0 यूजीसी की नई गाइडलाइन के अनुसार इंटरमीडिएट सेमेस्टर के छात्रों का मूल्यांकन आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा.
नई दिल्ली/ देशभर में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विश्वविद्यालयों की फाइनल ईयर/सेमेस्टर की परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर को लेकर आज नई गाइडलाइन जारी की. मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट के जरिये एकेडमिक गाइडलाइन जारी की. .यूजीसी की नई गाइडलाइन के नये दिशानिर्देश के मुताबिक टर्मिनल सेमेस्टर के छात्रों का मूल्यांकन जो जुलाई के महीने में परीक्षाओं के माध्यम से किया जाना था, अब उनकी परीक्षाएं सितंबर -2020 के अंत तक आयोजित की जाएंगी.अनुसार इंटरमीडिएट सेमेस्टर के छात्रों का मूल्यांकन आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा.बता दें, यूजीसी ने पहले निर्णय लिया था कि विश्वविद्यालयों की फाइल ईयर की परीक्षाओं का आयोजन होना चाहिए. वहीं फर्स्ट ईयर के छात्रों को सेकंड ईयर में प्रमोट कर दिया जाएगा. उन्हें नंबर इंटरनल असेसमेंट के आधार पर दिए जाएंगे. बता दें, कोरोना वायरस के केस एक जुलाई तक कम होने की उम्मीद थी, जो नहीं हुए हैं. अब, छात्रों और अभिभावकों के अलावा कई राज्य सरकारें भी इसका विरोध कर रही हैं.यूजीसी की ओर से पहले जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार यह भी बताया गया था कि विश्वविद्यालय और कॉलेज एक बार फिर से कैसे काम करेंगे. नए बैच के लिए सितंबर से कॉलेजों को फिर से खोलने की उम्मीद थी और अगस्त से छात्रों को दाखिला मिलना शुरू होना था.यूजीसी ने पहले के दिशानिर्देशों में, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन शिक्षा जारी रखने के लिए सुझाव दिया था. साथ ही कहा था कि यदि स्थिति में सुधार होता है तो कम से कम 25 प्रतिशत सिलेबस ऑनलाइन कवर किया जाए. वहीं यूजीसी संभवत आज गाइडलाइंस जारी करेगा, जिनके आधार पर नये एकेडमिक सेशन का कामकाज और पेंडिंग परीक्षाओं का भविष्य तय होगा.