0 मृत्युंजय चतुर्वेदी द्वारा
मनेंद्रगढ़। नगर पालिका परिषद मनेंद्रगढ़ के लेखा पाल शंकर राव का बीती रात छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के रेलवे स्टेशन बिजुरी के ट्रैक पर सर एवं धड़ अलग-अलग स्थिति में रक्त रंजित रक्त रंजित अवस्था में मिलने से नगर में शोक की लहर दौड़ गई। ज़हां एक और स्वर्गीय शंकर राव के परिजनों के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वहीं दूसरे और गली मोहल्ले चौक चौराहे में लोग उनकी मौत को लेकर नाना प्रकार की अलग-अलग बातें करने में लगे हुए दिखे । कुछ लोग स्वर्गीय राव के मौत को लेकर हत्या या आत्महत्या बताने में लग रहे, बहरहाल स्वर्गीय शंकर राव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं पुलिस जांच रिपोर्ट के बाद ही कोई स्थिति स्पष्ट निर्मित होगी ।
ज्ञात हो स्वर्गीय शंकर राव व्यवहारिक एवं सीधा-साधा व्यक्ति बताया जाता रहा। विचारणीय प्रश्न यह है कि स्व. शंकर राव अगर आत्महत्या करता है तो ऐसी क्या वजह थी कि उसे अपनी ईहलीला समाप्त करनी पड़ी। दूसरी बात यह आती है कि उसकी मौत पर किसको क्या फायदा होता है ।अब देखना यह है कि शंकर राव के मौत के बाद किसको क्या फायदा हो रहा है और किसको क्या नुकसान होता है यह तो पुलिस की तहकीकात के बाद स्पष्ट हो पाएगी । मध्य प्रदेश पुलिस ने फिलहाल मर्ग कायम कर मृतक को अपनी विवेचना में लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए भेज दिया है। अब आने वाला समय पुलिस के विवेचना पर आधारित रहेगा की मौत हत्या है कि आत्महत्या।