रानीतराई। समीपस्थ ग्राम बोरेंदा में रानीतराई सर्किल यादव समाज के तत्वावधान में एक दिवसीय गीता जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में आशीष वर्मा ओएसडी माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री फूलबासन यादव (कर्मवीर विजेता), विशिष्ट अतिथि के रूप में अशोक साहू उपाध्यक्ष जिला पंचायत दुर्ग, रमन सिंह टिकरिहा सभापति जनपद पंचायत पाटन, जवाहर लाल वर्मा अध्यक्ष जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग, राजेश ठाकुर अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जामगांव आर, दिनेश साहू सभापति जनपद पंचायत पाटन, उमाकांत चंद्राकर उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग ग्रामीण, बोधन यादव अध्यक्ष अध्यक्ष दुर्ग संभाग यादव महासभा, लच्छि राम यादव अध्यक्ष सर्किल यादव समाज रानितराई, राजाराम यादव संरक्षक यादव समाज, कमलेश नेताम कोषाध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जामगांव आर, कमलेश वर्मा सरपंच ग्राम पंचायत बोरेन्दा, पंचू राम यादव, रामचंद्र यादव, शंकर यादव, राजाराम यादव, कु. अर्चना यादव समाजसेवी, श्रीमती नीरा पुलत्स्य साहू सरपंच ग्राम पंचायत चुलगहन, के आतिथ्य में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि आशीष वर्मा ने गीता जयंती महोत्सव पर सबको बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि गीता भारतीय संस्कृति की आधारशिला है हिन्दू शास्त्रों में गीता का सर्वप्रथम स्थान है । गीता में 18 अध्याय और 720 श्लोक हैं, इसके रचयिता वेदव्यास जी हैं गीता महाभारत के भीष्म पर्व का ही एक अंग है, पूरे विश्व मे लोकप्रियता में इससे बढ़कर कोई दूसरा ग्रंथ नहीं है और इसकी लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है, श्रीमद गीता में अत्यन्त प्रभावशाली ढंग से धार्मिक सहिष्णुता की भावना की प्रस्तुत किया गया है जो भारतीय संस्कृति की एक विशेषता है।
ओएसडी श्री वर्मा ने द्वापर युग को स्मरण करते हुए कहा धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवों के मध्य युद्ध में अर्जुन अपने स्वजनों को देखकर युद्ध से विमुख होने लगा, धर्मयुद्ध के अवसर पर शोकमग्न अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए श्रीकृष्ण ने कहा कि व्यक्ति को निष्काम भाव से कर्म करते हुए फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए, इसीलिए श्री हरि भगवान श्री कृष्ण चन्द्र जी ने गीता उपदेश में कहा है कि-
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भू: मा ते सङ्गोस्त्वकर्मणि।।
श्री वर्मा ने कहा कि- आत्मा की नित्यता बताते हुए श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि यह आत्मा अजर-अमर है, शरीर के नष्ट होने पर भी यह आत्मा मरती नहीं है, जिस प्रकार व्यक्ति पुराना वस्त्र उतार कर नया वस्त्र धारण कर लेता है, उसी प्रकार आत्मा भी पुराना शरीर छोड़कर नया शरीर धारण कर लेती है, आत्मा को न तो शस्त्र काट सकती है, न अग्नि जला सकती है, न वायु उड़ा सकती है और न ही जल गीला कर सकती है । आत्मा को जो मारता है और जो इसे मरा हुआ समझता है, वह दोनों यह नहीं जानते कि न यह मरती है और न ही मारी जाती है, हे अर्जुन ! युद्ध में विजयी हुए तो श्री और युद्ध न करने पर अपयश मिलेगा इसलिए युद्ध करने के लिए उन्होंने कहा था।
श्री वर्मा ने आगे कहा कि गीता के अनुसार हमें साधारण जीवन के व्यवहार से घृणा नहीं करनी चाहिए अपितु स्वार्थमय इच्छाओं का दमन करना चाहिए, अहंकार को नष्ट करना चाहिए, अहंकार के रहते हुए ज्ञान का उदय नहीं होता, गुरु की कृपा नहीं होती और ज्ञान ग्रहण करने क्षमता नहीं होती।
ओएसडी श्री वर्मा ने यादव समाज की संस्कृति एवं इतिहास वीरता, समर्पण, सद्भभाव की रही है, आज भी यदु वंश अपनी परंपरा , संस्कृति, रीति रिवाजों को बखूबी संजोए हुए है , गौमाता के संरक्षण संवर्धन में सबसे बड़ा योगदान आपके समाज का ही है, गायें ही कृषि का आधार हैं इसीलिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गरवा योजना के माध्यम से प्रत्येक गाँव में गौठान बना, गौ वंश के संरक्षण एवं संवर्द्धन के साथ ही गोबर ख़रीदने की योजना शुरू कर गौ पालकों के आय में अतिरिक्त वृद्धि की, दूध का भी उत्पादन छत्तीसगढ़ में काफ़ी वृद्धि कर रहा है, प्रत्येक समाज एवं वर्ग को ध्यान में रखकर ही हमारी सरकार कार्य कर रही है।
इस अवसर पर यादव समाज के सामाजिक कार्यकर्ता गण, अन्य पिछड़ा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जामगांव आर के अध्यक्ष डॉ ईश्वर निषाद, तेजराम सिन्हा, सन्तु सिन्हा, डॉ पवन निर्मलकर, बाबा चन्द्राकर, चोवाराम सिन्हा, लक्की सिन्हा, संजय सेन, आयुष टिकरिहा, इंद्रेश्वर सिन्हा, गणेश सिन्हा, जितेन्द्र यादव, थानसिंह निषाद, डॉ बसन्त साहू, हलधर, हरिनाथ सिन्हा, दशरथ यादव, बिसेशर यादव, पवन बहरा, बुधारू राम, सहित यादव समाज के पदाधिकारी गण, कांग्रेस जन उपस्थित रहे।