गोंडवाना समाज द्वारा आयोजित रानी दुर्गावती बलिदान दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए सतीश अग्रवाल, कहा- रानी दुर्गावती के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता

 

भाटापारा । हथनीपारा में गोंडवाना समाज के द्वारा रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया ।जिसमें मुख्य अतिथि के रूप छत्तीसगढ़ सरकार में निगम मंडल के सदस्य एवं प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधि सतीश अग्रवाल शामिल हुए। मौके पर सतीश अग्रवाल ने रानी दुर्गावती जी के छाया चित्र की पूजा अर्चना कर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए देश के लिए उनके द्वारा किए गये योगदान को याद करते हुए कोटि कोटि नमन किया,। सतीश अग्रवाल ने बताया रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर 1524 में हुआ था, उनका राज्य गोंडवाना था, महारानी दुर्गावती कालिंजर के राजा कीर्तिसिंह चंदेल की एकमात्र संतान थी, राजा संग्राम शाह के पुत्र दलपत शाह से उनका विवाह हुआ था, दुर्भाग्यवश विवाह के 7 वर्ष बाद ही राजा दलपत शाह का निधन हो गया, उस समय दुर्गावती का पुत्र नारायण 5 वर्ष के ही थे अतः रानी ने स्वयं ही गढमंडला का शासन संभाल लिया। वर्तमान जबलपुर उनके राज्य का केंद्र था, ।सतीश अग्रवाल ने आगे कहा दुर्गावती बड़ी वीर थी, उन्हें कभी पता चल जाता था कि अमुक स्थान पर शेर दिखाई दिया हैं, तो वह शस्त्र उठा कर तुरंत शेर का शिकार करने चल देती है, अकबर के कडा मानिकपुर के सूबेदार ख्वाजा अब्दुल मजीद खां ने रानी दुर्गावती के विरूद्ध अकबर को उकसाया था, अकबर ने एक विधवा पर ज़ुल्म किया, लेकिन धन्य हैं रानी दुर्गावती का पराक्रम कि उसने अकबर के जूल्म के आगे झुकने से इंकार कर स्वतंत्रता और अस्मिता के लिए युद्ध भूमि को चुना और अनेक बार शत्रुओं को पराजित करतें हुए, रानी दुर्गावती जी ने 24 जून 1564 में बलिदान दे दिया। वीरांगना महारानी दुर्गावती का जन्म दुर्गाष्टमी को हुआ था साक्षात दुर्गा थी, महारानी ने 16 वर्ष तक राज संभाला इस दौरान उन्होंने अनेक मंदिर, मठ, कुएं, बावड़ी तथा धर्मशालाएं बनवाऐ थे,। वीरांगना अपने अस्मिता स्वतंत्रता स्वाभिमान से कभी समझौता नहीं किया देश के इतिहास में उनका नाम स्वर्णिम अक्षरों से हमेशा याद किया जाएगा इनका बलिदान दिवस प्रेरणा दिवस है। इस कार्यक्रम में आदिवासी समाज के आर.के कुंजाम प्रांतीय महासचिव, गो.ध.सं.सं.समिति छ.ग., कृष्ण कुमार मंडावी जिला सहसचिव, भोला पोर्ते ब्लाक संरक्षक, गंगा राम मंडावी ब्लाक अध्यक्ष सिमगा, महिला समिति अध्यक्ष अनुसुइया नेताम, उषा मंडावी, मिलती कुंजाम, देवकी छेदाईया, भारती मंडावी, सीता छेदाईया, मान बाई , नितु नेताम, फिरन बाई, सारधा देवी, केदार मिश्रा, कन्हैया वर्मा एवं बड़ी संख्या में समाजिकजन उपस्थित रहे।