केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा अधिकार है, एहसान नहीं: दीपक बैज

*दलीय चाटुकारिता में मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री छत्तीसगढ़ के हक़ को केंद्र का उपहार बता रहे हैं*

रायपुर/ केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा प्रदेश का अधिकार है, एहसान नहीं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि 6070 करोड़ केंद्र ने जो राज्यांश की राशि दी है वह छत्तीसगढ़ से वसूले गये टैक्स का हिस्सा है। भाजपाई चाटुकारिता में इसे राज्य को उपहार बता रहे है। विगत 10 महीनो की भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ को कर्ज में डुबाया, अमानत बेची, आरबीआई की सिक्योरिटी बेची, उसके बाबजूद पूर्ववर्ती सरकार की दर्जनों जनकल्याणकारी योजनाएं बंद की और अब दलीय चाटुकारिता में केंद्रीय करों में राज्य को मिलने वाली हिस्सेदारी को उपहार बताकर भाजपा के नेता छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को अपमानित कर रहे हैं। भाजपा का चरित्र सहकारी संघवाद के खिलाफ है, संविधानिक व्यवस्था की मूल भावना के विपरीत है, राज्यों के आर्थिक हितों के खिलाफ केंद्र सरकार लगातार अधिनायकवादी रवैया अपना रही है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता मौन हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मुख्यमंत्री और प्रदेश के वित्त मंत्री पूर्व आईएएस रहे ओपी चौधरी जानबूझकर गलत बयानी कर रहे हैं। संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप राज्यों के अधिकार पर भी केवल श्रेय लेने के लिए झूठ फैला रहे हैं। हकीकत यह है कि छत्तीसगढ़ उत्पादक राज्य है। छत्तीसगढ़ में स्टील और सीमेंट के अग्रणी उत्पादक के साथ ही भरपूर वन संप्रदाय और प्रचुर मात्रा में खनिज संपदा मौजूद है, जिनका दोहन केंद्र की सरकार और केंद्रीय उपक्रम करते हैं। कोयला, आयरन-ओर, बॉक्साइट और टीन जैसे बहुमूल्य का दोहन केंद्र की मोदी सरकार छत्तीसगढ़ से करती है। इसकी अतिरिक्त प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर, इनकम टैक्स सेंट्रल एक्साइज और जीएसटी में भी छत्तीसगढ़ की बड़ी भागीदारी है। विभिन्न करों के माध्यम से केंद्र की सरकार लाखों करोड़ रूपया छत्तीसगढ़ से वसूलते हैं और उसका लगभग एक तिहाई ही छत्तीसगढ़ को मिलता है। छत्तीसगढ़ का आभार जताने के बजाय भारतीय जनता पार्टी के नेता एहसान जता रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मोदी-शाह के अधिनायकवाद के चलते मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और वित्त मंत्री ओपी चौधरी सहित भाजपा के नेता प्रदेश का हित सोच ही नहीं पा रहे हैं। मोदी-शाह के झूठे यशोगान के लिए प्रदेश के हितों की उपेक्षा करके गलत बयानी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ से केंद्र की सरकार हर साल जो मुनाफा कमाती है उस पर भी भाजपाई कभी कृतज्ञता नहीं जताते, लेकिन संघीय व्यवस्था के चलते जो राशि प्रदेश के हक़ का है, उसे किस्तों में रोक-रोक कर जारी किए जाने पर भी वाहवाही लूटने के लिए भाजपाइयों में होड़ मच गई है। इसी क्रम में हजारों करोड़ रुके हुए फंड में से अभी मात्र 6070 करोड़ राज्य का हिस्सा जारी होने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री एहसान जता रहे।