किसानों के पंजीयन के लिए निर्धारित तिथि का गांव में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं। धान के रकबे के लिए पंजीयन के दौरान अन्य फसलों का रकबा इसमें शामिल न हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह खसरे में अंकित रकबे से अनुपयोगी बंजर भूमि, पड़ती भूमि, निकटवर्ती नदी, नालों की भूमि, निजी तालाब, डबरी की भूमि, कृषि उपयोग हेतु बनाये गये पक्के कच्चे शेड आदि की भूमि को पंजीयन रकबे से कम करने के निर्देश दिए गए हैं। विविध व्यक्तियों, ट्रस्ट, मंडल, प्रा. लिमिटेड कंपनी, केंद्र एवं राज्य शासन के संस्थानों, शैक्षणिक संस्थाओं की भूमि को धान बोने के प्रयोजन हेतु यदि किसी किसान को लीज अथवा अन्य माध्यम से दी गई हो, तो संस्था की कुल धारित भूमि के अधीन वास्तविक खेती करने वाले किसान को संस्था के साथ एग्रीमेंट करके ही वास्तविक किसान के नाम से पंजीयन किया जाना है। इसके लिए तहसीलदार के माध्यम से आवेदन देना होगा।