सीजी एमएससी घोटाले में मोक्षित कॉरपोरेशन दुर्ग के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी 

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 411 करोड रुपए के सीजी एमएससी घोटाले में ACB एवं EOW के बाद दुर्ग स्थित मोक्षित कॉरपोरेशन के ठिकाने पर आज सुबह ED की रेड पड़ी है। सुबह करीबन 6:00 लगभग 6 से 7 गाड़ियों में ED की पूरी टीम सीजी एमएससी से जुड़े मामले में दस्तावेजों की जांच कर रही है।

आपको बता दें कि आज मोक्षित कारपोरेशन दुर्ग स्थित ठिकानों पर 6-7 गाड़ियों में ED के अधिकारी पहुंचे थे। इस छापे की कार्यवाही में 2 दर्जन से ज़्यादा अधिकारी शामिल होना बताया जा रहा है। मोक्षित कारपोरेशन CGMSC से जुड़े 400-660 करोड़ के कथित घोटाले मामले में चर्चा में आया था।

27 जनवरी को EOW की टीम ने की छापेमारी

दरअसल, 27 जनवरी को EOW की टीम ने रायपुर और दुर्ग में मोक्षित कॉर्पोरेशन के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके अलावा हरियाणा के पंचकुला में करीब 8 टीम ने दबिश थी। टीम ने शशांक के भाई, उनके रिश्तेदारों के घर और दफ्तरों में रेड कर दस्तावेज जब्त किए हैं।

इसके साथ ही EOW-ACB ने छापे के दौरान सप्लायर मोक्षित कॉर्पोरेशन के एमडी शशांक गुप्ता के बंगले, फैक्ट्री और पार्टनरों समेत 16 ठिकानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए हैं। EOW की टीम MD के रिश्तेदारों और दोस्तों के घरों के साथ CGMSC के दफ्तर में भी जांच करने पहुंची थी।

ये है पूरा मामला 

दवा घोटाले मामले में कार्रवाई करते हुए ईओडब्ल्यू ने मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को 29 जनवरी को गिरफ्तार किया था। हाल ही में एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन में हुई गड़बड़ी मामले में रायपुर, दुर्ग समेत कई जिलों में गवर्मेंट सम्पलायर मोक्षित कारपोरेशन के ठिकानों पर दबिश दी थी। इस दौरान सिद्धार्द, शशांक, शरद चोपड़ा के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी। मौके पर कई अहम दस्तावेज भी मिले थे। सीजी एमएससी घोटाला 400 से 600 करोड रुपए का बताया गया है।

दरअसल, दिसंबर 2024 में पूर्व गृहमंत्री
ननकीराम कंवर ने दिल्ली में PMO, केंद्रीय गृहमंत्री कार्यालय, CBI और ED मुख्यालय जाकर CGMSC में घोटाले की शिकायत की थी। ननकीराम कंवर की शिकायत के बाद केंद्र से EOW को निर्देश मिला। इसके बाद EOW की टीम ने 5 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की।

इस घोटाले में ब्लड सैंपल कलेक्शन करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली EDTA ट्यूब को जो मार्केट में 8.50 रुपए में उपलब्ध है, उसे मोक्षित कॉरपोरेशन से 2 हजार 352 रुपए प्रति नग के भाव से खरीदा गया था।