राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विशेष संरक्षित जनजातियों के विद्यार्थियों और सदस्यों से मुलाकात की, कहा- बच्चे आगे बढ़ें और अपने समाज को आगे बढ़ायें 

 

रायपुर/ राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दूसरे दिन राजभवन में विशेष संरक्षित जनजातियों के विद्यार्थियों और अन्य सदस्यों से मुलाकात की और उनसे संवाद किया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचदंन और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल विशेष रूप से उपस्थित थे। श्रीमती मुर्मुु ने कहा कि बच्चे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करते हुए आगे बढं़े और अपने समाज को भी आगे बढ़ायें।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने राज्य की विशेष रूप से संरक्षित जनजातियों बैगा, पहाड़ी कोरवा, कमार, बिरहोर और अबूझमाड़ जनजाति के सदस्यों से संवाद करते हुए कहा कि जब भी वे देश में भ्रमण करती हैं तो वहां विशेष संरक्षित जनजाति के सदस्यों से अवश्य मिलती हैं। हम जानते है कि वे शैक्षणिक, एवं सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। समाज में जो कमजोर है उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। आज हमारा देश चंद्रमा तक पहुंच गया है। पीवीटीजी को भी आगे बढ़ना चाहिए। केंद्र और राज्य सरकार की योजना का लाभ लेकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त होकर देश की प्रगति में अपना योगदान देना चाहिए।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु नें विशेष पिछड़े जनजातियों के बच्चों से संवाद किया। बच्चों ने अपने सपनों और भविष्य की योजनाओं के बारे में उनसे खुलकर बात-चीत की। नारायणपुर जिले की अबूझमुडिया जनजाति की छात्रा कुमारी वंशिका नुरेटी जो यहां राजधानी के प्रयास विद्यालय में कक्षा नवमी में पढ़ती ह,ै उसने कहा कि राज्य शासन द्वारा नीट की तैयारी के लिए अच्छी कोचिंग दी जा रही है। जिसका लाभ लेकर डॉक्टर बनना चाहती है। मुनार गांव की कुमारी माही भी रायपुर के प्रयास विद्यालय में पढ़ती है और डॉक्टर बनकर देश की सेवा करनी चाहती है। राष्ट्रपति से मिलकर वह बहुत खुश हुई और यह अवसर देने के लिए उनका आभार माना। कबीरधाम जिले के बैगा जनजाति के छात्र ओम प्रकाश मरावी भी डॉक्टर बनना चाहते हैं और समाज की सेवा के साथ ही अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहते हैं। अबूझमाड क्षेत्र के कोहामेटा गांव के निवासी श्री सुखराम नुरेटी ने कहा कि प्रयास आवासीय विद्यालय में पढ़कर उन्होंने अपना कैरियर बनाया है। वर्तमान में वे बस्तर जिले में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत है। उन्होंने राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी योजनाओं का लाभ उठाकर अपना सुरक्षित भविष्य बनाया है। राज्य शासन द्वारा विशेष पिछडी जनजातियों के 1000 से अधिक शिक्षित युवाओं को शासकीय सेवाओं में नियोजित किया गया है। राज्य में पहली बार धमतरी जिले के 22 कमार जनजाति ग्राम के निवासियों को पर्यावास अधिकार प्रदान किया गया है। जिससे कमार जनजाति के संरक्षण के साथ-साथ जंगल के संरक्षण में मद्द मिली है। जिसके लिए कमार जनजातियों के सदस्यांे ने आभार व्यक्त किया। श्रीमती मुर्मु ने सभी से मिलकर प्रसन्नता व्यक्त की और उनका उत्साह वर्धन किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में आदिमजाति विभाग के सचिव श्री डी. डी. सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होेंने विशेष संरक्षित जनजातियों के विकास के लिए संबंध में शासन द्वारा किये जा रहे कार्यो की जानकारी दी। जनजाति के सदस्यों ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया और उन्हें बीरनमाला, खुमरी और कलगी फेंटा भेंट किया। आदिमजाति अनुसंधान द्वारा विशेष जनजातियों पर प्रकाशित पुस्तके राष्ट्रपति सहित सभी अतिथियों को भेंट की।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री अमृत खलखों, आयुक्त आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग श्रीमती शम्मी आबिदी, उपसचिव श्री दीपक कुमार अग्रवाल, सहित जनजाति समुदायों के सदस्य अपने पांरपरिक परिधान मेें उपस्थित थें।