राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक: खो-खो प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने दिखाया दमखम, बस्तर संभाग ने महिला एवं पुरूष वर्ग के तीन श्रेणियों में पाया पहला स्थान

 

*खिलाड़ियों में ग्रामीण खेलों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का दिखा जज्बा

*महिलाओं ने प्रतिभा दिखाने का अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री का जताया आभार

रायपुर/ राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 2022- 23 के अंतिम दिन आज यहां राजधानी रायपुर के माधवराव सप्रे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के खेल परिसर में आयोजित खो-खो प्रतियोगिता में प्रदेश के पांचों संभाग से जीत कर आए बच्चे से लेकर बुजुर्ग खिलाड़ियों ने अपना दम-खम दिखाया। बस्तर संभाग के खिलाड़ी महिला एवं पुरूष वर्ग के तीन श्रेणियों में पहला स्थान पाने में सफल रहे।

खो-खो प्रतियोगिता में 18 वर्ष से कम आयु के पुरुष वर्ग में दुर्ग संभाग ने बाजी जीती और पहला स्थान प्राप्त किया। रायपुर संभाग को दूसरा और बिलासपुर को तीसरा स्थान मिला। इसी तरह 18 से 40 वर्ष के पुरुष वर्ग में बस्तर संभाग प्रथम, दुर्ग द्वितीय और बिलासपुर संभाग को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। 40 वर्ष से अधिक के पुरूष वर्ग में रायपुर संभाग का दबदबा कायम रहा और उसने पहला स्थान पाया। इस वर्ग में दुर्ग संभाग दूसरे और बिलासपुर तीसरे स्थान पर रहा।

खो-खो प्रतियोगिता में प्रदेशभर से जीत कर आई महिलाओं ने भी उत्साह से भाग लिया। 18 वर्ष से कम आयु की महिला वर्ग में बस्तर संभाग को पहला, दुर्ग संभाग को दूसरा और बिलासपुर संभाग को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। इसी तरह 18 से 40 वर्ष की महिला वर्ग में बस्तर संभाग प्रथम, दुर्ग द्वितीय और बिलासपुर संभाग तीसरे स्थान पर रहा। 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए आयोजित मैच में बिलासपुर संभाग प्रथम, दुर्ग द्वितीय और रायपुर संभाग तीसरे स्थान पर रहा।

*खिलाड़ियों ने कहा – ग्रामीण खेल आगे बढ़कर अंतर्राष्ट्रीय लेवल तक पहुंचे*

रायपुर संभाग से सरायपाली ब्लॉक के ग्राम पंचायत डोडा से खो-खो खेलने राजधानी आए श्री क्षीरसागर केंवट ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल को छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पारंपरिक खेलों का यह पहला और सफल आयोजन है। इससे छत्तीसगढ़ के भंवरा, बांटी, गिल्ली-डंडा, खो-खो, कबड्डी जैसे ग्रामीण खेल उभर कर सामने आएं हैं। बच्चे से लेकर बुजुर्गों ने खेलों में उत्साह से भाग लिया और जोरदार खेले। अपने प्रदर्शन के बल पर पूरे प्रदेश से छनकर खिलाड़ी राज्य स्तर पर खेलने आए हैं। ऐसा आयोजन बार-बार होता रहे। ग्रामीण खेल आगे बढ़ें और अंतर्राष्ट्रीय लेवल तक पहंुचे। बच्चे, महिलाएं आगे बढ़कर पदक लाएं और छत्तीसगढ़ का नाम रौशन करें।

*महिलाओं ने घर की चार-दिवारी से बाहर निकलकर प्रतिभा दिखाने का अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री का जताया आभार*

दुर्ग संभाग के बालोद जिले के डौंडी ब्लॉक के भैंसबोड़ गांव से 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में खो-खो खेलने आईं श्रीमती उमेश्वरी ठाकुर ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन के लिए आभार जताते हुए कहा कि पारंपरिक खेलों के आयोजन से हम जैसी कई महिलाओं को घर से बाहर निकलकर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला।
हमारी खो-खो टीम में 12 सदस्य हैं। इस साल उनकी टीम ने राज्य स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया है। अगले साल पहले स्थान के लिए तैयारी करेंगे। उनकी टीम की सदस्य श्रीमती चित्ररेखा मंडावी ने कहा कि उन्होंने शादी के पहले खो-खो खेला था। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन से शादी के बाद पहली बार उन्हें खो-खो खेलने का अवसर मिला। इससे उन्हें बहुत खुशी हुई। उन्होंने कहा कि हम सभी महिलाओं में खेल से नया उत्साह आया है। अगले साल हमारी टीम पहला स्थान लाने का प्रयास करेगी। महिला टीम के प्रभारी खेल अधिकारी श्री सोन सिंह दुग्गा ने कहा कि उन्होंने गांव से राज्य स्तर तक ओलंपिक खेल आयोजन देखा है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों और महिलाओं में अपने परंपरागत खेलों को लेकर गजब का जोश और उत्साह दिखाई दिया। आगे भी यह आयोजन होते रहना चाहिए।