जीएसटी परिषद ह वस्तु अउ सेवा कर सुधार के घोषणा करे हे। अब आम मनखे, श्रम-प्रधान उद्योग, किसान अउ कृषि, स्वास्थ्य अउ अर्थव्यवस्था बर जीएसटी दर म सुधार करत हुए ओमन ल युक्तिसंगत बनाय ल स्वीकृति दे गेहे। नई दिल्ली म काली मीडिया ल जानकारी देवत हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ह किहीन हे कि आम आदमी अउ मध्यम वर्ग के जरूरत के चीज उपर जीएसटी ल अट्ठारह अउ बारह प्रतिशत ले कम करके पांच प्रतिशत कर दे गेहे। ओमन ह बतईन कि ए नवा दर ल बाईस सितंबर ले लागू करे जाही।
वित्तमंत्री ह तैंतीस ठिन जीवन रक्षक दवई अउ औषधि उपर जीएसटी ल बारह प्रतिशत ले कम करके शून्य अउ कैंसर के संग आने बीमारी के इलाज म बउरे जाय वाले तीन जीवन रक्षक दवई उपर जीएसटी ल पांच प्रतिशत ले कम करके सून्य कर दे गेहे। आने सबो दवा अउ औषधि उपर जीएसटी ह बारह प्रतिशत ले कम करके पांच प्रतिशत होगे हे।
वित्तमंत्री ह बतईन कि बत्तीस इंच ले बड़का टीवी, एसी, वॉशिंग मसीन, छोटे कार अउ मोटर साइकिल जइसे सामान उपर जीएसटी दर ल अट्ठाईस प्रतिशत ले कम करके अट्ठारह प्रतिशत करे गेहे। श्रीमती सीतारमण ह किहीन कि श्रम-प्रधान उद्योग अउ किसान के संग कृषि क्षेत्र ल घलो ए फइसला ले फायदा होही। ओमन ह किहीन कि सबो कृषि उपकरण उपर जीएसटी ल बारह प्रतिशत ले कम करके पांच प्रतिशत करे गेहे। परिषद ह अप्रत्यक्ष कर ढांचा ल युक्तिसंगत बनात हुए बारह प्रतिशत अउ अट्ठाईस प्रतिशत के दर ल खतम करके वर्तमान चार स्लैब ल घटाके दू कर दे गेहे। जबकि पांच प्रतिशत अउ अट्ठारह प्रतिशत के स्लैब ल जारी राखे गेहे।
जीएसटी-प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ह जीएसटी दर म करे गे सुधार के तारीफ करे हे। एक ठिन सोशल मीडिया पोस्ट म ओमन ह किहीन कि सरकार के ए फइसला ले आम आदमी, किसान, एम.एस.एम.ई., मध्यम वर्ग, माईलोगिन अउ जवान लइका मन ल फायदा होही। ओमन किहीन कि ए सुधार ह सबो मन बर खासकर छोटे व्यापारी, व्यवसाय अउ व्यापार करे म आसानी सुनिश्चित करही।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ह जीएसटी सुधार के स्वागत करत कहिन हे कि ए फइसला ह भारत के कर प्रणाली ल आम लोगन बर जादा सरल अउ उद्योग व्यापार बर प्रोत्साहनकारी बनाही। श्री साय ह किहीन कि आयकर म बारह लाख रूपिया तक के छूट देके बाद अब जीएसटी दर म करे गे भारी कटौती ले हर रोज के जरूरत के जिनीस, खेती-किसानी के सामान, खाय-पीये के चीज़, दवई, शिक्षा सामग्री, मनोरंजन के सामान, ऑटामोबाइल अउ बिजली वाला सामान ह सस्ता होही। उहें, कतकोन जरूरी सामान उपर टैक्स दर ल शून्य कर दे गेहे, जेखर ले लोगन मनके जीवन म सीधा फायदा होही।
एनएचएम-बर्खास्त
राज्य शासन कोति ले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-एन.एच.एम. के पच्चीस अधिकारी अउ कर्मचारी मन ल काली बर्खास्त करे के बाद प्रदेसभर म आज एन.एच.एम. कर्मचारी मन ह विरोध करीन। संगेसंग इस्तीफा घलो दे दीन। एमा बस्तर जिला म आठ सौ सत्यासी, कांकेर म छह सौ पचपन अउ बलौदाबाजार जिला म चार सौ इक्कीस झिन कर्मचारी मन सामिल हरय।
रायपुर के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के आगू आज इस्तीफा दे बर पहुंचे रायपुर जिला के एन.एच.एम. के कर्मचारी मन ह विरोध-प्रदर्शन करीन। उहें, जांजगीर म एन.एच.एम. कर्मचारी मन ह बर्खास्तगी के विरोध म करिया पट्टी बांध के रैली निकालीन अउ नाराबाजी करत हुए मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के घेराव करीन।
जानबा के अनुसार नियमितीकरण समेत अपन दस सूत्रीय मांग ल लेके ए कर्मचारी मन ह पाछु अट्ठारह अगस्त ले अनिश्चितकालीन हड़ताल करत हे। ए बेरा म राज्य सासन कोति ले नोटिस जारी करके कर्मचारी मन ल अपन-अपन काम म लहुटे बर कहे गे रिहीस। स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया ह एक ठिन आदेस जारी करके आंदोलन करत एन.एच.एम. कर्मचारी मन ल काम म लहुटे के निरदेस दे रिहीन। एखर बाद घलो ए मन ह अपन काम म नइ लहुटीन, जेखर सेती अस्पताल म स्वास्थ्य सेवा म परेसानी घलो आवत हे।
मिलाद उन नबी-अवकाश
राज्य सासन के सामान्य प्रसासन विभाग ह ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के छुट्टी ल लेके संसोधित अधिसूचना ल जारी कर देहे। एखर अनुसार पहिली घोषित करे गे छह सितंबर के जघा म अब काली पांच सितंबर के सार्वजनिक अउ सामान्य अवकाश घोषित करे गेहे। उहें, छह सितंबर के अनंत चतुर्दशी के परब के बेरा म घोषित ऐच्छिक अवकाश ह पहिली जइसे ही रइही।
बस्तर-बाढ़ प्रभावित
बस्तर संभाग म बाढ़ के पानी कम होय के संगेसंग नुकसान के वास्तविक आंकलन अउ मुआवजा देके काम उपर तेजी ले अमल करे जात हे। बाढ़ के पानी म खराब होय जरूरी कागजात ल बनाय के काम राजस्व विभाग ह सुरू कर देहे। उहें, बस्तर जिला के मांदर गांव के प्रभावित किसान मन ल राजस्व विभाग कोति ले किसान-किताब बांटे जात हे। प्रभावित मन ल नवा रासन कारड, किसान क्रेडिट कार्ड अउ बैंक पासबुक तैयार करके दे जात हे। संगेसंग जिला प्रसासन के टीम ह नुकसान के आंकलन करे बर घर-घर म जाके सर्वें घलो करत हे अउ पात्रता के अनुसार तुरते राहत रासि ल बाढ़ प्रभावित मनके खाता म भेजत हे। बाढ़ पीड़ित लोगन मन ल रासन, इलाज अउ दवई के संग गैस-चुल्हा अउ सिलेंडर दे गेहे। उहें, राहत सिविर म उंखर हर रोज के सामान के व्यवस्था घलो करे गेहे।
बारिश/शव बरामद
कोरबा जिला म पाछु दू-तीन दिन म होवत भारी बरसा के सेती चाकाबुड़ा ले देवरी जाय वाले रद्दा म पुल के एक हिस्सा ह टूट के बोहा गेहे। उहें, दीपका ले चकोरा जवइया रद्दा म बने पुल घलो टूट गेहे। एखर सेती ए दूनों रद्दा म अवई-जवई ह पूरा तरीका ले बंद होगे हे। कोनों भी प्रकार के दुर्घटना के आसंका ल देखत हुए जिला प्रसासन ह आम लोगन मन ले ए रद्दा ल नइ बउरे बर कहे हे। फिलहाल दूसर रद्दा ले आय-जाय के बात कहे जात हे।
इही बीच, बलरामपुर जिला के धनेश्वरपुर के लुत्ती-सढ़सा बांध के टूटे के घटना म रेस्क्यू टीम ह एक अउ सव ल बरामद करे हे। अइसने, ए हादसा म मृतक मनके संख्या ह बाढ़के अब पांच होगे हे। उहें, दू झिन लोगन मन ल अभी भी गायब हे, जेला खोजे बर एनडीआरएफ ह लगे हुए हे। जिला प्रसासन ह मृतक मनके घर वाला मन ल हरसंभव मदद देके बात कहे हे।
अग्निवीर भर्ती-आवेदन
भारतीय थल सेना म अग्निवीर भर्ती के अंतर्गत होवत ऑनलाइन परीक्षा-सीईई म सफल अभ्यर्थी मन ल निःशुल्क सारीरिक दक्षता प्रशिक्षण दे जाही। ए प्रसिक्षण म भाग लेवइया अभ्यर्थी मन ले दस सितंबर तक आवेदन मंगाय गेहे। जिला रोजगार अधिकारी ह बतईन कि ए आवेदन बर मेल आईडी या जिला रोजगार तथा स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र ले संपर्क करे जा सकत हे।
नारायणपुर-सुरक्षा कैम्प
नारायणपुर जिला के ओरछा थाना क्षेत्र म नारायणपुर पुलिस अउ भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल-आईटीबीपी डहार ले एडजुम गांव म जनसुविधा अउ सुरक्षा कैम्प खोले गेहे। ए कैम्प के खुले ले उहां के रहइया लोगन मन ल नक्सल हिंसा ले निजात पाय म मदद मिलही। ए कैम्प ल बनाय म डीआरजी, बस्तर फाइटर अउ आईटीबीपी के बड़ भूमिका रेहे हे। जानबा के अनुसार नारायणपुर म एक बछर के भीतरी सोलह सुरक्षा अउ जन सुविधा कैम्प बनाय जा चुके हे।
मौसम
मौसम विभाग के अनुसार एक निम्न दाब के क्षेत्र उत्तर छत्तीसगढ़ अउ ओखर ले लगे पूर्व मध्यप्रदेश के ऊपर म बने हुए हे। उहें, उपरी हवा के चक्रीय चक्रवाती घेरा के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा कोति आगू बाढ़े के संभावना हे। एखर सेती काली प्रदेस म कतकोन जघा म हल्का ले मध्यम बरसा या फेर गरज-चमक के संग बूंदाबांदी हो सकत हे। त उहें, एक-दू ठिन जघा म गाज घलो गिर सकत हे।
