजन की प्रस्तुति दी। कथा समाप्ति के बाद 10 साल के यस कटारिया ने भी अपनी भजन की प्रस्तुति देते हुए सजा दो घर की गुलशन इतना सा बागेश्वर बाबा बधारे है.. भजन गाए तो पंडाल में उपस्थित श्रद्धालु झूमने और नाचने लगे।