लोकसभा में ऐतिहासिक महिला आरक्षण बिल पास: पक्ष में पड़े 454 वोट; दो सांसदों ने किया विरोध

नई दिल्ली। लोकसभा से बुधवार को ऐतिहासिक नारी शक्ति वंदन बिल (महिला आरक्षण बिल) पारित हो गया। इस बिल का विभिन्न दलों ने समर्थन किया। बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े, जो कि कुल संख्या का दो तिहाई आंकड़ा है। वहीं दो सांसदों ने बिल के विरोध में वोटिंग की। नई संसद में पर्चियों के जरिए से वोटिंग हुई। मोदी सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के पांच दिनों के विशेष सत्र में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे सदन में पेश किया था। इसमें विधानसभाओं और लोकसभा में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटों के रिजर्व करने का प्रावधान है। मोदी कैबिनेट से इस विधेयक को सोमवार को मंजूरी मिली थी, जिसके बाद इसे विशेष सत्र के दूसरे दिन पेश किया गया था।

लोकसभा से पारित होने के बाद अब इस बिल को गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा और फिर चर्चा होगी। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद यह तय किया गया कि संविधान (एक सौ अ_ाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 पर बृहस्पतिवार को यहां चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा में विधेयक के पारित होने के बाद इसे उच्च सदन में चर्चा एवं पारित किए जाने के लिए पेश किया जाएगा। इस विधेयक पर चर्चा के लिए साढ़े सात घंटे का समय तय किया गया है।

इससे पहले, महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक लाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मातृशक्ति को सम्मानित किया है। इसके पारित होने से नए युग की शुरुआत होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 में महिलाओं के नेतृत्व वाली प्रगति का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। महिला सशक्तीकरण दूसरे दलों के लिए राजनैतिक मुद्दा होगा, लेकिन उनकी पार्टी और पीएम मोदी के लिए यह राजनैतिक नहीं, बल्कि मान्यता का मामला है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी बिल का समर्थन किया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इसमें अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए अलग आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए क्योंकि इसके बिना यह विधेयक अधूरा है। उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अ_ाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में चर्चा में भाग लेते हुए सरकार से यह आग्रह भी किया कि तत्काल जातीय जनगणना कराई जाए और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय हुई जातीय जनगणना के आंकड़े जारी किए जाएं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष जातीय जनगणना की मांग से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है।

जल्द से जल्द लागू किया जाए बिल
वहीं, कांग्रस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को सरकार से आग्रह किया कि नारीशक्ति वंदन विधेयक के कानून बनने के साथ इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए क्योंकि इसे लागू करने में देरी भारत की महिलाओं के साथ घोर नाइंसाफी होगी। उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अ_ाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ का समर्थन किया और यह भी कहा कि जाति जनगणना करा कर इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए। विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने में अपने पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के योगदान को याद किया और कहा कि इस महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने से उनके दिवंगत पति का अधूरा सपना पूरा होगा।

ईरानी ने सोनिया पर साधा परोक्ष निशाना
चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने महिला आरक्षण विधेयक को अपना विधेयक बताने के कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी के दावे पर परोक्ष निशाना साधते हुए बुधवार को लोकसभा में कहा कि कुछ लोग इस विधेयक को अपना बताकर श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा नेता ईरानी ने महिला आरक्षण से संबंधित संविधान (128वां संशोधन) विधेयक 2023 पर निचले सदन में चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि विपक्ष देशवासियों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष का नाम लिये बिना कहा कि सदन में कहा गया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने 2010 में विधेयक पेश किया था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, सफलता के कई रहनुमा होते हैं, लेकिन विफलता का कोई नाम लेने वाला नहीं होता है। इसलिए जब विधेयक लाया गया, तो कुछ लोगों ने इसे अपना विधेयक बताया।