टोक्यो/ टोक्यो पैरालंपिक में भारत की अवनि लेखरा ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर स्पर्धा एसएच-1 में यह स्वर्ण पदक जीता। टोक्यो पैरालंपिक में भारत का यह पहला स्वर्ण पदक है। पुरुषों की एफ-56 डिस्कस थ्रो स्पर्धा में भारत के योगेश कथुनिया ने रजत पदक जीता। जबकि पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में देवेंद्र झाझरिया रजत पदक जीतने में सफल रहे। वहीं सुंदर सिंह गुर्जर ने कांस्य पदक पर कब्जा किया। बीता पांचवां दिन भारत के लिए शानदार रहा और तीन भारतीय एथलीट पदक जीतने में सफल हुए।
टोक्यो पैरालंपिक में कामयाबी की नई इबारत लिखने वाली अवनि लेखरा ने गोल्ड मेडल जीतने बाद कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे दुनिया जीत ली हो। यह अविश्वसनीय है। बता दें कि अवनि ने महिलाओं की आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में स्वर्ण पदक जीता। इसके साथ ही उन्होंने 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकॉर्ड की भी बराबरी की। यह पैरालंपिक खेलों का नया रिकॉर्ड है। गोल्ड जीतने के बाद अवनि ने कहा, ‘मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकती। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कि मैं दुनिया में शीर्ष पर हूं। इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।’
जयपुर की रहने वाली यह 20 साल की अवनि पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। बता दें कि साल 2012 में कार दुर्घटना में अवनि घायल हो गई थीं। उनकी रीढ़ की हड्डी में जबरदस्त चोट लगी थी, जिसके बाद उन्हें व्हील चेयर का सहारा लेना पड़ा। अवनि ने कहा, ‘जब मैं राइफल उठाती हूं तो मुझे उसमें अपनापन लगता है। मुझे उसके प्रति जुड़ाव महसूस होता है। निशानेबाजी में आपको एकाग्रता और निरंतरता बनाए रखनी होती है और यह मुझे पसंद है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि मैंने अपना योगदान दिया। उम्मीद है कि आगे हम और पदक जीतेंगे।’ बता दें कि अवनि पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला हैं।