रायपुर। श्री श्री जगन्नाथ बलदेव सुभद्राणी महारानी जी को 108 भोग अर्पण कर राजभोग के आरती के साथ जगन्नाथ जी को रथ में बिठाया गया उसके बाद छेरा पहरा रथ के सामने सोने की झाड़ू से यात्रा का शुभारंभ हुआ। लगातार हरे कृष्ण कीर्तन, जगन्नाथ स्वामी नयनपथ गामी के भजन के साथ साथ यात्रा आगे बढ़ती गई , पूरे यात्रा पथ मार्ग में लोगों को गजमुंग प्रसाद का वितरण किया गया अनुपम गार्डन चौक के पास सिद्धार्थ स्वामी महाराज ( इस्कॉन रायपुर प्रेसिडेंट ) के आगमन हुआ जहां महाराज ने जगन्नाथ जी के रथ यात्रा की कथा बताए। उन्होंने बताया कि किस प्रकार जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकाली जाती है और क्यों निकल जाती है और साथ ही साथ हरि नाम का करने का उपदेश दिया हरि नाम क्यों किया जाता हरि नाम की महिमा का गुण गण किया गया । शाम 7:00 बजे जगन्नाथ जी की आरती की गई महा आरती के प्रसाद 501 प्रकार का भोग अर्पण किया गया भोग के पश्चात सभी जो भक्त है घंटे उनको दीपदान करवाया गया , पूरे यात्रा के दौरान कीर्तन किया गया। कीर्तन टीम को लीड करते दिखाई जय गौरांग दास, जय गौर हरि , भक्त हिमांशु , भक्त ऋषि , गोविंदा प्रभु जी पूरे यात्रा दौरान जगन्नाथ जी और भक्तों के ऊपर फूलों की वर्षा की गई इसके पश्चात भक्त गणों के लिए महाप्रसाद का भंडारा किया गया ।
अनंत शेष दास , रोहिणीनंदन दास और भाविक प्रभु के नेतृत्व में यह रथ यात्रा निकाली गई । यह पूरी रथ यात्रा चंद्रभानु दास , देवामित्र , राम राघव , हृदयानंद , भक्त प्रकाश , गौतम , मनोज , सौरभ शर्मिष्ठा देवीदासी , अहिल्या देवी दासी , सुषमा, नीलम माताजी के सहयोग से संपन्न हुआ ।