‘गति’ से प्रगति का प्रयास

राज्य की विष्णुदेव सरकार ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अपने दूसरे बजट में वित्तीय अनुशासन के साथ सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने के प्रयास के साथ दृढ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है। यह बजट लीक से हटकर है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हस्तलिखित बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री चौधरी ने खुद अपने हाथों से 100 पृष्ठों के इस बजट को लिखा है। वित्त मंत्री ने पिछले बजट को GYAN थीम पर पेश किया। इस बार उन्होंने गति (GATI) थीम को आधार बनाया है। उनका मानना है कि GYAN यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को केंद्र बिंदु बनाकर योजनाओं का निर्माण किया। अब इसे सुनिश्चित करने के लिए जरूरी रणनीति GATI को आधार बनाया है। GATI का अर्थ सुशासन, अधोसंरचना, टेक्नोलॉजी और औद्योगिक विकास है। यह न केवल ज्ञान के कल्याण के लिए जरूरी है, बल्कि हमारे 2030 तक के मध्यकालीन लक्ष्य और 2048 तक के ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के दीर्घकालीन लक्ष्य को भी प्राप्त करने के लिए जरूरी है। वैसे इस बार के बजट में गांव, गरीब, किसान, कर्मचारी, शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर टेक्नोलॉजी तक हर क्षेत्र में कुछ न कुछ नया करने का प्रयास किया गया है। सरकारी कर्मचारियों के लिए डीए बढ़ाने के साथ पेंशन फंड बनाया गया है। हर गांव में मोबाइल टॉवर और पब्लिक बसें, नए अस्पताल, कॉलेज और मेट्रो की सुविधा देने का जिक्र किया गया है। नवा रायपुर में राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान के अलावा एजुकेशन सिटी की घोषणा महत्वपूर्ण है। सुरक्षा के लिए एनएससी की तर्ज पर ‘स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप’ (एसओजी) बनाए जाने की योजना है, जो खतरनाक अपराधियों से निपटेगी। शहरों के साथ ही गांवों को भी स्मार्ट बनाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए अच्छी खासी राशि का प्रावधान किया गाया है। गांवों को पक्की सडक़ों से जोडऩे के लिए मुख्यमंत्री रिंग रोड योजना शुरु की जाएगी। बस्तर और सरगुजा को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने एडवेंचर टूरिज्म और टूरिज्म सर्किट की घोषणा की गई है। छात्रों की पढ़ाई को रोचक बनाने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए 17 नई लाइब्रेरी खोली जाएंगी। किसानोंं को डिजिटली सुविधा देने के लिए भूूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए विशेष फंड दिया गया है। जमीन या मकान की खरीदी-बिक्री के लिए पेपरलेस रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरु की जाएगी। स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और खाद्य सुरक्षा के लिए भी अच्छा खासा बजट का प्रावधान है। पेट्रोल की कीमत में एक रुपए की कमी की गई है, जबकि सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। राज्य की ग्राम पंचायतों में पहली बार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए विशेष बजट का प्रावधान किया गया है। पत्रकारों के लिए भी इस बजट में बहुत कुछ है। सेवानिवृत्त पत्रकारों की सम्माननिधि की राशि दोगुनी कर दी गई है। अर्थव्यवस्था की दृष्टि से देखे तो बजट में सकल घरेलू उत्पाद में 12 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि हुई है। बिना कर लगाए राजस्व में 11 प्रतिशत की वृद्धि तथा राजस्व अधिशेष 2,804 करोड़ रुपए का अनुमान अर्थव्यवस्था की बेहतर स्थिति को बताने के लिए काफी है। बहरहाल, यह बजट अर्थव्यवस्था की मजबूती के साथ राजनीतिक हितों को साधने की कोशिश वाला बजट है। विपक्ष भले ही इसे ‘दुर्गति’ वाला बजट करार दें, लेकिन सही मायने में यह बजट लोगों के विश्वास पर खरा उतरने के साथ ही राज्य को गति से प्रगति की ओर ले जाने का एक दस्तावेज है।