0 संजीव वर्मा
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की तस्वीर अब धीरे-धीरे साफ होने लगी है। भाजपा ने सभी 11 सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर लिए हैं, तो कांग्रेस ने 6 सीटों पर अपने योद्धाओं को चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल को राजनांदगांव सीट से उतारकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है। वहीं, अन्य पांच सीटों में भी दमदार प्रत्याशी देकर कांग्रेस ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। वह भाजपा को किसी भी हालात में वॉक ओवर देने को तैयार नहीं है। कांग्रेस ने जांजगीर चांपा से पूर्व मंत्री शिव डहरिया, कोरबा से वर्तमान सांसद ज्योत्सना महंत, दुर्ग से राजेन्द्र साहू, महासमुंद से ताम्रध्वज साहू और रायपुर से युवा नेता विकास उपाध्याय को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस के टिकट वितरण से स्पष्ट है कि वह जीत की संभावनाओं को तलाशते हुए योग्य, युवा और अनुभवी नेताओं को प्राथमिकता दे रही है। प्रत्याशियों के चयन के पीछे कई राजनीतिक मायने हैं। जातीय समीकरणों को तवज्जों देने के साथ ही संगठन में सक्रिय और आम जनता के बीच लो- प्रोफाइल नेताओं को भी स्थान दिया गया है। रायपुर और दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों को देखें तो साफ है कि कांग्रेस हाईकमान ने संगठन में सक्रिय, युवा और आम जनता के बीच अच्छा-खासा लोकप्रिय नेता विकास उपाध्याय और राजेन्द्र साहू को मैदान उतारकर उनकी लोकप्रियता के पैमाने को जांचने के साथ ही भाजपा को नई रणनीति पर सोचने को मजबूर किया है। रायपुर से भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल और दुर्ग से विजय बघेल को इनसे कड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा। वहीं, कोरबा से ज्योत्सना महंत जनाधार वाली नेत्री है। उनका मुकाबला भाजपा की सरोज पांडे से है। दोनों के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। जबकि महासमुंद से कांग्रेस ने ताम्रध्वज साहू पर दांव लगाकर सबको चौंकाया है। दरअसल कांग्रेस ने यहां जातिगत समीकरण को देखते हुए यह निर्णय लिया है। पहले महासमुंद कांग्रेस का गढ़ रहा है। लेकिन बीते तीन चुनाव से यहां भाजपा बाजी मारती रही है। ऐसे में ताम्रध्वज के लिए महासमुंद में भाजपा का मुकाबला कर पाना आसान नहीं है। लेकिन महासमुंद के प्रभारी मंत्री के रूप में उनका महासमुंद से नाता रहा है। साथ ही साहू बाहुल्य क्षेत्र का भी उन्हें लाभ मिल सकता है। वहीं, भाजपा ने रूपकुमारी चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है, जो अघरिया समाज का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसे में मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है। उधर, जांजगीर-चांपा से कांग्रेस को बड़ी उम्मीद है। मौजूदा समीकरण भी कांग्रेस के पक्ष में है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस को उल्लेखनीय सफलता हासिल हुई थी। कांग्रेस ने डॉ. शिव डहरिया तो भाजपा ने कमलेश जांगड़े को मैदान में उतारा है। अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित यह सीट दोनों दलों के लिए महत्वपूर्ण है। डहरिया के लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं है। इस लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक चर्चा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की हो रही है। पार्टी ने उन्हें राजनांदगांव से प्रत्याशी बनाया है। यही वजह है कि यह सीट प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में चर्चा में आ गई है। दरअसल, बघेल प्रदेश के तेज-तर्रार नेताओं में शामिल हैं। चुनाव का एक लंबा अनुभव रखने वाले भूपेश बघेल चुनाव की रणनीति और दांव-पेंच अच्छी तरह से जानते हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री रह चुके भूपेश बघेल दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन पूरे प्रदेश में न केवल वे जाने-पहचाने जाते हैं बल्कि अच्छे खासे लोकप्रिय भी हैं। उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए ही पार्टी ने उन्हें राजनांदगांव से प्रत्याशी बनाया है। वैसे राजनांदगांव लोकसभा के तहत आठ विधानसभा सीटें आती हैं। इन 8 सीटों में से केवल तीन सीटों राजनांदगांव, कवर्धा और पंडरिया में ही भाजपा का कब्जा है। जबकि 5 सीटें, खैरागढ़, डोंगरगढ़ डोंगरगांव, खुज्जी और मोहला मानपुर कांग्रेस के कब्जे में है। ऐसे में कांग्रेस को बड़ी उम्मीदें है। लेकिन पूरे लोकसभा क्षेत्र को मिलाकर कुल वोट की बात करें तो भाजपा आगे है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को कुल 705375 और कांग्रेस को 674776 वोट मिले थे। यानी विधानसभा चुनाव में भाजपा इस पूरे आठ विधानसभा क्षेत्रों में 30 हजार से अधिक मतों से आगे थी। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह सीट आसान नहीं होगी। लेकिन भूपेश बघेल के मैदान में आ जाने से भाजपा की परेशानी बढ़ गई है। भूपेश बघेल एक जनाधार वाले नेता हैं। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने राजनांदगांव क्षेत्र के लिए जो काम किए हैं। उसका भी उन्हें लाभ मिलेगा। वहीं, भाजपा ने वर्तमान सांसद संतोष पांडेय पर पुन: विश्वास जताया है। उन्होंने पिछले चुनाव में मोदी लहर में आसान जीत हासिल कर ली थी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा बघेल की चुनौती से कैसे पार पाएगी? बहरहाल, कांग्रेस ने इस बार काफी सोच-समझकर प्रत्याशियों का चयन किया है। 5 सीटों पर अभी प्रत्याशी चयन बाकी है। संभवत: आज-कल में इसकी भी घोषणा हो सकती है। उसके बाद तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट होगी।