नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी। बैठक में ईपीएफ, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और प्रवासी श्रमिकों के लिए किराए पर आवासीय योजना से संबंधित फैसलों पर मंजूरी दे दी गई।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर तक बढ़ाने के साथ ही 100 कर्मचारियों से कम संख्या वाली कंपनियों के कर्मचारियों एवं मालिकों के भविष्य निधि से जुड़े अंशदान को सरकार की ओर से तीन महीने और देने का निर्णय हुआ। उनके मुताबिक, उज्ज्वला योजना की लाभार्थियों को तीन मुफ्त सिलेंडर दिए जाने की अवधि को तीन महीने के लिए बढ़ाया गया है तथा 107 शहरों में एक लाख से अधिक छोटे फ्लैट को प्रवासियों मजदूरों को किराये पर देने का भी निर्णय हुआ है। जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, प्रधानमंत्री जी ने गरीब कल्याण योजना को नवंबर तक बढ़ाने की घोषणा की थी। आज मंत्रिमंडल ने उसे अमली जामा पहनाया है। जुलाई से लेकर नंवबर तक पांच महीने यह योजना चालू रहेगी। 81 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति पांच किलोग्रोम अनाज और एक किलोग्राम चना हर महीने मिलेगा। उन्होंने कहा कि गत तीन महीने में 1.20 करोड़ टन अनाज दिया गया। पांच महीने में 2.03 करोड़ अनाज दिया जाएगा।
मंत्री ने कहा, इस योजना का खर्च 149000 करोड़ रुपये है। आजादी के बाद पहली बार ऐसी यो है कि आठ महीने 81 करोड़ लोगों मुफ्त अनाज दिया गया। दुनिया के किसी देश में इतनी बड़ी योजना नहीं है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई मंत्री शामिल हुए।
इस दौरान सभी मंत्रियों ने फेस मास्क भी पहन रखा था और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया।
पिछली कैबिनेट बैठक के फैसले
इससे पहले 24 जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी, जिसमें 15,000 करोड़ रुपये की पशुपालन अवसंरचना विकास निधि की स्थापना को मंजूरी दी गई थी। कैबिनेट की बैठक के बाद परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि एक भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष, संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र के रूप में एक नए संस्थान का गठन किया गया है, जो एक अनुकूल नियामक परिस्थिति में नीतियों को प्रोत्साहित करने के माध्यम से अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी उद्योगों को बढ़ावा देगा।
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