जगन्नाथ इस्कॉन मंदिर में झूलन यात्रा महोत्सव धूमधाम से संपन्न

रायपुर। इस्कॉन प्रचार केंद्र सुंदर नगर में तमाल कृष्ण दास के निर्देशन में भव्य रूप से झूलन यात्रा महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भगवान श्री श्री राधा रानी और श्री राधा-माधव जी , श्री श्री राधा महासूंदर को झूला झुलाया। इस कार्यक्रम में बंशीलाल व पूर्णिमा शुक्ला माताजी के युगल जोड़ी विग्रह मूर्ति के आगमन के साथ यह झूलन यात्रा की शुरुआत हुई।राधा-कृष्ण की युगल जोड़ी को आनंदित करने के लिए झूलन यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस लीला में सभी सखियां प्रेमपूर्वक भगवान और राधा रानी की सेवा करती हैं, जिससे युगल सरकार को असीम आनंद प्राप्त होता है। जिससे भक्तों को भगवान की लीलाओं का साक्षात्कार करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। कार्यक्रम के दौरान कीर्तन मेला भी आयोजित हुआ, जय गौर हरी प्रभु जी के नेतृत्व में भजनों की प्रस्तुति दी। जय राधा माधव , राधिका चरण रेणु , इस कीर्तन में भक्तों ने भक्ति भाव से भाग लिया।

*कथा*
इससे पहले  तमाल कृष्ण दास के द्वारा राधा कृष्ण महिमा का गुणगान किया गया। , राधा रानी की कृपा के बिना कृष्ण को प्राप्त करना संभव है कई लोग सोचते हैं हम सीधे कृष्ण को प्राप्त कर लेंगे उनकी भक्ति कर लेंगे लेकिन ऐसा कर पाना संभव है उसमें भी गोपिया बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी हमारे गाड़ियां वैष्णो संप्रदाय में गोपियों के चरण कमल की विशेष महानता बताए गए हैं हमारे संप्रदाय का लक्ष्य है गोपियों गोपी पद कमल भरते और दास दास अनुदास गोपियों के हम सीधे हम भगवान के सीधी सेवा नहीं कर सकते हैं हम उनके दसों के दासों की दासों की सेवा करते हैं इस प्रकार से यह सेवा गुरु परंपरा के माध्यम से गोपियों तक पहुंचती है गोपी आशीष समिति राधा रानी तक पहुंच जाती है और अंतिम में भगवान श्री कृष्णा तक पहुंच जाते हैं इस प्रकार हमारी सेवा संपन्न होती ।

*पुष्पों से अभिषेक किया गया*
राधा कृष्ण के पुष्प अभिषेक में सुगंधित फूलों की वर्षा की जाती है, जो प्रेम और भक्ति का प्रतीक मानी जाती है। यह अनुष्ठान उनके दिव्य स्वरूप को सजाने और आराधकों की भावनाओं को व्यक्त करने का एक अद्वितीय माध्यम है।

मुख्य अतिथि के रूप में (आई आर एस ) प्रीति साहू , अशोक अट्ठलानी (एनके एंटरप्राइजेज )
महोत्सव के दौरान भगवान श्री राधा रानी को 56 भोग अर्पित किए गए, । जहां भक्तों ने हरे कृष्ण महामंत्र के गान में भक्ति रस का आनंद लिया। इस कार्यक्रम में 150 से अधिक भक्तों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में श्रीमान भक्तवत्सल दास , योगेश्वर कृष्ण दास, हैग्रीव चरण, राधा वृंदावन , हितेश सोलंकी, कृष्ण राधिका सखी देवी दासी, पूर्णचंद्र , और अन्य भक्तों का विशेष योगदान रहा।