0 अरुण पटेल
यदि भारत निर्वाचन आयोग कोरोना महामारी के चलते बिहार में विधानसभा चुनाव समय पर कराने का फैसला करता है तो फिर मध्यप्रदेश में भी विधानसभा के 27 उपचुनाव उसके आसपास याने अक्टूबर में कराए जा सकते हैं। भाजपा वर्चुअल अभियान के बाद अब मैदान में उतरने की तैयारी कर चुकी है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस फिलहाल मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की घेराबंदी कर रही है। फिलहाल कांग्रेस की सक्रियता मैदान में नजर नहीं आ रही है। सर्वाधिक 16 उपचुनाव ग्वालियर-चंबल संभाग में होना है इसलिए 22 अप्रैल से तीन दिवसीय सदस्यता अभियान के बहाने भाजपा मैदान में नजर आएगी। इस अभियान में शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद विष्णु दत्त शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया उपस्थित रहेंगे।
सदस्यता अभियान में सिंधिया के भाजपा में आने के बाद कांग्रेस छोड़कर आने वालों को भाजपा की सदस्यता दिलाने की योजना है। भाजपा का दावा है कि इसअभियान में हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा में शामिल होंगे। भाजपा एक ऐसा मनोवैज्ञानिक माहौल बनाने की हर संभव कोशिश करेगी कि कांग्रेस इस अंचल में काफी कमजोर हो गई है ताकि उपचुनाव में भाजपा के पक्ष में एक लहर बनाई जा सके। देखने वाली बातें यही होंगी कि इसका कांग्रेस इस इलाके में कैसे मुकाबला करेगी और मतदाताओं को क्या भरोसा दिला पाएगी कि वह अभी भी इस अंचल में मजबूत है और पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी। 22, 23 और 24 अगस्त के बाद सभी 27 चुनाव क्षेत्रों में शिवराज, सिंधिया और विष्णु दत्त शर्मा नजर आएंगे तो नरेंद्र सिंह तोमर भी इसमें सहभागिता करेंगे ही। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा मैदानी मोर्चा संभालते नजर आएंगे तो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा अब एक प्रकार से ग्वालियर में ही डेरा डाले रहेंगे। खासकर मीडिया और सोशल मीडिया का मोर्चा वह संभालेंगे। झा इस मामले में सिद्धहस्त हैं।
सदस्यता अभियान के दौरान कांग्रेस के जनाधार वाले नेताओं पर नजर होगी और उन्हें भाजपा का सदस्य बनाने पर विशेष जोर दिया जाएगा। बहुजन समाज पार्टी और अन्य दलो से जुड़े लोगों को भी सदस्यता दिलाने का प्रयास किया जाएगा। प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है ऐसी संभावना राजनीतिक हलकों में महसूस की जा रही है और भाजपा के साथ ही अब कांग्रेस भी अपने ढंग से सक्रिय हो रही है। फिलहाल कांग्रेस का फोकस वचनपत्र बनाने और सही उम्मीदवारों के चयन पर है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 27 क्षेत्रों के लिए अलग-अलग वचन पत्र के आधार पर मतदाताओं का विश्वास हासिल करना चाहते हैं इसलिए वह स्थानीय मुद्दों के आधार पर जनता को विश्वास में लेकर विकास का रोडमैप बनाने में रुचि ले रहे हैं। इन क्षेत्रों के पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों के साथ ही पर्यवेक्षक और समन्वयक से सुझाव मांगे हैं। कमलनाथ खुद हर बैठक में उपस्थित रहकर वचनपत्र को अंतिम रूप देंगे और आज सुझाव मांगने की शुरुआत दिमनी, अम्बाह और मुरैना विधानसभा क्षेत्रों के नेताओं से बैठक कर की है। बसपा ने भी सभी क्षेत्रों में चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोंक दी है और आज प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक में प्रदेश प्रभारी रामजी गौतम और प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। उपचुनाव में किसी भी दल से गठबंधन ना करते हुए सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय भी किया गया।
शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश के युवाओं को ही सरकारी नौकरियां देने के मास्टर स्ट्रोक के बाद अब कांग्रेस नेता ट्वीटर और मीडिया के माध्यम से शिवराज की घेराबंदी कर रहे हैं। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि भाजपा की सरकार आते ही शिवराज ने हमारी सरकार द्वारा प्रारंभ कई जनहितैषी महत्वपूर्ण योजनाएँ बंद कर दी व कई जनहित के अभियानों को बंद का दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की किसान ऋण माफ़ी योजना को रोक दिया, 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली की हमारी योजना को रोक दिया। अब आपकी सरकार, हमारी सरकार द्वारा कन्या विवाह/निकाह योजना में 28 हज़ार की राशि को बढ़ाकर 51 हज़ार करने के निर्णय पर रोक लगाने का निर्णय सुना रही है। महंगाई के इस दौर में कन्या विवाह की राशि काफ़ी कम थी इसलिये हमने बेटियों के हित में निर्णय लेते हुए इस राशि को बढ़ाया था। आपको तो कोरोना के इस संकटकाल को देखते हुए इस राशि को और बढ़ाना चाहिये लेकिन आपके मंत्री तो इस राशि को कम करने का निर्णय सुना रहे हैं। कमलनाथ ने सवाल किया कि आप ख़ुद को मामा कहलवाते हो और आपकी सरकार भाँजियो का ही अहित करने में लग गयी है फिर कैसे मामा हो आप? प्रदेश की बेटियों के हित में लिये गये हमारी सरकार के निर्णय को हम किसी भी सूरत में बदलने नहीं देंगे। यदि आपने इस निर्णय को बदला तो कांग्रेस के विरोध में प्रदेश भर में सड़कों पर उतरेगी और हम चुप नहीं बैठेंगे।
किसानों के मुद्दे पर पूर्व कृषि मंत्री कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने शिवराज पर सवाल दागा कि आपको किसानों से इतनी नफरत क्यों? इसके साथ ही यादव ने दावा किया कि किसान उपचुनावों में शिवराज सरकार का बोरिया बिस्तर बांध देंगे। उन्होंने राज्य सरकार पर किसान विरोधी निर्णय लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे किसान परेशान होने वाला है। अतिथि शिक्षकों के मामले में घेराबंदी करते हुए पूर्व मंत्री कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि शिवराज की झूठी घोषणाओं से 60 लाख बेरोजगारों का पेट नहीं भरेगा आखिर प्रदेश के सत्तर हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों ने क्या बिगाड़ा है? वर्मा ने कोरोना संक्रमितों के साथ घूमकर सार्वजनिक कार्यक्रम करने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया पर प्रकरण दर्ज करने की मांग की। वर्मा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश सरकार पर झूठे सपने दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले कानून लायें फिर सपने दिखायें क्योंकि 2 करोड़ लोगों को हर साल नौकरी का वादा करके मोदी सरकार 16 करोड़ लोगों की नौकरी खत्म कर चुकी है। उन्होंने ने कहा कि अपनी छोटी-छोटी मांगों को लेकर प्रदेश के सत्तर हजार से अधिक अतिथि शिक्षक सरकार के विरोध में प्रदर्शन तथा आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन शिवराज सरकार इस दिशा में कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रही है।
और अंत में…….….
उपचुनाव में अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए शिवराज कटिबद्ध हैं और इसके लिए अलग-अलग वर्चुअल रैलियों के माध्यम से कार्यकर्ताओं और नेताओं को जीत के टिप्स दे रहे हैं। विगत दिवस शिवराज ने कहा कि जीत का पहला सूत्र ’जीत का मन बनाना’ है। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में भाजपा की तैयारी अच्छी चल रही है बस जरूरत है कि हम पूरी ताकत से जीत का मन बनाकर मैदान में उतरें और कंधे से कंधा मिलाकर जीत सुनिश्चित करें। शिवराज का यह मंत्र अचूक हो सकता है कि ’क्योंकि यह माना जाता है कि मन के जीते जीत है और मन के हारे हार।’
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