छत्तीसगढ़ विधानसभा में  संसदीय सचिवों की नियुक्ति के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

रायपुर/ छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन आज संसदीय सचिवों की नियुक्ति के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा। सड़कों का निर्माण, लोकनिर्माण विभाग में अधिकारियों को कार्यभार समेत कई मुद्दों पर सरकार और विपक्ष आमने सामने नजर आए।

सदन में संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा- हमारे संसदीय सचिव को लेकर कांग्रेस के लोग कोर्ट गए थे। सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है, फिर भी आपने नियुक्ति की, संसदीय सचिवों का स्टेटस क्या है? क्या उनके अधिकार है? इस पर जानकारी दी जानी चाहिए। संसदीय सचिव को लेकर पूरे प्रदेश में भ्रम की स्थिति है. वे खुद भी भ्रमित हैं । पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने संसदीय सचिव की स्थिति को लेकर सर्कुलर जारी करने की मांग की। अजय चंद्राकर ने नियुक्ति पर सवाल उठाया। विधि मंत्री मोहम्मद अक़बर ने जवाब में कहा- उच्च न्यायालय के निर्देश आए हैं, उनका पालन किया गया है। विधायकों के अधिकार के बारे में नियमावली में है , संसदीय सचिव को उत्तर देने का अधिकार नहीं है। केवल सहायता के नियुक्त किया गया है। जो मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है उस पर चर्चा नहीं हो सकती। संसदीय सचिव को विधानसभा के कार्यों में मंत्रियों को सहयोग करना है। संसदीय सचिवों को मंत्रियों के साथ काम करना है उनका परिचय हो गया है।

भाजपा विधायक पुन्नूलाल मोहले ने प्रश्नकाल के दौरान बलौदा बाजार के गिरौदपुरी धाम में राष्ट्रपति के आगमन के दौरान दर्शन एवं सार्वजनिक भवन निर्माण के कार्यों के शिलान्यास का मुद्दा उठाया। मोहले ने पूछा कि इसके लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई ? अभी तक कितने निर्माण कार्य प्रारंभ हुए ? नहीं हुए तो क्यों नहीं हो पाए? जवाब में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति ने भूमि पूजन किया था। राशि 2 करोड़ 50 लाख इसके लिए स्वीकृत की गई थी, नींव खुदाई का काम प्रगति पर है। इस पर पुन्नूलाल मोहले ने पूछा कि किस राष्ट्रपति ने किसका भूमि पूजन किया था? गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि जो भी जानकारी विधायक मांग रहे हैं, उन्हें उपलब्ध करा दूंगा। इस बीच जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि भारत में गिने-चुने राष्ट्रपति तो हुए, कौन राष्ट्रपति छत्तीसगढ़ आया था, अगर यह भी नहीं बता पाएंगे तो दुर्भाग्य है ।

Leave a Reply