इंडस्ट्री डायलॉग 2 में छत्तीसगढ़ को मिले ₹1.25 लाख करोड़ का निवेश प्रस्ताव

*छत्तीसगढ़ देश के सबसे तेज़ी से उभरते औद्योगिक गंतव्यों में शामिल*

*औद्योगिक निवेश से बस्तर में बदलाव के साथ ‘विकसित भारत’ की मजबूत होगी नींव*

*छत्तीसगढ़ के बढ़ाया पूंजीगत व्यय, अब बुनियादी ढांचे पर 26000 करोड़ का निवेश*

*7.5 फीसदी विकास दर से जीडीपी में रिकॉर्ड बढ़त का अनुमान*

रायपुर। छत्तीसगढ़ अब सिर्फ खदानों और जंगलों का राज्य नहीं रहा, यह अब उम्मीदों और अवसरों की ज़मीन बन गया है। रायपुर में हुए ‘इंडस्ट्री डायलॉग 2’ में जब निवेशकों ने ₹1.25 लाख करोड़ के नए प्रस्तावों पर हामी भरी, तो यह साफ हो गया कि देश के औद्योगिक भविष्य में छत्तीसगढ़ की भूमिका बेहद अहम हो गई है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि “छत्तीसगढ़ अब सिर्फ खनिजों की धरती नहीं, संभावनाओं की भूमि है। हम बस्तर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों को भी विकास की मुख्यधारा में ला रहे हैं। आज निवेशकों को स्थायित्व, सुरक्षा और तेज फैसले मिल रहे हैं।” यही वजह है कि निवेशकों का रुझान न केवल शहरी क्षेत्रों, बल्कि बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी अंचलों की ओर भी बढ़ा है।

छत्तीसगढ़ आज देश के सबसे तेज़ी से उभरते औद्योगिक गंतव्यों में शामिल हो चुका है। बीते डेढ़ वर्षों में राज्य को जहां ₹5.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, वहीं आज रायपुर में आयोजित इंडस्ट्री डायलॉग 2 कार्यक्रम ने यह साफ कर दिया कि छत्तीसगढ़ निवेशकों का नया भरोसेमंद ठिकाना बन गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में हुए इस आयोजन में ₹1.25 लाख करोड़ रुपये के नए निवेश प्रस्तावों पर सहमति बनी। यह निवेश अब केवल पारंपरिक खनन क्षेत्रों तक सीमित नहीं, बल्कि आईटी, सेमीकंडक्टर, हेल्थकेयर, ग्रीन एनर्जी और लॉजिस्टिक्स जैसे भविष्य के सेक्टरों में केंद्रित है।

राज्य सरकार द्वारा लागू नई औद्योगिक नीति 2025 ने छत्तीसगढ़ को निवेश का स्वाभाविक गंतव्य बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। नीति में सिंगल विंडो सिस्टम 2.0, 350 से अधिक सुधार, फास्ट ट्रैक लैंड अलॉटमेंट, ऑटो अप्रूवल प्रक्रिया, और थर्ड जेंडर, पुनर्वासित नक्सली, महिला व एससी-एसटी उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन जैसे प्रावधान शामिल हैं। इन सुधारों से राज्य में ‘Ease of Doing Business’ को ‘Speed of Doing Business’ में बदल दिया गया है।

इसी नीति के अंतर्गत, छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में रायपुर के नजदीक राज्य का पहला विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) घोषित किया है, जो आईटी, फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण जैसे क्षेत्रों में विशेष ध्यान देगा। यह SEZ प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर, रियायती दरों पर भूमि, और तेज़ प्रशासनिक अनुमति प्रणाली से सुसज्जित होगा। इसके ज़रिए विदेशी निवेश को भी आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो राज्य के निर्यात आधारित औद्योगिक मॉडल को मजबूत करेगा।

नवा रायपुर में शुरू हुई ₹11,000 करोड़ की सेमीकंडक्टर यूनिट और एआई आधारित डेटा सेंटर पार्क इस बदलाव की स्पष्ट मिसाल हैं। पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा स्थापित यह यूनिट 2030 तक हर साल 10 अरब चिप्स का उत्पादन करेगी। साथ ही, रैकबैंक द्वारा 150 मेगावाट क्षमता का डेटा सेंटर भी बन रहा है, जिससे 2,000 से अधिक प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। राज्य का लक्ष्य अब सिर्फ रोजगार सृजन नहीं, बल्कि युवाओं को तकनीकी कौशल से लैस कर चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए तैयार करना है।

आज हुए संवाद के दौरान निवेशकों को यह भी बताया गया कि राज्य सरकार ने पर्यटन को औद्योगिक दर्जा दिया है, जिससे बस्तर और सरगुजा जैसी प्राकृतिक व सांस्कृतिक विरासतों वाले क्षेत्रों में पर्यटन के ज़रिए आर्थिक विकास को नया आधार मिला है। नवा रायपुर में 200 एकड़ की मेडिकल सिटी और 142 एकड़ का फार्मा हब भी तैयार किया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं, निवेश और रोजगार को नई रफ्तार मिलेगी।

इसी दिशा में राज्य सरकार ने 30 जून को ‘राज्य लॉजिस्टिक नीति 2025’ को भी मंज़ूरी दी है, जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक हब बनाना है। यह नीति खासतौर पर बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी जिलों में लॉजिस्टिक हब, कोल्ड स्टोरेज, ट्रांसपोर्ट सेंटर और एयर कार्गो सुविधाएं विकसित करने पर केंद्रित है। इन क्षेत्रों में निवेश करने वाली कंपनियों को 10% अतिरिक्त अनुदान और 40% तक अधोसंरचना सहायता दी जाएगी। इससे इन जिलों में रोजगार, व्यापार और आर्थिक स्थिरता को अभूतपूर्व बल मिलेगा।

बस्तर, जो एक समय केवल नक्सलवाद से जुड़ा माना जाता था, आज बदलाव की एक नई कहानी लिख रहा है। बीते डेढ़ वर्षों में 435 नक्सलियों को निष्प्रभावी किया गया है, 1,457 ने आत्मसमर्पण किया और 146 को गिरफ्तार किया गया। सुरक्षा कार्रवाई के साथ-साथ सरकार की नियद नेल्ला नार योजना के तहत वहां के गांवों में बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच रही हैं। उदाहरणस्वरूप, बेलकापल्ली गांव में 77 साल बाद बिजली पहुंची, और कुख्यात नक्सली कमांडर हिदमा के गांव पुवर्ती में सड़क निर्माण शुरू हो चुका है।

पर्यटन को भी बस्तर में नए रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। धूधमारस गांव को संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव’ घोषित किया गया है और कांगेर घाटी को यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल किया गया है। होमस्टे योजनाएं, सांस्कृतिक उत्सव और बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजन स्थानीय युवाओं को रोजगार, गौरव और पहचान दिला रहे हैं।

बुनियादी ढांचे के स्तर पर भी छत्तीसगढ़ ने बड़ी छलांग लगाई है। वर्ष 2025-26 में राज्य सरकार ने ₹9,500 करोड़ का बुनियादी ढांचा बजट तय किया है, जिसमें ₹2,000 करोड़ सड़कों के लिए हैं। केंद्र सरकार की मदद से उरगा-कटघोरा बाईपास, रायपुर-लखनादौन इकोनॉमिक कॉरिडोर और खरसिया-नवा रायपुर-परमलकसा रेल गलियारा जैसी परियोजनाएं तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं। ₹48,000 करोड़ की रेल परियोजनाओं के साथ-साथ बिलासपुर, अंबिकापुर और जगदलपुर एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण भी प्रगति पर है।

छत्तीसगढ़ सरकार का फोकस सिर्फ बुनियादी ढांचा या निवेश तक सीमित नहीं है। राज्य 2070 तक ज़ीरो कार्बन एमिशन का लक्ष्य लेकर हरित इस्पात, सौर ऊर्जा, और ग्रीन इंडस्ट्रियल ज़ोन की ओर भी तेज़ी से बढ़ रहा है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में जब से नई औद्योगिक नीति आई है, तब से बड़ी कंपनियों ने फैक्टरी और काम-धंधे लगाने का वादा किया है। करीब ₹5.5 लाख करोड़ का वादा हुआ है, जिसमें सबसे ज़्यादा पैसा बिजली बनाने वाली कंपनियों ने लगाने का कहा है। छत्तीसगढ़ में 12,000 मेगावाट ताप बिजली, 12,000 मेगावाट सोलर और हवा से बनने वाली बिजली, और 4,000 मेगावाट एटॉमिक बिजली बनाने की तैयारी कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार चाहती है कि साल 2024-25 में जो राज्य की कमाई यानी GDP ₹5.68 लाख करोड़ है, वह इस साल के आखिर तक ₹6.35 लाख करोड़ हो जाए। इसके लिए सरकार ज़्यादा पैसे खर्च कर रही है — पहले ₹22,000 करोड़, अब ₹26,000 करोड़ सिर्फ सड़कें, पुल, बिजली और दूसरी ज़रूरी चीज़ें बनाने में लगाए जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसार प्रदेश की तरक्की की रफ्तार बहुत अच्छी है — 7.5% की ग्रोथ, जो पूरे देश से भी ज़्यादा है। यही दिखाता है कि छत्तीसगढ़ अब तेज़ी से विकसित भारत की तरफ बढ़ रहा है।