भाजपा महिला संगठन प्रभारी ने अमर्यादित टिप्पणी कर छत्तीसगढ़ के किसानों का किया अपमान : भूपेश बघेल


0 अंग्रेजों के समय में भाजपा के नेता देशभक्तों की अंग्रेजों के पक्ष में मुखबिरी करते थे – डॉ. डहरिया
0 थूकने का बयान देना महामारी अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध – मोहम्मद अकबर
0 भाजपा के चिंतन शिविर में नफरत की फसल ऊगी, विकास कार्यों की अनदेखी करना भाजपा की फितरत – रविन्द्र चौबे


रायपुर। बस्तर में भाजपा के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में भाजपा की छत्तीसगढ़ संगठन महिला प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं की थूक पर कांग्रेस मंत्रिमंडल के बह जाने की आपत्तिजनक टिप्पणी पर राजीव भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या, माता शबरी, मिनी माता आदि की कर्मभूमि रही है। यहां पर महिलाओं का सम्मान किया जाता है। महिला नेत्री ने कांग्रेस का नहीं प्रदेश के किसानों का अपमान किया है। मैं किसान पहले हूं, मुख्यमंत्री बाद में। श्री बघेल ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में तीन चौथाई मतों से जीतकर किसानों के दम पर सरकार बनाई। जिसके कारण भाजपा आज केवल 15 सीटों पर सिमट गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की फितरत ही किसानों के प्रति घृणात्मक है। भाजपा के चिंतन शिविर में भाजपा नेत्री के आपत्तिजनक बयान के तीन दिन बाद भी भाजपा नेेताओं का किसी प्रकार का बयान नहीं आना संपूर्ण भाजपा की गंदी सोच को प्रकट करता है।
पत्रकारवार्ता में नगरीय निकाय मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि परतंत्र भारत में भाजपा के कार्यकर्ता अंग्रेजों के लिए मुखबिरी कर देशभक्तों के खिलाफ कार्य करते थे। आज भी उनकी वहीं सोच है वे किसानों के हमदर्द होने का दावा करते हैं जो खोखला है।
पत्रकारवार्ता में वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए प्रधानमंत्री ने संपूर्ण देश में महामारी अधिनियम लागू किया है। थूकने का बयान भी इसी श्रेणी में आता है। अगर हम कार्यवाही में उतर जाएं तो भाजपा नेत्री को अपने बयान के कारण लेने के देने पड़ जाएंगे।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि वे किसान पहले हैं बाद में जननेता। मंथन शिविर में भाजपा की नफरत उभरकर आई है। किसानों के प्रति नफरत फैलाना और उल्टे-सीधे कार्य कर शांत लोगों को परेशान करना भाजपा की फितरत है। पत्रकारवार्ता में अन्य नेताओं ने भी छत्तीसगढ़ियों के अपमान पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यहां की जनता सहनशील है। जिसका नाजायज लाभ भाजपा उठा रही है। भाजपा नेता को अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक को नहीं सुन रहे हैं। हाल ही में उन्होंने देश भर में सीता महोत्सव मनाने की अपील की थी जिसके बारे में कोई सोच ही नहीं है। भाजपा को बस्तर में किया जा रहा विकास नहीं दिखाई दे रहा है। शिक्षित बेरोजगारों को विशेषकर चिकित्सकों को दूरस्थ क्षेत्रों में पदस्थ कर वहां चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। चिंतन शिविर के अंतिम दिन भाजपा नेताओं के थिरकने पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इनका काम ही नाचना गाना है और वो भी ऐसे गीत पर जो छत्तीसगढ़ी गीत भी नहीं है।

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