दुर्ग। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपना नामांकन दाखिल किया है। बघेल पाटन सीट से लड़ रहे हैं। उनके सामने भाजपा की तरफ से दुर्ग से सांसद विजय बघेल चुनावी मैदान में हैं। आज नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री बघेल के साथ विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत और ताम्रध्वज साहू मौजूद रहे। मुख्यमंत्री बघेल 2013 से इसी पाटन सीट से विधायक हैं। मुख्यमंत्री के साथ अन्य कांग्रेस प्रत्याशियों ताम्रध्वज साहू, अरूण वोरा, मुकेश चंद्राकर, देवेन्द्र यादव और निर्मल कोसरे ने भी अपना नामांकन दाखिल किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल से होना है। भाजपा ने अगस्त में विजय बघेल को पाटन सीट से टिकट देकर कयासों की शुरुआत की थी। जिसके बाद बीते दिनों कांग्रेस की लिस्ट में जब पाटन सीट से भूपेश बघेल को एक बार फिर टिकट दिया गया तब सारे कयासों पर मुहर लग गई कि चुनाव में चाचा भतीजा आमने सामने होंगे।
गौरतलब हो छत्तीसगढ़ एक अलग राज्य बनने के बाद 2003 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में भूपेश बघेल और उनके भतीजे विजय बघेल एक दूसरे के सामने चुनावी मैदान में थे। भतीजे के सामने भूपेश बघेल ने जीत दर्ज की लेकिन 2008 में विजय ने उन्हें करारी शिकस्त दी। एक बार फिर 2013 में चाचा भतीजा आमने सामने आए और इस बार भूपेश बघेल का पलड़ा भारी रहा और भतीजे विजय को हार का सामना करना पड़ा। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विजय को इस सीट से मौका नहीं दिया और इसी वजह से भूपेश बघेल ने शानदार जीत दर्ज की। विजय बघेल साल 2019 में भाजपा से दुर्ग से सीट से सांसद बने। अबतक 3 बार के सियासी मुकाबले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पलड़ा भारी रहा है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पाटन सीट भूपेश बघेल के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती है। अलग राज्य बनने से पहले भी भूपेश बघेल इसी सीट से विधायक बनते रहे हैं। 1993 से 2008 तक लगातार इस सीट से जीत दर्ज की है।
अमित जोगी ने भी पाटन से भरा नामांकन
इससे पहले आज अमित जोगी ने पाटन विधानसभा सीट से अपना नामंकन दाखिल किया है। इस सीट पर उनका मुकाबला वर्तमान मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विजय बघेल से होगा। अमित जोगी के इस सीट से नामांकन भरने के बाद मुकाबला दिलचस्प हो गया है। अमित जोगी कांग्रेस के विधायक भी रह चुके हैं।
गौरतलब हो छत्तीसगढ़ एक अलग राज्य बनने के बाद 2003 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में भूपेश बघेल और उनके भतीजे विजय बघेल एक दूसरे के सामने चुनावी मैदान में थे। भतीजे के सामने भूपेश बघेल ने जीत दर्ज की लेकिन 2008 में विजय ने उन्हें करारी शिकस्त दी। एक बार फिर 2013 में चाचा भतीजा आमने सामने आए और इस बार भूपेश बघेल का पलड़ा भारी रहा और भतीजे विजय को हार का सामना करना पड़ा। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विजय को इस सीट से मौका नहीं दिया और इसी वजह से भूपेश बघेल ने शानदार जीत दर्ज की। विजय बघेल साल 2019 में भाजपा से दुर्ग से सीट से सांसद बने। अबतक 3 बार के सियासी मुकाबले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पलड़ा भारी रहा है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पाटन सीट भूपेश बघेल के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती है। अलग राज्य बनने से पहले भी भूपेश बघेल इसी सीट से विधायक बनते रहे हैं। 1993 से 2008 तक लगातार इस सीट से जीत दर्ज की है।
अमित जोगी ने भी पाटन से भरा नामांकन
इससे पहले आज अमित जोगी ने पाटन विधानसभा सीट से अपना नामंकन दाखिल किया है। इस सीट पर उनका मुकाबला वर्तमान मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विजय बघेल से होगा। अमित जोगी के इस सीट से नामांकन भरने के बाद मुकाबला दिलचस्प हो गया है। अमित जोगी कांग्रेस के विधायक भी रह चुके हैं।