रायपुर। महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण को केंद्र में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक देशव्यापी “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” शुरू करने जा रहा है। इस अभियान का समापन गांधी जयंती पर होगा। इसका राष्ट्रीय शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इंदौर (मध्यप्रदेश) से करेंगे। यह अभियान महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा मनाए जा रहे “पोषण माह” के साथ मिलकर चलाया जाएगा, ताकि मातृ, किशोरी और बाल पोषण पर व्यापक असर डाला जा सके।
*अभियान के प्रमुख कार्यक्रम*
स्वास्थ्य जांच शिविर: महिलाओं के लिए उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मुख कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर, एनीमिया, टीबी और सिकल सेल रोग की जांच। साथ ही स्त्री रोग विशेषज्ञ, नेत्र, ईएनटी, त्वचा, मानसिक स्वास्थ्य एवं दंत विशेषज्ञ जैसी सेवाएँ।
मातृ एवं शिशु देखभाल: गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच (ANC), परामर्श और बच्चों का टीकाकरण।
जागरूकता अभियान: किशोरियों व महिलाओं के लिए मासिक धर्म स्वच्छता और पोषण संबंधी सत्र, रसोई तेल की खपत में कमी को बढ़ावा, पोषण परामर्श व वेलनेस सत्र।
निक्षय मित्र अभियान: टीबी मरीजों को सहयोग देने के लिए व्यक्तियों और संस्थाओं को जोड़ा जाएगा।
रक्तदान शिविर: 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक विशेष रक्तदान अभियान, 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर 1 लाख यूनिट रक्त संग्रह का लक्ष्य।
निजी अस्पतालों की भागीदारी: निजी स्वास्थ्य संस्थान भी महिलाओं के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित करेंगे।
*राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की भूमिका*
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से इस अभियान को जनआंदोलन के रूप में सफल बनाने का आह्वान किया है। राज्यों से अपेक्षा की गई है कि वे स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में करें।
भारत सरकार की स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि यह अभियान महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे परिवार और समाज दोनों सशक्त होंगे।