इस्कॉन प्रचार केंद्र सुंदर नगर में भव्य नौका विहार और झूलन यात्रा महोत्सव के साथ राधाष्टमी मनाई गई 

रायपुर। इस्कॉन प्रचार केंद्र सुंदर नगर में  तमाल कृष्ण दास के निर्देशन में भव्य रूप से राधाष्टमी महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भगवान श्री राधा-महासुंदर और श्री राधा-रमण जी को नौका विहार कराया गया और झूलन महोत्सव का आयोजन हुआ। भक्तों ने उत्साहपूर्वक भगवान को झूला झुलाया और अभिषेक में दूध, दही, घी, शहद, गौमूत्र, सात प्रकार के फलों का रस, 108 कुंडीय जल और 11 प्रकार की औषधियों का उपयोग किया गया।

विशेष रूप से, नौका विहार का आयोजन राधा-कृष्ण की युगल जोड़ी को आनंदित करने के लिए किया जाता है। भगवान को नौका में विहार कराते समय उनके साथ उनकी प्रिय अष्टसखियां—ललिता, विशाखा, चित्रलेखा, इंदुलेखा, चंपकलता, रंगदेवी, सुदेवी और तुंगविद्या भी संग रहती हैं। इस लीला में सभी सखियां प्रेमपूर्वक भगवान और राधा रानी की सेवा करती हैं, जिससे युगल सरकार को असीम आनंद प्राप्त होता है। वृंदावन के इस भावमय दृश्य को यहां के भक्त झील पर पुनः जीवंत करते हैं, जिससे भक्तों को भगवान की लीलाओं का साक्षात्कार करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। कार्यक्रम के दौरान कीर्तन मेला भी आयोजित हुआ, जिसमें जगदलपुर और रायपुर की कीर्तन टीम ने माधव चरण दास और जय गौर हरी प्रभु के नेतृत्व में भजनों की प्रस्तुति दी। तीन घंटे तक चले इस कीर्तन में भक्तों ने भक्ति भाव से भाग लिया।

दोपहर 1 बजे से झूलन महोत्सव की शुरुआत हुई, और शाम 4 बजे भगवान श्री राधा-रमण और श्री राधा-महासुंदर को नौका विहार के लिए ले जाया गया। भक्तों ने मंत्रमुग्ध करने वाले इस नौका उत्सव में भाग लिया। पारंपरिक वृंदावन के भाव में भगवान को राधाकृष्ण प्राण मोर जैसे भजनों के साथ झूला झुलाया गया। महोत्सव के दौरान भगवान श्री राधा रानी को 151 भोग अर्पित किए गए, जिनमें अरबी की चटनी और सब्जी, विशेष कंदमूल, और श्रीमती राधा रानी के प्रिय 11 प्रकार के रस शामिल थे। विशेष अभिषेक और महाआरती के साथ महोत्सव का समापन हुआ, जहां भक्तों ने हरे कृष्ण महामंत्र के गान में भक्ति रस का आनंद लिया। इस कार्यक्रम में 250 से अधिक भक्तों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के सफल आयोजन में भक्त वत्सल दास, योगेश्वर कृष्ण दास, हिरण गर्भदास, हैग्रीव चरण, राधा वृंदावन, हितेश सोलंकी, कृष्ण राधिका सखी देवी दासी, अहिल्या देवी दासी और अन्य भक्तों का विशेष योगदान रहा।