शरद पवार ने वापस लिया इस्तीफा, बने रहेंगे राकांपा अध्यक्ष

मुंबई। एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस ले लिया है। पार्टी नेताओं की गुजारिश के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है। खबर है कि शरद पवार ने इस्तीफा जरूर वापस ले लिया है, लेकिन पार्टी में कुछ बदलाव भी होंगे। मंगलवार को उन्होंने पद छोडऩे की बात कही थी, जिसके बाद तमाम नेता भावुक हो गए थे और उनसे अपील की थी कि वे फैसले पर दोबारा विचार करें। इसके बाद उन्होंने दो से तीन दिनों का वक्त मांगा था। शरद पवार ने इसके बाद कई बार वरिष्ठ नेताओं के साथ मीटिंग की थी। गुरुवार को भी एक मीटिंग हुई थी और एनसीपी की कोर कमेटी ने एक प्रस्ताव पारित कर शरद पवार से अपील की थी कि वे ही अध्यक्ष बने रहें। शरद पवार ने इस्तीफा वापस लेने की जानकारी देते हुए नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं आपकी भावनाओं का अनादर नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि मैं आपके प्यार के चलते इस्तीफे को वापस लेने की गुजारिश को मान रहा हूं। एनसीपी के सीनियर नेताओं ने भी ऐसा प्रस्ताव पारित किया था।
इसलिए एनसीपी अध्यक्ष का पद छोडऩे के अपने फैसले को मैं वापस लेता हूं। मंगलवार को ही अपनी आत्मकथा के विमोचन के मौके पर शरद पवार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे का ऐलान करके सबको चौंका दिया था।
पवार के इस्तीफे के बाद कई लोगों ने छोड़े थे पद
पवार ने कहा था कि अब नई पीढ़ी को मौका देने की जरूरत है। मेरा 6 दशक से ज्यादा का करियर हो चुका है और अब मैं अध्यक्ष नहीं रहना चाहता। उनके इस ऐलान ने सभी को चौंका दिया था और फिर कार्यक्रम के तुरंत बाद लोग वहीं बैठ गए थे। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड, छगन भुजबल समेत कई नेता भावुक हो गए थे। जयंत पाटिल ने तो रोते हुए कहा था कि आपकी वजह से ही हम नेता हैं। यदि आप ही अध्यक्ष नहीं रहेंगे तो फिर हम क्या करेंगे। उनके इस फैसले के विरोध में जितेंद्र आव्हाड ने राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके अलावा ठाणे यूनिट के भी कई पदाधिकारियों ने अपने पद छोड़ दिए थे।
अजित की गैरमौजूदगी पर बोले- अन्य लोग तो हैं
इस्तीफा वापसी के ऐलान के दौरान अजित पवार के बारे में भी पूछा गया। इस पर शरद पवार ने कहा कि अन्य लोग यहां हैं। कोर कमेटी ने यह फैसला लिया था। इसके बाद मैंने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए इस्तीफा वापस लेने का फैसला लिया। सभी लोग एकजुट हैं और उन्होंने इस बारे में बात की। कमेटी में पार्टी के तमाम सीनियर नेताओं को शामिल किया गया था, जिन्होंने यह फैसला लिया।