संघर्ष समिति ने कहा- अब की लड़ाई आर-पार की होगी, धरना-प्रदर्शन नए सिरे से शुरू होगी

भाटापारा। भाटापारा को पृथक राजस्व जिला का दर्जा दिए जाने का आश्वासन मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया था जिसका मान रखते हुए एवं लगातार दो बार कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए जिला निर्माण संघर्ष समिति ने अपना धरना प्रदर्शन ढाई साल बंद रखा । लेकिन 15 अगस्त को जब 4 जिलों की घोषणा हुई तब संघर्ष समिति के सब्र का बांध टूट गया। 35 वर्ष पुरानी मांग और छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी नगरपालिका होने के बावजूद भाटापारा को उसके अधिकारों से वंचित रखने से यहाँ के नागरिकों में भारी आक्रोश है। इस भारी जनाक्रोश का सामना कांग्रेस के नेताओं को संघर्ष समिति की बैठक में करना पड़ा ।
उपस्थित अधिवक्तागणों एवं आम नागरिकों ने कांग्रेस नेताओं से पूछा कि आपके पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ही वादा करके मुकर गए हैं अब आप आने वाले चुनाव में किस मुंह से कांग्रेस के लिए वोट मांगेंगे? इस पर कांग्रेस के पदाधिकारियों ने स्वीकार किया कि चूँकि अभी सरकार कांग्रेस की है और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने भाटापारा को जिला बनाने का वादा किया था लेकिन किसी कारणवश भाटापारा जिला नहीं बन सका जिससे हमें भी पीड़ा हुई है। कांग्रेस के प्रतिनिधि सतीश अग्रवाल सदस्य निगम मंडल, सुशील शर्मा प्रदेश सचिव, रमेश यदु पूर्व मंडी उपाध्यक्ष एवं नगर पालिका उपाध्यक्ष त्रिलोक सिंह सलूजा ने कहा कि हम सभी मुख्यमंत्री के पास जाकर भाटापारा की जनता के आक्रोश से अवगत कराएंगे और भाटापारा को अति शीघ्र जिला घोषित करने हेतु निवेदन करेंगे।
संघर्ष समिति के सभी सम्मानित सदस्यों ने एक स्वर से कहा कि अब की लड़ाई आर-पार की होगी और जिला निर्माण संघर्ष समिति अपने धरना एवं प्रदर्शन को पुनः नए सिरे से शुरू करेगी और तब तक आंदोलन चलेगा जब तक भाटापारा जिला घोषित नहीं हो जाता। संघर्ष समिति ने शासन प्रशासन को आगाह भी किया कि संघर्ष समिति अब तक अपना आंदोलन शांतिपूर्वक करते आ रही है, लेकिन आगे चलकर यदि यह उग्र हो जाता है तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी
नगर भवन में आयोजित इस बैठक में नगर के व्यवसायी, पत्रकार, साहित्यकार,नेतागण और समाजसेवियों ने हिस्सा लिया जिनमें प्रमुख रूप से संघर्ष समिति के संरक्षक बलदेव भारती, संयोजक नंदकिशोर शर्मा, अध्यक्ष- नरेंद्र शर्मा (पूर्व विधायक), सतीश अग्रवाल, रमेश यदु, सुशील शर्मा, राजकुमार शर्मा, त्रिलोक सिंह सलूजा, अधिवक्तागण- सुकृत साहू, जीडी मानिकपुरी, बी. माधवराव, मोहनलाल केशरवानी, अनिल मिश्रा,नरेंद्र यदु, वरिष्ठ पत्रकार संतोष अग्रवाल, राजीव तिवारी,कोमल शर्मा, प्रशांत वर्मा,अजय यादव, तुलसीराम जयसवाल, देवेंद्र भृगु, धर्मेंद्र तिवारी,अशोक तिवाड़ी, संतोष सोनी दिनेश सोनी, इकबाल अहमद, रेवा पारप्यानी, भरत नागवानी, रघुनाथ प्रसाद पटेल, दिलीप सिंह बिसेन, सेवाराम वर्मा, राजकुमार मल, अजय साहू, विनोद शर्मा, श्यामसुंदर अवस्थी आदि उपस्थित थे।

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