रायपुर/ मेडिकल में प्रवेश के लिए नीट यूजी का पेपर लीक होने के बाद सरकार ने इसकी जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। सीबीआई जांच भी शुरू हो गई है। परंतु इसी बीच नीट पीजी की तैयारी कर रहे बच्चों को झटका लगा है। 23 जून को नीट पीजी की परीक्षा होने वाली थी किंतु 22 जून की रात को अचानक से ही सरकार ने इस परीक्षा को स्थगित कर दिया। इससे छात्र-छात्राओं में बेहद निराशा देखी गई और सरकार के प्रति आक्रोश भी। लगातार मेहनत करने के बाद बच्चे परीक्षा देने के लिए अपना माइंड सेट करते हैं, किंतु ऐन वक्त पर परीक्षा का स्थगित होना वह भी बिना कोई उचित कारण बताएं बच्चों सहित पालकों को झटका दे गया है। नीट पीजी की परीक्षा में अकेले छत्तीसगढ़ से ही 3000 से अधिक छात्र- छात्राएं परीक्षा देने वाले थे। पूरे देश भर से लाखों की संख्या में बच्चों की संख्या होगी और अचानक से परीक्षा स्थगित कर दी गई। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना ऐसा लगता है अब आम बात हो गई है। सरकार इस मामले में कितनी गंभीर है पता नहीं, पर जिन बच्चों को परीक्षा देनी थी उनसे जाकर पूछे तो कुछ पता चले कि उनके ऊपर क्या बीत रही है। यह परीक्षा कंप्यूटर मोड पर होने वाली थी। परीक्षा का सेंटर रायपुर के अलावा बिलासपुर और दुर्ग भिलाई को बनाया गया था। यह परीक्ष एनबीई लेता है। नीट पीजी की परीक्षा देने वाले छात्रों और उनके परिवारों से चर्चा करने पर उनमें जबर्दस्त नाराजगी व आक्रोश व्याप्त है। कई बच्चे तो 22 जून की रात को जल्दी सो गए थे और सुबह उठकर सीधा परीक्षा केंद्र पर पहुंच गए थे, तब वहां जाने से पता चला कि सरकार ने परीक्षा स्थगित कर दी है। बच्चों एवं पालकों ने कहा कि हमें आर्थिक और मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है, जहां पर हमारा परीक्षा केंद्र था वहां पर पहुंचने के लिए हमें हजारों रुपए खर्च करने पड़े हैं हम दूर-दूर से एक दिन पहले जाकर वहां पर रुके हुए हैं, परंतु इन सबसे लगता है सरकार को कोई मतलब नहीं है। सरकार को इसका हर्जाना देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में अचानक से परीक्षा स्थगित ना हो।
अकारण नीट-पीजी की परीक्षा स्थगित; छत्तीसगढ़ से ही 3000 से अधिक छात्र- छात्राएं प्रभावित
