दुर्ग। राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध त्वचा एवं यौन रोग के चिकित्सक डॉ. अजय गुप्ता, जो भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) के पिछले 34 वर्षों से आजीवन सदस्य हैं और पिछले 35 वर्षों से दुर्ग, छत्तीसगढ़, रेलवे स्टेशन के पास अपनी सेवाएं दे रहे हैं, ने यूथनेशिया पर अपनी 15वीं और 16वीं ई-बुक अंग्रेजी और हिंदी में प्रकाशित की है।
यूथनेशिया, जिसे सहायक आत्महत्या भी कहा जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति विशेष परिस्थितियों में स्वेच्छा से अपने जीवन को समाप्त कर सकता है। इसके कुछ लाभ हैं, जैसे ज़रूरतमंदों को अंग या शरीर दान करने का अवसर, समय पर संपत्ति की वसीयत तैयार करना, विदाई समारोह का आयोजन करना और प्रियजनों के साथ समय बिताना। इसे जनसंख्या नियंत्रण के संभावित तरीके के रूप में भी देखा जा सकता है।
जब हजारों लोग यूथनेशिया के माध्यम से अपना जीवन समाप्त करते हैं, तो यह अंग और शरीर दान की संख्या में वृद्धि कर सकता है, जिससे नए व्यावसायिक अवसर उत्पन्न होते हैं। समय पर संपत्ति की वसीयत बनवाने से वकीलों के लिए काम बढ़ेगा , जबकि विदाई समारोह आयोजन से इवेंट मैनेजमेंट और अंतिम संस्कार सेवाओं से जुड़े उद्योगों को लाभ होगा। इन सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा इस ई-बुक में की गई है।
जानिए कि कैसे यूथनेशिया एक अरबों डॉलर का उद्योग बन जाएगा और यह नए व्यावसायिक अवसरों से कैसे जुड़ा हुआ है। यह मुफ्त ई-बुक www.drajaygupta.com पर उपलब्ध है। इस वेबसाइट पर अब तक 2 लाख 18 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने विजिट की है।