*राम मंदिर में श्री राम जी का दर्शन कर पूजा-अर्चना की*
*ग्रामवासियों द्वारा आयोजित किया जा रहा श्रीमद भागवत कथा यज्ञ सप्ताह*
*भागवत भवन के लिए 20 लाख रुपए देने की घोषणा*
*हाई स्कूल का हायर सेकेंडरी स्कूल में उन्नयन किया जाएगा*
रायपुर/मुख्य्मंत्री श्री विष्णुदेव साय आज जशपुर जिला अंतर्गत ग्राम लोधमा में ग्रामवासियों द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सनतान-धर्म ज्ञान का महासागर है। जिसमें जितनी क्षमता हो, वह उतने गहरे उतर सकता है। ज्ञान की इस परंपरा का न आदि है और न ही अंत है। यदि हम केवल श्रीमद् भागवत की ही बात कर लें, तो इसकी गहराई को छूने के प्रयास में ही सारा जीवन बीत जाता है। उल्लेखनीय है कि जशपुर जिला ग्राम लोधमा में 10 फरवरी से 17 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। जिसमे वृंदावन से पहुंचे श्रद्धेय पंडित श्री बलराम शास्त्रीजी कथा वाचन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने यहां श्री राम मंदिर में भगवान राम का दर्शन कर पूजा अर्चना भी की। ज्ञात है कि ग्राम लोधमा राम वन गमन क्षेत्र अंतर्गत शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राम वन गमन परिपथ को भी विकसित किया जाएगा।
इस अवसर पर कथावाचक पंडित बलराम शास्त्री ने मुख्यमंत्री को तुलसी माला और श्री राम गमछा पहनाकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री में वृंदाबिहारी लाल की जयकारे के साथ उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उन्होंने गांव वालों को इस भक्तिमय आयोजन की शुभकामना देते हुए कहा की यह भव्य आयोजन करते आ रहे है। आगे भी होता रहे। उन्होंने कहा कि वृंदावन बिहारी और राधा रानी के आशिर्वाद से मुझे मुख्यमंत्री का दायित्व मिला।
*हम सबके विश्वास पर खरा उतरें यही विश्वास है*
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी दो दिन पहले बजट में कुनकुरी में अस्पताल की सौगात दी गई है, जिससे अंचल में स्वास्थ की सुविधाएं बढ़ेगी। लोगों को दूर नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावा इस अंचल को अनेकों सौगातें दी है। आगे भी अंचल के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री ने यहां भागवत भवन के लिए 20 लाख रुपए देने की घोषणा की। साथ ही हाई स्कूल को हायर सेकेंडरी स्कूल में उन्नयन की घोषणा की गई। इस अवसर पर कमिश्नर श्री जी.आर. चुरेन्द्र, जनसंपर्क विभाग के आयुक्त श्री मयंक श्रीवास्तव, आई.जी. श्री अंकित गर्ग, कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल, एस.पी. श्री शशि मोहन सिंह सहित जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवम श्रद्धालु गण बड़ी संख्या में मौजूद थे।