बैरिकेड्स तोड़कर ईडी दफ्तर का घेराव करने पहुंचे भूपेश, कहा-सरकार बनी तो ईडी-सीबीआई की होगी जांच

रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने आज ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर रायपुर के टिकरापारा सिद्दार्थ चौक पास जमकर विरोध प्रदर्शन किया। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सेबी अध्यक्ष को उनके पद से हटाने और इसकी जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से करवाने की मांग को लेकर कांग्रेसी सड़क पर उतरे। इस दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने बैरिकेड्स तोड़कर ईडी दफ्तर का घेराव करने पहुंचे। उन्होंने मीडिया से खास बातचीत में कहा कि यदि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो ईडी-सीबीआई प्रकरण की जांच कराई जायेगी। घेराव के दौरान पुलिस और कांग्रेसियों के बीच जमकर धक्कामुक्की और झूमाझटकी भी हुई। पुलिस के साथ तीखी नोक-झोंक भी देखने को मिली। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बैरिकेट्स तोड़कर ईडी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे। इस दौरान पुलिस कांग्रेस कार्यकर्ताओं को माइक से समझाती रही कि बैरिकेड्स न तोड़े पर कांग्रेसी नहीं माने और बैरिकेड्स तोड़कर ईडी कार्यालय का घेराव करने के लिए चल पड़े। बाद में पुलिस ने दूसरे बैरिकेट्स पर उन्हें दोबारा बलपूर्वक रोक लिया और वहीं पर शांति से बैठकर विरोध जताने की बात कही। पुलिस कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से बैरिकेट्स नहीं तोडऩे की गुहार लगाती रही। इसके बावजूद कांग्रेसी कार्यकर्ता आगे बढ़े और बैरिकेडे्स तोड़कर ईडी कार्यालय की तरफ बढ़े, लेकिन पुलिस बल की भारी संख्या मुस्तैदी होने की वजह से वह ईडी दफ्तर तक नहीं पहुंच पाए। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि यदि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो ईडी-सीबीआई जो जांच कर रही है, उनकी भी जांच कराई जायेगी। आरोप लगाया कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार ने ईडी-सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया है। विपक्षी नेताओं को परेशान किया गया है, जेल में डाला गया। हमारी सरकार आएगी जो ईडी-सीबीआई जांच कर रही है, उनकी भी जांच कराई जायेगी। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सारे प्रकरण की जांच जेपीसी से होनी चाहिए। सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच को इस्तीफा देना चाहिए। जो 30 करोड़ लोगों का इन्वेस्टमेंट हुआ है, यदि वह पैसा डूबेगा तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिये। ईडी-सीबीआई मामले को लेकर कांग्रेस की ओर राजनीति करने के सवाल पर कहा कि पीएम मोदी महाराष्ट्र में जाकर 70 हजार करोड़ के घोटाले के आरोप लगाते हैं। दूसरे दिन अजीत पवार एनसीपी से इस्तीफा देकर के बीजेपी से हाथ मिला लेते हैं। भाजपा उन्हें सरकार में उपमुख्यमंत्री बना देती है। अशोक चौहान जिनके खिलाफ आरोप लगा लगे थे, वह जैसे ही बीजेपी में शामिल होते हैं राज्यसभा सांसद बन जाते हैं। हेमंत शर्मा जिनके ऊपर कई आरोप लगे थे, वह बीजेपी में शामिल होते ही असम के मुख्यमंत्री बन जाते हैं। पवार पर लगे सारे केस खत्म हो जाते हैं। प्रफुल्ल पटेल पर से सारे केस खत्म हो जाते हैं। हेमंत शर्मा पर से सारे केस खत्म हो जाते हैं। जब तक विपक्ष में है तब तक आरोपी हैं, जैसे ही भाजपा में हाथ मिला लेते हैं तो पाक साफ हो जाते हैं। कहानी स्पष्ट है बीजेपी इन चार-पांच उदाहरण को बताएं क्या वह निष्पक्ष है क्या? पूर्व सीएम ने कहा कि समय बदलते देर नहीं लगता, जिस दिन केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी। सुप्रीम कोर्ट के जजों की कमेटी बनाकर सीबीआई जिन मामलों की जांच कर रही है, उनकी भी कराएंगे। जितने फर्जी कैसे बनाए गए हैं, उनके ऊपर सीधे कार्रवाई की जाएगी। यदि ईडी-सीबीआई निष्पक्ष जांच कर रही होती, तो कांग्रेस को सड़क पर उतरने की जरूरत नहीं होती। ईडी-सीबीआई केवल बीजेपी को सुरक्षित करने की कार्रवाई कर रही है। कार्रवाई केवल विपक्षी लोगों के ऊपर हो रही है। हाईकोर्ट ने कहा कि हेमंत सोरेन मामले में कुछ नहीं बनता, लेकिन उन्हें जेल में क्यों रखा गया। अगर विपक्षी लोग मोदी वाशिंग मशीन में घुल जाए तो उन्हें सत्ता में अच्छा खासा स्थान मिल जाता है। भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को षड्यंत्रपूर्वक फंसाकर उन्हें जेल में डाला गया है। इसे लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ता 24 अगस्त को विरोध प्रदर्शन करेंगे। सभी जिला मुख्यालय में विरोध-प्रदर्शन करेंगे।