*अरुण पटेल
‘एक सवाल तुम करो, एक सवाल मैं करुं, हर सवाल का सवाल ही जवाब हो।‘ अपने समय का यह एक मशहूर फिल्मी गाना रहा है। राजनीति में भी अपने विरोधी से सवाल पूछने का चलन कुछ साल पहले ही प्रारंभ हुआ है। राज्य मेंअब 25 विधानसभा उपचुनाव होने हैं क्योंकि कांग्रेस के एक और विधायक प्रधुम्न सिंह लोधी ने कल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया और रविवार को भाजपा में शामिल हो गए। फिल्मी गाने की तर्ज पर भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर सवाल दाग रहे हैं और वह भी इस अंदाज में कि सवाल में ही सवाल का उत्तर निहित है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से पांच सवाल पूछे हैं जबकि कांग्रेस ने सवाल पूछने का सिलसिला देर से प्रारंभ किया है और उसने भी एक सवाल दागा है। शिवराज किसानों की कर्जमाफी और चुनावी वायदे पूरे न करने को लेकर कमलनाथ सरकार पर तीखे हमले करते हुए हर दिन एक सवाल पूछते हैं। उन्होंने पांचवां सवाल राहुल गांधी से पूछते हुए कमलनाथ पर निशाना साधा है। शुक्रवार को शिवराज ने अम्बाह-पोरसा विधानसभा क्षेत्र की वर्चुअल रैली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कमलनाथ से पूछा कि राहुल गांधी ने कर्जमाफी की घोषणा 6 जून 2018 को मंदसौर में की थी तो फिर कमलनाथ सरकार ने कजमाफी के लिए कटऑफ डेट 31 मार्च 2018 क्यों रखी। उन्होंने राहुल को निशाने पर लेते हुए कहा कि राहुल गांधी का सलाहकार कौन है और उनके ट्वीट कौन लिखता है यदि कोई बता दे तो उसे एक लाख रुपये का ईनाम देने को तैयार हूं। राहुल गांधी कब, कैसा और क्या बोलते हैं यह समझ से ही परे है। शिवराज ने कमलनाथ से सवाल पूछने का जो सिलसिला प्रारंभ किया है उसकी काट खोजते हुए प्रदेश कांग्रेस अब जनता की ओर से रोज एक सवाल पूछेगी। कांग्रेस का पहला सवाल यह था कि जनता पूछ रही है शिवराज के राज में प्रतिदिन तीन किसानों ने आत्महत्या क्यों की। यह सवाल प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने पूछा हैै। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों की ॠण-मुक्ति को लेकर शिवराज सिंह चौहान रोज घड़ियाली आंसू बहाते हैं जबकि ना तो उन्हें किसान से कोई लेना देना है और ना ही पिछले 13 वर्षों से उन्होंने किसानों की कोई सुध ही ली है। उन्होंने कहा कि ऐसी घोषणाएं मंच से कभी भी मंत्रालय तक नहीं पहुंचाने में मुख्यमंत्री माहिर हैं। लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर का हवाला देते हुए गुप्ता ने कहा है कि आप झूठे सवाल पूछते हैं हम जनता की तरफ से सच्चा सवाल आपसे कर रहे हैं आप जवाब दीजिये कि आपके राज में 9 साल में 11 हजार किसानों ने आत्महत्या क्यों की, इसमें प्रतिदिन का औसत तीन का बैठता है। आप तो किसान के बेटे हैं तो ऐसा क्यों होता था एवं आप नौ साल तक इसे रोक क्यों नहीं पाये। गुप्ता अभी तक शिवराज से 3 सवाल पूछ चुके हैं।
कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने का कोई अवसर हाथ से नहीं जाने दे रही तो वहीं भाजपा ने कमलनाथ सरकार पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया में वार प्रारम्भ कर दिया है। उपचुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा और कांग्रेस ने देशभक्त बनाम गद्दार के जरिए एक-दूसरे पर वार-प्रतिवार करना आरम्भ कर दिये हैं और सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के खिलाफ वीडियो वायरल किए जा रहे हैं। कांग्रेस इनकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है, मीडिया विभाग के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता कह रहे हैं कि इस तरह के वीडियो सोशल मीडिया में मिलते ही रहते हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी यह काम नहीं करती, यह भाजपा का फितरतन कार्य है, हम लोग तो वालंटियर के आधार पर काम करते हैं। सिंधिया के खिलाफ वायरल वीडियो में सत्ता मिलते ही सिंधिया कैसे भ्रष्टाचार का पाठ पढ़ाने लगे हैं वह दिखाया गया है। 22 जयचंदों के साथ भाजपा में शामिल हो गए, इस वीडियो को कांगेस नेता वायरल कर रहे हैं। इस वीडियो में सिंधिया पर लेन-देन का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि उन्होंने लोकतंत्र की हत्या की है और भाजपा में जाते ही सिंधिया के तेवर बदल गए हैं। कौन देशभक्त कौन गद्दार का जो वीडियो वायरल हुआ है उसके बारे में यह कहा जा रहा है कि यह भाजपा ने जारी किया है। इसका केंद्रीय स्वर यही है कि राष्ट्रहित के मामले में कौन देशभक्त है और कौन गद्दार है। इसमें बालाकोट एयर स्ट्राइक, धारा 370 जैसे मामलों को चित्रित किया गया है जो देश की अस्मिता से जुड़े हुए हैं, इन मुद्दों पर कमलनाथ और सिंधिया के बयानों को दिखाया जा रहा है। भाजपा की योजना उपचुनाव वाले क्षेत्रों में वीडियो भेजने के साथ ही इसे घर-घर पहुंचाने एवं इससे जुडे़ साहित्य को भी लोगों तक पहुंचाने की है। प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का आरोप है कि कमलनाथ वोट बैंक और सम्प्रदाय की बात करते हैं जबकि सिंधिया धारा 370 और 35-ए के साथ खड़े हैं, सिंधिया महिलाओं, युवाओं और लाडली लक्ष्मी योजना के साथ खड़े हैं जबकि कमलनाथ ने सभी वर्गों के साथ अन्याय किया है।
और अन्त में………..!
किसानों की ॠण मुक्ति और उसके नाम पर कथित धोखाधड़ी विधानसभा के 25 उपचुनावों में एक प्रमुख मुद्दा होगा, क्योंकि सत्ता की राह किसानों के बीच से होकर गुजरती है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ ने उपचुनावों में किसान सैनिक तैनात करने की रणनीति बनाई है। पार्टी के इस अभियान को दिनेश गुर्जर अंतिम रुप दे रहे हैं और इसके लिए 15 जुलाई को किसान प्रकोष्ठ की बैठक होगी। किसान सैनिक मंडल व सेक्टर स्तर तक बनाये जायेंगे और वे इसका बूथ स्तर तक विस्तार करेंगे। अपने इस अभियान में काग्रेस सैनिक ॠण माफी योजना की विस्तार से जानकारी देने के साथ ही भाजपा की किसान विरोधी नीतियों को भी मतदाताओं को बतायेंगे। उपचुनावों में कांग्रेस ने ग्वालियर-चम्बल संभाग में सिंधिया के घर में जाकर तगड़ी घेराबंदी करने की योजना बनाई है जिसके तहत 16 सीटों के लिए एक एक्शन प्लान बनाया है। जहां पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और अरुण यादव तो सक्रिय रहेंगे ही इसके साथ ही पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत, लाखन सिंह यादव अशोक सिंह और फूलसिंह बरैया को विशेष जिम्मदारी सौंपी गयी है। ये नेता इस इलाके में जनसंपर्क और प्रचार अभियान सहित अन्य व्यवस्थाओं को संभालेंगे। कांग्रेस उपचुनाव के संदर्भ में ग्वालियर में एक मुख्यालय बनाने की तैयारी कर रही है जिसका कुछ इस अंदाज में गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने स्वागत करते हुए कहा है कि कांग्रेस चाहे दफ्तर खोले या मुख्यालय बना ले उपचुनावों में उसका सूपड़ा साफ हो जायेगा।