आर्य समाज के 150वीं स्थापना वर्ष और स्वामी दयानंद सरस्वती की जन्म जयंती पर धर्म रक्षा महायज्ञ व वैदिक सनातन संस्कृति सम्मेलन का हुआ आयोजन

0 मृत्युंजय चतुर्वेदी द्वारा

रायपुर।  स्वतंत्रता संग्राम में आर्य समाज की अहम भूमिका रही है विश्व भर में मानव सेवा तथा समाज के उत्थान के प्रति समर्पित संगठन आर्य समाज की स्थापना के 150 वर्ष गौरवपूर्ण रहे हैं आर्य समाज ने अपनी स्थापना के समय से ही समाज के संपूर्ण उत्थान के लिए विलक्षण कार्य किए हैं जिनमें से अनेक प्रकल्प गुरुकुल, उपदेशक, महाविद्यालय, डी.ए.वी विद्यालय, अनाथ आश्रम ,अस्पताल, सहायता केंद्र ,व्यायाम शाला, नशा मुक्ति केंद्र आदि भारत के अलावा विश्व के लगभग 40 देशों में अनवरत सेवारत है महर्षि के जन्म के 200 वर्ष तथा आर्य समाज की स्थापना के 150 वर्ष के आयोजनों का शुभारंभ 12 फरवरी 2023 को दिल्ली से भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया था। जिनकी प्रेरणा से इस प्रकार के कार्यक्रम पूरे देश विदेश में संचालित किए जा रहे हैं। इसी कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा के तत्वाधान में यह भव्य आयोजन 19 20 अप्रैल, द्वि दिवसीय शनिवार ,रविवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम साइंस कॉलेज के पास जी. ई.रोड रायपुर में बड़े धूमधाम से मनाया गया।कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भारतवर्ष के विभिन्न प्रांतो से पूज्य सन्यासी गण ,वैदिक विद्वानों, माननीय राजनेताओं, गुरुकुल के आचार्य गण स्नातक मित्रों व पदाधिकारी गण के उपस्थिति में कार्यक्रम को सफल बनाया गया।


यज्ञों में श्रेष्ठतम कर्म अर्थात यज्ञ संसार का श्रेष्ठतम कर्म है की बात को चरितार्थ करते हुए धर्म रक्षा महायज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों महिला पुरुषों ने यज्ञ में आहुति देकर पर्यावरण को शुद्ध करते हुए पुण्य लाभ के भागीदार बने ।
छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा के तत्वाधान में आर्य समाज की 150वीं स्थापना वर्ष एवं महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जन्म जयंती के पावन अवसर पर 200 कुंडिय धर्मरक्षा महायज्ञ एवं वैदिक सनातन संस्कृति सम्मेलन व परिवार निर्माण एवं समाज निर्माण पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय, छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह एवं अनेक गुरुकुलों के संस्थापक स्वामी धर्मानंद एवं पार्थ जयंतीलाल रावल, बृजमोहन अग्रवाल लोकसभा सांसद रायपुर, के आतिथ्य में धर्म रक्षा महायज्ञ एवं वैदिक सनातन संस्कृति सम्मेलन 19 व 20 अप्रैल शनिवार रविवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम साइंस कॉलेज रायपुर छत्तीसगढ़ में संपन्न हुआ। सभा को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुजरात प्रांत के महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने अपने सारगर्वित उद्बोधन में गाय माता एवं वनस्पति विषय पर कहां की एक गाय किसान के पूरे परिवार की स्थिति को सुदृढ़ करती है ठीक उसी प्रकार वनस्पति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें अपने आसपास की भूमि को ऐसा उर्वरक बनाना चाहिए जिससे पैदावार प्रकृति के विटामिन को लेते हुए भरपूर हो ।उन्होंने जंगल में लगे हुए वृक्ष पौधे की तुलना लोगों के लगाए गए फर्टिलाइजर युक्त भूमि में उपजाई पौधे की स्थिति की बारे में बताया कि जंगल में लगा हुआ पौधा बिना देख रेख के इतने विटामिन देते हैं जबकि वहीं पौधा लोगों द्वारा रोपे गए पौधों में उतने विटामिन नहीं पाए जाते हैं । इसके लिए हमें आसपास के भूमि वातावरण को शुद्ध एवं उर्वरक बनाना होगा जबकि आज किसान अपने पैदावार में बाजार से नाना प्रकार के रासायनिक खाद लाकर पैदावार करते हैं जो कि मनुष्य के जीवन के लिए हानिकारक है जिससे बहुत सारे बीमारियां जो पहले देखने , सुनने को नहीं मिलती थी वह आज छोटे- उम्र के बच्चों के शरीरों में पाये जा रहे हैं ।हमें इस और ध्यान देना होगा। जैसे गाय को सर्वप्रथम हर घर के खूंटे से बांधना होगा ,ना की गौशाला में ,तब हम गाय की अच्छी उपयोगिता हासिल कर सकते हैं ।आचार्य देवव्रत जी ने छत्तीसगढ़ राज्य में इस विशाल आयोजन को अच्छा बताया और उन्होंने मंच से आयोजन कर्ता को ₹500000 रुपए देने की घोषणा की है । जिससे उपस्थित जनों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया । इस अवसर पर उपस्थित सभा को कैप्टन रूद्र सेन ने अपने उद्बोधन में इस प्रकार के आयोजन होना बहुत ही अच्छा, प्रेरणादायक बताया और आयोजन कर्ता को बहुत-बहुत साधुवाद दिया साथ में मंच द्वारा अपनी ओर से 11 लाख रुपए देने की घोषणा की, उपस्थित जनों ने इसका स्वागत किया । गुरुकुलों के संस्थापक स्वामी धर्मानंद जी ने अपने उद्बोधन में सभी लोगों से आह्वान किया है कि सभी अपने बच्चों को गुरुकुलों के माध्यम से शिक्षा दिलानी चाहिए। तब ही हम धर्म रक्षा की बात ,अच्छे संस्कारवान की बात ,अपने परिवार में ,उपस्थित जनों में, देश में ला सकते हैं । मंचीय उद्बोधन में आर्य समाज के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ रामकुमार पटेल ने कहा कि आज इस कार्यक्रम में राजस्थान गुजरात के अतिथि राज्यपाल का आगमन एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह का आगमन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आगमन एवं सभी गुरुकुलों के संस्थापक अध्यक्ष स्कूली बच्चों के आगमन से यह कार्यक्रम गौरवान्वित हुआ। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री  से नया रायपुर में किसी भी मार्ग को आचार्य दयानंद सरस्वती जी के नाम पर रखे जाने की मांग एवं 10 एकड़ जमीन जिसमें इस प्रकार के वृहद कार्य का आयोजन किया जा सके की मांग की। मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन विष्णु देव साय जी ने उपस्थित जनों से अपने उद्बोधन में कार्यक्रम को अच्छा बताया। साथियों उन्होंने कहा कि प्रांतीय अध्यक्ष जी ने जो जमीन और दयानंद सरस्वती जी के नाम से मार्ग रखने की बात कही है इसका जल्द निराकरण किया जाएगा। मंच द्वारा महामहिम राज्यपाल जी का एवं मुख्यमंत्री जी का गुरुकुलों के संस्थापक स्वामी धर्मानंद जी का एवं आए हुए सभी अतिथियों का स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र देकर सम्मान किया गया। इस सभा के आयोजन समिति में श्री रूप नारायण सिंहा जी संयोजक ,अध्यक्ष योग आयोग छत्तीसगढ़ शासन रायपुर,डॉ, रामकुमार पटेल प्रधान छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा एवं श्री अवनीभूषण पुंरग ,मंत्री छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा,  जगबंधु शास्त्री कोषाध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा एवं मंचासिन अतिथियों में कैप्टन रूद्रसेन सिंधु अध्यक्ष सिंधु शिक्षा फाऊंडेशन हरियाणा, श्री विनय आर्य महामंत्री दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा ,श्री सुरेंद्र कुमार आर्य अध्यक्ष ज्ञान ज्योति पर्व ,श्री सुरेश अग्रवाल प्रधान स्वदेशी सभा ,श्री दीनदयाल गुप्त संस्थापक डॉलर बनियांन प्राइवेट लिमिटेड , माननीय श्री प्रबल प्रताप सिंह प्रदेश मंत्री भारतीय जनता पार्टी, डॉ, पुरेंद्रु सक्सेना क्षेत्रीय संघ संचालक, पूर्व संघ चालक बिसरा राम यादव, आचार्य कपिल देव शास्त्री, आचार्य प्रेम नारायण मौर्य,  गौतम खट्टर, किशनलाल गहलोत, श्रीमती अर्चना खंडेलवाल, श्रीमती मंजूलता असफलया जी के उपस्थिति में संपन्न किया गया। उक्त आयोजन में छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले से आर्य समाज सचिव मृत्युंजय चतुर्वेदी, श्रीमती सुनीता चतुर्वेदी एवं आर्य समाज अध्यक्ष हेमंत कुमार सोनी ,श्रीमती उर्मिला सोनीजी नें अपनी सहभागिता दर्ज कराई। कार्यक्रम में परिवार के लिए वैदिक संस्कारों का महत्व, स्वामी दयानंद जी का जीवन वृतांत ,वैदिक सनातन धर्म वर्तमान और भविष्य के लिए चुनौती और समाधान, एवं आर्य वीर दल शक्ति प्रदर्शन, सांस्कृतिक कार्यक्रम मैं आर्य बालक ,बालिकाओं द्वारा विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम मैं सभी आमंत्रित अतिथियों के स्वागतो उपरांत छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि मंडल द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित आचार्य संत काशीनाथ चतुर्वेदी जी का भी वेद मंत्र से लिखा वस्त्र पट्टीका के द्वारा सम्मान किया गया । पूरे कार्यक्रम का संचालन आचार्य राकेश एवं जीववर्धन शास्त्री जी के द्वारा बड़े ही सुमधुर वाणी द्वारा कराया गया।