मानहानि केस में राहुल को राहत नहीं, अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से उस समय बड़ा झटका लगा, जब मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया। अब इस मामले में वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपान ने इसकी जानकारी दी है।
आपको बता दें कि सूरत में एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए 23 मार्च को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को दो साल जेल की सजा सुनाई। फैसले के बाद, केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए चुने गए गांधी को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया।
मई में, न्यायमूर्ति प्रच्छक ने गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह कहते हुए कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे।

गुजरात हाईकोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
आज गुजरात उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने संबंधी उनकी याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।  न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि गांधी पहले ही देशभर में 10 मामलों का सामना कर रहे हैं और निचली अदालत का कांग्रेस नेता को दोषी ठहराने का आदेश न्यायसंगत, उचित और वैध है। अदालत ने कहा कि दोषसिद्धि पर रोक लगाने का कोई तर्कसंगत कारण नहीं है। यदि दोषसिद्धि पर रोक लग जाती, तो इससे राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाता।

हमेशा के लिए अयोग्य कर दें, अब फर्क नहीं

पड़ता; फैसले के बाद गरजे राहुल गांधी

नई दिल्ली। मानहानि मामले में गुजरात हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद राहुल गांधी जमकर गरजे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि अब उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, चाहे संसद से हमेशा के लिए ही क्यों न अयोग्य करार दे दिया जाए। राहुल गांधी ने कहा कि मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा। मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ता रहूंगा। राहुल गांधी ने आगे कि मैं किसी चीज से नहीं डरता हूं, यह सच्चाई है। चाहे मुझे सदस्यता मिले या न मिले मैं अपना काम करूंगा।