अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता: छत्तीसगढ़ ने तीसरे दिन 14 स्वर्ण पदक जीतकर कायम रखा दबदबा

*वन मंत्री ने खिलाड़ियों से मिलकर किया उत्साहवर्धन और व्यवस्थाओं का लिया जायजा*

*प्रतिभागियों में दिखा उत्साह, सभी को पसंद आ रही है छत्तीसगढ़ की मेहमान नवाजी*

रायपुर/ राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद एथलेटिक स्टेडियम कोटा में आयोजित 27वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता के तीसरे दिन शुक्रवार को छत्तीसगढ़ ने 14 स्वर्ण पदक जीतकर लगातार अपना दबदबा कायम रखा। छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने अब तक कुल 37 स्वर्ण, 20 सिल्वर, 14 ब्रोंज पदक जीते हैं। छत्तीसगढ़ अभी पदक तालिका में 279 पॉइंट प्राप्त कर कुल 71 पदक जीतकर प्रथम स्थान पर है।

प्रतियोगिता के तीसरे दिन 100 मीटर रेस वुमन ओपन कैटेगरी में केरल की अनु आर. ने गोल्ड जीता। वहीं 100 मीटर रेस वुमन वेटेरन कैटेगरी में छत्तीसगढ़ की अनीता कोर्रम ने पहला स्थान हासिल किया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की सुशीला पैकरा ने 800 मीटर वॉक वुमन ओपन और थोटा संकीर्तना ने 1500 मीटर रेस वुमन ओपन में गोल्ड मेडल हासिल किया।

वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने आज प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ियों से मिलकर व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया और उनका उत्साहवर्धन भी किया। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में खेल अधोसंरचना का तेजी से विकास किया जा रहा है, वहीं खिलाड़ियों को भी बेहतर सुविधाओं के साथ-साथ उनके खेलों को निखारने के लिए अवसर दिया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने खेल और प्रतिभागियों के आवास और भोजन के साथ ही आवागमन सहित अन्य व्यवस्था संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश विभाग के अधिकारियों को दिए।

कार्यक्रम की नोडल अधिकारी श्रीमती शालिनी रैना ने बताया कि इस भव्य आयोजन को लेकर सभी प्रतिभागियों में जोश और उत्साह है। रायपुर के विभिन्न स्पोर्ट्स ग्राउंड में आज अनेक विधाओं की प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। छत्तीसगढ़ में इस बार 2920 खिलाड़ियों ने भाग लिया है, जिनमें 2331 पुरुष और 585 महिला खिलाड़ी शामिल हैं। प्रतिभागियों में उत्साह है और छत्तीसगढ़ की मेहमान नवाज़ी की प्रशंसा की जा रही है। राज्य की संस्कृति और खान-पान की विशेषताएँ सभी को भा रही हैं।

गौरतलब है कि अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन 1992 से हो रहा है, और यह छत्तीसगढ़ में तीसरी बार आयोजित हो रहा है। यह प्रतियोगिता वनों के संरक्षण पर आधारित है और इसमें वनरक्षक से लेकर विभाग के अधिकारी भी भाग ले रहे हैं।