ऑल टाइम हाई पर पहुंचा सोने का रेट, ५०००० के करीब पहुंचा भाव, चांदी ५१००० के पार

नई दिल्ली.  सोने के हाजिर भाव ने आज फिर एक नया इतिहास रच दिया। एक दिन पहले ही बना रिकॉर्ड आज टूट गया। गुरुवार को देशभर के सर्राफा बाजारों में २४ कैरेट सोना बुधवार के मुकाबले १९६ रुपये तेजी के साथ ४९३१८ रुपये प्रति १० ग्राम पर खुला। जबकि बुधवार को यह ४९१२२ रुपये पर बंद हुआ था। वहीं चांदी आज ५१००० के पार पहुंच गई है। आज सुबह १०९२ रुपये महंगी होकर चांदी ५१२३२ रुपये प्रति किलो से बिक रही है। हालांकि बुधवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना ४९,८९८ रुपये प्रति दस ग्राम के रेट से बिका था।

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट (द्बड्ढद्भड्डह्म्ड्डह्लद्गह्य.ष्शद्व) सोने-चांदी की औसत कीमत अपटेड करती है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन दिल्ली के मीडिया प्रभारी राजेश खोसला के मुताबिक द्बड्ढद्भड्ड देशभर के १४ सेंटरों से सोने-चांदी का करेंट रेट लेकर इसका औसत मूल्य बताता है। खोसला कहते हैं कि सोने-चांदी का करेंट रेट या यूं कहें हाजिर भाव अलग-अलग जगहों पर अलग हो सकते हैं पर इनकी कीमतों में मामूली अंतर होता है। द्बड्ढद्भड्डह्म्ड्डह्लद्गह्य के मुताबिक ९ जुलाई २०२० को सोने-चांदी के रेट इस प्रकार रहे…

धातु ९ जुलाई का रेट (रुपये/१० ग्राम) ८ जुलाई का रेट (रुपये/१० ग्राम)

रेट में बदलाव (रुपये/१० ग्राम)
त्रशद्यस्र ९९९ (२४ कैरेट) ४९३१८ ४९१२२ १९६
त्रशद्यस्र ९९५ (२३ कैरेट) ४९१२० ४८९२५ १९५
त्रशद्यस्र ९१६ (२२ कैरेट) ४५१७५ ४४९९६ १७९
त्रशद्यस्र ७५० (१८ कैरेट) ३६९८९ ३६८४२ १४७
त्रशद्यस्र ५८५ ( १४ कैरेट) २८८५१ २८७३६ ११५
स्द्बद्य1द्गह्म् ९९९ ५१२३२ क्रह्य/्यद्द ५०१४० १०९२

विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना संकट के बीच जारी वैश्विक अनिश्चितता के चलते सोने में तेजी का दौर जारी रह सकता है। सोने के दाम में तेजी पिछले एक दशक से जारी है। सितंबर २०१८ से सोना ५५ फीसद तेज है। इस साल ६ महीने में ही २४ प्रतिशत की तेजी आई है। अगले २ साल में सोने के भाव प्रति १० ग्राम २०००० रुपये प्रति १० ग्राम तक बढ़ सकते हैं।

इस बार टूट गया ट्रेंड

पिछले महीने सोना हर बार रिकॉर्ड बनाने के बाद अगले दिन शिखर से फिसल जाता था, लेकिन इस बार यह ट्रेंड टूट गया। बुधवार को नए शिखर पर चढ़ने के बाद सोना, गुरुवार को एक और रिकॉर्ड बना दिया। बता दें २२ जून को सोने का हाजिर भाव एक नए रिकॉर्ड के साथ ४८३०० पर पहुंचा तो इसके बाद कई रिकॉर्ड बने और टूटे। अगले ही दिन यह फिर अपने सर्वोच्च शिखर से फिसल कर ४८१२० पर आ गया। एक दिन बाद ही यह ४८५७५ का एक नया रिकॉर्ड बनाया और अगले दिन फिर फिसल कर ४८१३७ पर आ गया। इसके बाद २९ जून सोमवार को २४ कैरेट १० ग्राम सोने का भाव ४८६०० पर पहुंच कर एक और रिकॉर्ड स्थापित किया, लेकिन अगले ही दिन सोना फिर फिसल गया। एक जुलाई को फिर सोना ४८९८० के नए शिखर पर पहुंचा और पिछले ट्रेंड के मुताबिक अगले दिन फिर फिसल गया।

महंगाई की वजह

मंदी के दौरान शेयर घाटे की भरपाई में स्वर्ण सबसे बेहतर रहा है। उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में तेज वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन परिसंपत्ति मुद्रास्फीति (शेयर, अचल संपत्ति और बांड की उच्च कीमतें) दुनिया के बड़े हिस्सों में दिखाई पड़ी है। कोविड-१९ के नकारात्मक प्रभाव का मुकाबला करने के लिए सरकारों ने अपने खर्च बढ़ा दिए हैं और लोगों को बहुत आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसलिए उपभोक्ता मांग अव्यक्त रूप से बढ़ती रहेगी। वहीं अभी अन्य निवेश राशियों का भविष्य बहुत उज्ज्वल नहीं दिख रहा है। सावधि जमा पर ब्याज मोटे तौर पर कम हुआ है। साथ ही, अन्य ब्याज दरें भी कम रहने की संभावना है, क्योंकि आने वाले समय में बैंक की ऋण वृद्धि में और कमी आएगी।

बीएसई सेंसेक्स, भारत का प्रमुख शेयर बाजार सूचकांक, उस उच्च स्तर से लगभग १४ प्रतिशत नीचे है। वहीं देश के कई हिस्सों में पिछले कुछ वर्षों में घरों की कीमतें गिर गई हैं। आरबीआई हाउस मूल्य सूचकांक को देखें, तो घरों ने दिसंबर २०१६ और दिसंबर २०१९ के बीच प्रतिवर्ष औसतन ५.१ प्रतिशत लाभ दिया है। सभी लागतों को अगर मिलाकर देखें, तो कुछ वर्षों में देश के अनेक क्षेत्रों में आवास में निवेश से होने वाला लाभ नकारात्मक रहा है। जाहिर है, इससे भी स्वर्ण को फायदा हुआ है। सोने की खासियत रही है, यह तब भी लाभकारी होता है, जब बाकी निवेश अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं।

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