देश में दो चरणों में होगी जनगणना; अधिसूचना जारी, 4 राज्यों में 6 महीने पहले शुरू होगी जनगणना

नई दिल्ली। भारत सरकार ने देश में आगामी जनगणना कराने के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी इस अधिसूचना के मुताबिक जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में जनगणना 6 महीने पहले से शुरू कराई जाएगी। बर्फबारी से प्रभावित इन राज्यों में जनगणना 1 अक्टूबर 2026 शुरू होगी। वहीं इन राज्यों को छोडक़र देश भर में जनगणना की प्रक्रिया 1 एक मार्च 2027 से शुरू होगी। बता दें कि इस बार जनगणना में जाति की गणना को भी शामिल किया जाएगा। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने अधिसूचना जारी किए जाने से एक दिन पहले रविवार को केंद्रीय गृह सचिव, महापंजीयक और जनगणना आयुक्त तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आगामी जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की थी। गृह मंत्रालय के मुताबिक जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण में हर घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं की जानकारी इक_ा की जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में जनसंख्या की गिनती होगी। इस दौरान हर घर में लोगों की संख्या, उनकी उम्र, उनका रोजगार और अन्य सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक जानकारी जुटाई जाएगी। खास बात यह कि इस बार जनगणना वाले अधिकारी लोगों से उनकी जाति भी पूछेंगे। आजाद भारत में यह इस तरह का पहला अवसर होगा।
कितना होगा बजट- यह जनगणना भारत की 16वीं और आजादी के बाद की 8वीं जनगणना है। सरकार के मुताबिक जनगणना गतिविधियों के लिए लगभग 34 लाख कर्मचारी और पर्यवेक्षक और लगभग एक लाख 30 हजार जनगणना कार्यकर्ता तैनात किए जाएंगे। वहीं इस पूरे जनगणना और एनपीआर अपडेट पर अनुमानित 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च होने का अनुमान है।
खास है इस बार की प्रक्रिया- आगामी जनगणना कई मायनों में खास होगी। यह भारत की पहली डिजिटल जनगणना होगी। भारत सरकार नागरिकों को सेल्फ एन्यूमरेशन यानी आत्म-सूचना देने का अवसर देने जा रही है। वहीं मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करके डिजिटल माध्यम से प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके अलावा डेटा के संग्रहन और भंडारण के समय डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।
जनगणना में पूछे जाएंगे ये सवाल
चूंकि पिछली बार 2011 में हुए जनगणना में 29 सवाल पूछे गए थे, इस बार जाति का कॉलम जुडऩे के बाद 30 सवाल पूछे जा सकते हैं। रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त कार्यालय द्वारा तैयार किए जाने वाले सवालों में ये सवाल हो सकते हैं-
0 शैक्षणिक योग्यता
0 घर के मुखिया की जाति, लिंग और परिवार में विवाहित जोड़ों की संख्या
0 क्या परिवार के पास टेलीफोन इंटरनेट मोबाइल फोन या स्मार्टफोन है?
0 क्या परिवार के पास साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल या कार है?
0 परिवार मुख्य रूप से कौन सा अनाज खाता है?
0 घर में बिजली, शौचालय स्नानघर, रसोई और गैस कनेक्शन के उपलब्धता है?
0 खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला मुख्य ईंधन
0 घर की दीवार छत और फर्श के निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री
खोदा पहाड़, निकली… कांग्रेस का तंज
जनगणना की अधिसूचना को लेकर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि जनगणना को लेकर जो अधिसूचना जारी कि गई है वह खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसी है। इसमें जाति जनगणना को लेकर भी कोई उल्लेख नहीं किया गया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 16वीं जनगणना में तेलंगाना मॉडल अपनाते हुए, केवल जातियों की गिनती ही नहीं बल्कि जातिवार सामाजिक और आर्थिक स्थिति से जुड़ी विस्तृत जानकारी भी जुटाई जानी चाहिए। जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर किए पोस्ट में लिखा, लंबे इंतजार के बाद बहुप्रचारित 16वीं जनगणना की अधिसूचना आखिरकार जारी हो गई है।लेकिन यह कदम खोदा पहाड़ और निकली चुहिया जैसी है क्योंकि इसमें 30 अप्रैल 2025 को पहले से घोषित बातों को ही दोहराया गया है।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि असलियत यह है कि कांग्रेस की लगातार मांग और दबाव के चलते ही प्रधानमंत्री को जातिगत गणना के साथ जनगणना कराने के मसले पर झुकना पड़ा। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने इसी मांग को लेकर कांग्रेस नेताओं को अर्बन नक्सल तक कह दिया था। संसद हो या उच्चतम न्यायालय, मोदी सरकार ने जातिगत गणना के साथ जनगणना कराने के विचार को सिरे से खारिज कर दिया था। अब से ठीक 47 दिन पहले, सरकार ने खुद इसकी घोषणा की।

क्या पीएम ने फिर से लिया यू-टर्न? : जयराम रमेश
प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कांग्रेस नेता ने दावा किया कि आज जो अधिसूचना जारी हुई है उसमें कहीं भी जाति जनगणना का जिक्र नहीं है। ऐसे में क्या यह फिर से पीएम द्वारा अपनाया गया एक यू-टर्न है। क्योंकि अब पीएम मोदी यू-टर्न के लिए अपनी पहचान बना चुके हैं।.. क्या यह वही है या फिर आगे इसके बारे में जानकारी दी जाएगी?
कांग्रेस नेता ने कहा, कांग्रेस का स्पष्ट मत है कि 16वीं जनगणना में तेलंगाना मॉडल अपनाया जाए। यानी सिर्फ जातियों की गिनती ही नहीं बल्कि जातिवार सामाजिक और आर्थिक स्थिति से जुड़ी विस्तृत जानकारी भी जुटाई जानी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना के जातिगत सर्वेक्षण में 56 सवाल पूछे गए थे। अब सवाल यह है कि 56 इंच की छाती का दावा करने वाले ‘नॉन बायोलॉजिकल’ व्यक्ति में क्या इतनी समझ और साहस है कि वह 16वीं जनगणना में भी 56 सवाल पूछने की हिम्मत दिखा सकें?’’
आपको बता दें, सरकार ने सोमवार को वर्ष 2027 में जातिगत गणना के साथ भारत की 16वीं जनगणना कराने के लिए अधिसूचना जारी की। पिछली बार ऐसी जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी। अधिसूचना में कहा गया है कि लद्दाख जैसे बर्फीले क्षेत्रों में जनगणना एक अक्टूबर 2026 से तथा देश के बाकी हिस्सों में एक मार्च 2027 से की जाएगी।