दुर्ग। आज राजधानी रायपुर से राजनांदगांव जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने दुर्ग सर्किट हाऊस अल्प समय के लिए रूके। इस दौरान उन्होंने 22 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र की तैयारियों के संबंध में जानकारी दी। डॉ. सिंह ने विधानसभा में प्रश्न और ध्यानाकर्षण को लेकर शुरू की जा रही पेपरलेस व्यवस्था के संबंध में बताते हुए विष्णुदेव सरकार के छः माह के कार्यकाल और सरकार द्वारा किए गए वायदों को लेकर जो प्रयास किए गए उन पर भी संतोष जताया।
डाक्टर रमन सिंह ने कहा कि मानसून सत्र को लेकर विधानसभा की बाकी प्राथमिक सारी तैयारियां जो विधानसभा को करना है और जो सबसे महत्वपूर्ण विषय रहता है कि विधायकों के प्रश्न आते हैं उनके जवाब विभाग से बुलवाना पड़ता है और वह नियत समय में उनको जवाब मिले, ध्यानाकर्षण, स्थगन और बाकी अन्य विषयों पर भी चर्चा होती है, उसकी तैयारियां हो गईं हैं। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र कम समय का जरूर है, मगर मुझे लग रहा है कि जिस प्रकार के मुद्दे आ रहे हैं काफी अच्छी चर्चा और बातचीत होगी, एक सार्थक उस पर निष्कर्ष निकलेगा।
उन्होंने बताया कि पहली बार नया प्रयोग विधानसभा में कर रहे हैं कि अभी तक ध्यानाकर्षण खासतौर से और बाकी विषयों में
प्रश्न जो आते थे वह प्रस्तुत होकर देना पड़ता था। अब इसमें नई प्रक्रिया शुरू हुई है, अब ध्यानाकर्षण भी पेपरलेस किया गया है। ऑफिस की तैयारी से विधायकगण अपनी तरफ से ध्यानाकर्षण की पूरी सूचना विधानसभा सचिवालय में बस्तर से, सरगुजा से, कहीं से भी देख सकते हैं और उसको माना जायेगा कि वो उनका प्रश्न या ध्यानाकर्षण है।
डाक्टर सिंह ने कहा कि जो वायदे किए थे विष्णु साय की सरकार ने, भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उन वायदों में छः सात महीने ही गुजरे हैं, जिसके स्वरूप धान खरीदी का काम उन्होंने शुरू कर दिया, किसानों को दो साल का बोनस देना शुरू किया, महतारी वंदन योजना में एक हजार रूपये की राशि देना शुरू किया, तो ये शुरुआत के दौर में जिन बातों को करना था उसकी शुरुआत छ: महीनों में हुआ है।