मौसमी बीमारियों का बदलता स्वरूप:  डॉक्टर विकास आडिल

भाटापारा ।आजकल कि मौसमी बीमारियों के बढ़ते हुए मामलों के बारे में भी शहर के चिकित्सक डॉक्टर विकास आडिल का कहना है कि पहले के दिनों में मौसमी बीमारियों का एक ख़ास वक़्त होता था जब मौसम परिवर्तन होता था तब ज़्यादा से ज़्यादा साल में दो बार मौसमी बीमारियां आदमी को होती थी और कहा जाता था कि एक बार मौसमी बीमारी होने के बाद लगभग छह महीने अब कोई बीमारी नहीं होगी पर आज कल के बदलते परिवेश खानपान प्रदूषण एवं कोरोना काल के बाद मौसमी बीमारियों के स्वरूप में परिवर्तन देखा जा रहा है अब के टाइम में यदि आपको सर्दी खाँसी बुखार यदि किसी महीने होता है तो हो सकता है कि उसी महीने आपको वो बीमारी दुबारा हो जाए ।पहले मौसमी बुखार ज़्यादा से ज़्यादा 3-4 दिन रहता था पर आज कल बूखार कम से कम हफ़्ते भर रहता है और मौसमी बुखार जाने के बाद भी कमज़ोरी गले में ख़राश भूख न लगना ये अगले दिन से 15 दिन भी रह सकता है ।

मौसमी बीमारियों के साथ बरसात के दिनों में डेंगू का प्रकोप भी देखा जा रहा है डेंगू एक ख़ास क़िस्म के मच्छर एडिस( टाइगर मॉसकीटों )के काटने के कारण होता है जोकि ठहरे हुए पानी मैं प्रजनन करता है और बीमारियों को फैलाता है इसके फैलने का मुख्य कारण गंदगी एवं ठहरा हुआ पानी है ।ये एक आदमी से दूसरे आदमी में मच्छरों के द्वारा ही फैलता है इससे बचने के लिए पहली चीज़ मच्छरों से अपना बचाव रखें ठहरे हुए पानी का निदान करे गएवं ऐसी जगह जाने से बचें जहाँ डेंगू का प्रकोप ज़्यादा हो। बीमारी के कुछ भी लक्षण होने पर अपना ख़ुद का इलाज न कर निकट के डॉक्टर से अपना सही समय पर जाँच व इलाज करवाएं। डेंगू बीमारी के लक्षणों में हाथ पैर दर्द , हाथ पैरों में चकत्ते ,सर्दी खाँसी ,उल्टी एवं आँखों में जलन जैसे लक्षण हो सकते हैं जो कि मौसमी बीमारियों के भी होते हैं इसलिए सामान्य नागरिक कई बार डेंगू को मौसमी बीमारी समझकर मेडिकल स्टोर से दवाई लेकर अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते है और बीमारियों को बढ़ा देते हैं।
सभी मौसमी बीमारियां संक्रामक होती है मतलब एक आदमी से दूसरे आदमी में ख़ासी सर्दी या फिर भी छूने से फैलती है । कई बार ये बीमारियाँ बाहर ट्रैवलिंग या फिर बाहर का खाना पीने से भी फैलती है ।
इनसे बचने के लिए मुख्यतः बीमार व्यक्ति से थोड़ी दूरी बनाए रखें , बाहर का खाना पीना अवॉयड करें और बदलते मौसम के टाइम में बाहर ट्रेवल करने से बचे । सही समय पर अपनी जाँच और इलाज करवाना ही इन बीमारियों को ठीक करने का तरीक़ा है।