*पहले मोदी की गारंटी के नाम पर ठगा अब अटल विश्वास पत्र लाकर जनता को ठगने की कोशिश*
*विधानसभा में मोदी की गारंटी के नाम पर किये 20 में से 17 वादे आज भी पूरे नहीं*
*किस नैतिकता से नये वादे कर रही भाजपा*
रायपुर। राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा ने जनता को ठगने के लिए नगरीय निकाय चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी किया है। विधानसभा चुनाव में मोदी की गारंटी के नाम से घोषणा पत्र जारी किया था उसे पूरा नहीं कर पाये। जनता का भरोसा उठ गया है तब अटल जी के नाम से अटल विश्वास पत्र जारी कर रहे। भाजपा को पता है मोदी के नाम से जनता वोट नहीं देगी ‘‘मोदी की गारंटी’’ फिर नहीं चलेगी। काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती इसीलिये नगरीय निकाय के घोषणा पत्र को ‘अटल विश्वास पत्र’ का नाम दिये है लेकिन जनता अब इनके झांसे में नहीं आने वाली।
विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र के रूप में मोदी की गारंटी प्रस्तुत किया। मोदी की गारंटी में कुल 20 वादे किये थे, 1 साल हो गये राज्य में भाजपा की सरकार बने मोदी की गारंटी के 20 गारंटी में से 17 गारंटी आज भी पूरे नहीं किये जो 3 गारंटी पर जो कुछ काम हुआ है वह भी आधा अधूरा है। जब पहले के वादे पूरे नहीं किये फिर किस नैतिकता से फिर जनता के सामने नया घोषणा पत्र लेकर आये है। जब पुराना घोषणा पत्र जिसके आधार पर 2023 में राज्य में सरकार चलाने का जनादेश लिया उसे पूरा नहीं किया तो जनता नये घोषणा पत्र पर कैसे और क्यों भरोसा करेगी? भाजपा का नया घोषणा पत्र भी झूठ और वादाखिलाफी का दस्तावेज है।
भाजपा के घोषणा पत्र में झूठ बोला गया है कि पट्टाधारकों को भू-स्वामी बनायेंगे जबकि कांग्रेस सरकार के समय जिनको भू-स्वामी बनाया गया था उनके स्वामित्व को रद्द करने मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पारित किया है। शहरी क्षेत्रों में भाजपा की सरकार आने के बाद सारे विकास कार्य ठप्प कर दिया है। नया विकास का वादा किस नैतिकता से कर रहे। गोठानों को बंद कर दिया है, गोकुल नगर बनाने का झूठा वादा किया है। प्रदेश में सिकल सेल, एनीमिया के बजट में कटौती कर दिया है फिर निकायों के माध्यम से इसमें नियंत्रण करने का झूठा वादा कैसे कर रहे? भाजपा झूठा वादा कैसे करती है, इसका उदाहरण है। भाजपा वादा किया है कि प्रत्येक माह की 7 तारीख के पहले पटाने पर प्रॉपर्टी टैक्स में 10 प्रतिशत की छूट देंगे? यह प्रेक्टिकल संभव नहीं है। जब निर्धारण वार्षिक है, फिर मासिक कैसे छूट देंगे?