छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षाकर्मियों की बहुप्रतीक्षित मांग को पूर्ण करते हुए उनके संविलियन पर मुहर लगा दी। बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके अलावा गोबर को 2 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदने के प्रस्ताव का अनुमोदन करने के साथ ही अनुकंपा नियुक्ति सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिमंडल में दो वर्ष एवं उससे अधिक की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले शेष बचे पंचायत और नगरीय निकाय संवर्ग के शिक्षकों का संविलियन आगामी एक नवंबर से स्कूल शिक्षा विभाग में किए जाने का अनुमोदन किया गया। इसका लाभ 16 हजार 278 शिक्षकों को मिलेगा। अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में निर्णय लिया गया कि यदि भाई/बहन अवयस्क हो तो, नियोक्ता द्वारा इस संबंध में अविवाहित दिवंगत शासकीय सेवक के माता/पिता से अंतरिम आवेदन पत्र प्राप्त कर अवयस्क सदस्य (भाई/बहन) के वयस्क होने पर उसे उसकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 की धारा 21 के तहत यात्री बसों के माह-जून के देय मासिक कर में पूर्णत: छूट प्रदान करने एवं दो माह तक की कालावधि के लिए वाहन अथवा अनुज्ञा पत्र निष्प्रयोग में रखे जाने पर अग्रिम देय मासिक कर जमा करने संबंधी प्रावधान को अस्थाई रूप से शिथिल करने का निर्णय लिया गया। राज्य के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के स्वीकृत गोठानों को रोजगारोन्मुख बनाने के लिए ”गोधन न्याय योजना” का अनुमोदन किया गया। प्रदेश में हरेली पर्व से इस योजना की शुरूआत होगी। प्रदेश में अब तक 5300 गोठान स्वीकृत किए जा चुकें है जिसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 2408 और शहरी क्षेत्रों में 377 गोठान बन चुकें है, जहां से इस योजना की शुरूआत की जाएगी। प्रदेश में स्थापित गोठान में गोवंशीय और भैसवंशीय पशुपालक से गोठान समितियों के माध्यम से गोबर खरीदी कर उससे वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार किया जाएगा। इससे जैविक खेती को बढ़ावा के साथ ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर, गौपालन एवं गौ-सुरक्षा को प्रोत्साहन, खुली चराई पर रोक, द्विफसली क्षेत्र के विस्तार के साथ ही पशुपालको को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। इसके अलावा मंत्रिमंडल में नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आबंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन, गैर रियायती एवं रियायती दरों पर आबंटित नजूल पट्टों को भूमि स्वामी अधिकार में परिवर्तन विलेखों में देय स्टाम्प शुल्क/पंजीयन शुल्क में छूट देने का भी निर्णय लिया गया। जिसके तहत आबंटन/व्यवस्थापन तथा भूमि स्वामी अधिकार में हस्तांतरित किए जाने वाले विलेखो पर देय स्टाम्प शुल्क 5 प्रतिशत तथा उपकर में छूट प्रदान करते हुए अधिकतम 2 हजार रूपए निर्धारित किया गया। छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी राशनकार्डों (एपीएल श्रेणी को छोड़कर) पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के राशनकार्ड के समान ही 5 किलोग्राम चावल प्रति व्यक्ति प्रतिमाह जुलाई 2020 से नवंबर 2020 तक नि:शुल्क वितरण किए जाने का निर्णय लिया गया। बहरहाल, भूपेश सरकार के इस निर्णय से एक ओर जहां शिक्षाकर्मियों को बड़ी राहत मिली है। वहीं, गांव-गरीब और किसान के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जो आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा।
शिक्षाकर्मियों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी
