सूरजपुर की घटना सरकार और पुलिस के तंत्र पर बड़ा सवाल; जिला बदर बदमाश कैसे जिले में खुला घूम रहा था?

रायपुर/ पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि पूरे प्रदेश में लगातार आपराधिक घटनायें बढ़ गयी है। महिलायें, बच्चियां सुरक्षित नहीं है। कुछ दिन पहले ही एक आदिवासी बच्ची को कुछ युवक अपने मोटरसाइकिल में बैठाकर ले जाते हैं दुष्कर्म की संभावना है। बच्ची को गंभीर चोटें हैं, बाएं आंख में सूजन है। बच्ची के बयान अनुसार काफी मारपीट भी उसके साथ की गई। उसने बताया कि कुछ पदार्थ या तो पिलाया गया या सुंघाया गया और बेहोशी की हालत में उसको अगवा किया गया। पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी। मुख्यमंत्री जी का संभावित दौरा था बावजूद उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी जाती है एफआईआर नहीं होता है, एमएलसी नहीं होती है। सूरजपुर जिला अस्पताल से जब मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रेफर किया जाता है फिर भी कार्रवाई नहीं होती है। परिवार बुजुर्गों से बच्ची के पिता से मैंने फोन से भी बात की और उन्हें एक ही बात कही कि हमें न्याय चाहिए। पता करने पर कि एमएलसी नहीं हो रही है बच्ची की देखरेख भी ठीक से नहीं हो रही है ऐसा सुनने में आया था। आईजी से बात किया। आईजी साहब से बात के उपरांत मुझे बताया गया कि लगभग आठ बजे के आसपास पुलिस वाले पहुंचे और शायद बयान इत्यादि लिया। बच्ची अभी भी अस्पताल में है। स्थिति स्टेबल दिख रही है बच्ची स्वस्थ हो सकती है। शेष कार्रवाई जांच के तथ्यों के आधार पर की जाएगी। बच्ची ने कुछ बयान दिए हैं लेकिन वो जांच उपरांत मेरे ख्याल से तथ्यों की पुष्टि के बाद कार्रवाई धाराएं सम्पूर्ण लगेगी।

सूरजपुर में अत्यधिक वीभत्स घटना परसों रात की है, जहां एक जिलाबदर व्यक्ति ने पुलिसकर्मी हवलदार हैं, उनके घर में घुस कर उनकी पत्नी और उनकी लगभग 12-13 साल उम्र की बच्ची की नृशंस हत्या की। बताते हैं कि बड़ी मात्रा में खून वहां जमा पाया गया। सीढ़ी से घसीट कर संभवतः लाश को नीचे लाया गया, गाड़ी में डाला गया। कम से कम 15 से 20 वार एक शरीर के ऊपर उनकी पत्नी के शरीर पर भी, पुत्री के भी शरीर में गले में चाहे तलवार की नोक से चाहे किसी धारदार औजार से हमले किए गए। ऐसी निर्ममता से हत्या की गई। बच्ची के साथ भी जब वहां पर हमला हो रहा था। मेरी जानकारी अनुसार मां ने बच्ची को कहा कि तुम भाग जाओ, चली जाओ। लेकिन बच्ची ने अपनी मां के बचाव के लिए भरपूर संघर्ष किया और उस समय जब मां बोलती रही की तुम चली जाओ, भाग जाओ और उसने देखा होगा की मां की स्थिति बहुत ही अब गंभीर हो चुकी है बच्ची भागती है दरवाजे की ओर। इसमें दो बातें फिलहाल आ रहे हैं पूरी जांच होगी तो वह जानकारी आएगी।

भरगवा गांव है रिंग रोड के ऊपर जहां सूरजपुर और भरगवा की सीमा लगती है किराए पर लिया था नीचे का दूसरे के पास था पुलिस रेलवे विभाग की कोई कर्मी है उनके पास था वह छुट्टी पर थे और इस घटना को अंजाम देकर शरीर को गाड़ी में डालकर अभी जो मुझे जानकारी मिली है डिजायर गाड़ी में शरीर को डालकर पीढ़ा गांव है वहां से कुछ किलोमीटर दूर सूरजपुर वहां पर जाकर जो ट्रेड्स बने रहते हैं या तो गौठान इत्यादि में फेंक दिया जाता है।

जिलाबदर व्यक्ति के बारे में लोगों ने बताया दुर्गा पूजा के कार्यक्रम के दरमियान तलवार भांजते हुए भी देखा गया। दुर्गा विसर्जन में रेंड नदी में जाकर दुर्गा विसर्जन ने भी खुलेआम भाग लेते देखे गए। उस रात की घटना जिस रात की घटना हुई उस रात के वह क्या है वहां से लौटकर आते हैं जो हवलदार हैं उनको फोन करके वो बोलता है कि मैं थाने के पास खड़ा हूं तुम आ जाओ। हवलदार वहां पहुंचते हैं उसके ऊपर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास करता है और पुलिस पीछा करती है। वो पृथक हो जाता है पुलिस पकड़ नहीं पाती है। किसी ने कहा है फायर भी किया। थाने वाले लोग बताते हैं कि करीब 9.40 के आसपास की यह घटना है। इसके बाद वो रात को घर पहुंचता है, संभवतः साढ़े 11 बजे के आसपास और यह इस विभत्स घटना को अंजाम देता है। जिला बदर व्यक्ति घटना के दिन इस स्थिति में देखा और पाया जाता है कानून व्यवस्था को लागू करने वालों की स्थिति के बारे में आप स्वयं सब जागरुक हैं अंदाजा लगा सकते हैं।

इतना ही नहीं दुर्गा सप्तमी के दिन एक कार्यक्रम हो रहा था जिसमें शहनाज़ अख्तर जी का कार्यक्रम था लोग एकत्रित थे कुछ लोग घरों के ऊपर से कार्यक्रम को देख रहे थे। ये जो हत्यारा है कुलदीप साहू और इसका बड़ा भाई संदीप साहू यह भी कार्यक्रम को ऊपर से देख रहे थे। एक व्यक्ति के साथ वाद-विवाद होता है। ये लोग उसको ऊपर से फेंक देते हैं नीचे। छत से नीचे फेंक देते हैं यह जिलाबदर व्यक्ति की गतिविधियां दुर्गा सप्तमी के दिन कि मैं आपको बता रहा हूँ जिस दिन यह वीभत्स कांड हुआ उस दिन की घटना मैंने आपको पहले ही बताया। कुलदीप और संदीप दोनों वहां पर मौजूद रहते हैं जहां की छत से नीचे फेंका जाता है। कुलदीप भाग जाता है, संदीप हिरासत में आता है। पुलिस संभवतः कुछ कार्रवाई करती होगी।

हत्या के दिन यह कुलदीप दुर्गा पूजा इत्यादि के कार्यक्रम के बाद पुराना बस स्टैंड है सूरजपुर का अभी शिफ्ट हो गया है रिंग रोड में यहां पर नगर पालिका की दुकानें हैं, कई लोगों के घर हैं उन नगर पालिका की दुकानों के पीछे साहू परिवार का घर है। वहां एक होटल मोनू बिरयानी सेंटर इसमें ये व्यक्ति पहुंचता है। आरक्षक घनश्याम सोनवानी और जो प्रधान आरक्षक मृतका के पति और बच्ची के पिता थे। ये वो दो लोग हैं जिन्होंने सप्तमी के दिन कार्रवाई की थी। ये घनश्याम सोनवानी यहां बिरियानी सेंटर में बैठे रहते हैं यह बेखौफ व्यक्ति आता है। कढ़ाई के गरम तेल इस व्यक्ति के ऊपर फेंक देता है। वहां के बाद की बाकी घटनाएं मैंने आपको सुनाई।

प्रश्न है वह यही है कि एक जिला बदर का व्यक्ति कैसे जिले में घू रहा था? क्या यही पुलिस तंत्र की व्यवस्था छत्तीसगढ़ में कायम है? किसके संरक्षण में घूमने दिया जाता है? दुर्गा पूजा में भाग लेने दिया जाता है, विसर्जन में जाता है। पुलिस वाले को चुनौती देता है। खौलते हुए तेल की कढ़ाई एक के ऊपर फेंकता है। दूसरे को बुलाकर गाड़ी चढ़ाने की बात करता है। थाना लगभग रोड के आमने-सामने हैं जो पुराना सूरजपुर का बस स्टैंड है, थाना है, लगभग 25-50 मीटर के आमने सामने में एक उत्तर की दिशा में है। नेशनल हाइवे के दक्षिण दिशा में हैं थाना। यहां के घटनाक्रम होती है और शासन-प्रशासन ऐसा पंगु दिखता है, ऐसा निष्क्रिय दिखता है, ऐसा नाकाबिल दिखता है कि दो महिलाओं की, एक माँ की, और एक बच्ची की हत्या हो जाती। जिला बदर अपराधी इसके पूर्व जिले में घूमता हुआ पाया जाता है। पुलिस की लापरवाही से जिला बदर बदमाश खुले में घूम रहा था। उसने दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया।

पत्रकार वार्ता में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, वरिष्ठ नेता राजेन्द्र तिवारी, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, पूर्व महापौर प्रमोद दुबे, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, प्रवक्ता वंदना राजपूत, अजय गंगवानी, सत्य प्रकाश सिंह, पूर्व आईटी सेल अध्यक्ष राजेन्द्र परिहार उपस्थित थे।