रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन आज प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों ने सदन में शोरशराबा किया। शून्यकाल में भाजपा सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया। इस पर सदन में काम रोको प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे चर्चा के बाद आसंदी ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद सदन में शोरशराबा शुरू हो गया। आसंदी ने शोरशराबा को देखते हुए सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर इसी मुद्दे को लेकर विपक्षी सदस्य गर्भगृह में जाकर नारेबाजी करने लगे, इससे भाजपा के बारह विधायक स्वमेव निलंबित हो गए।
इससे पहले, स्थगन प्रस्ताव पर ग्राहृता के लिए सदन में चर्चा शुरू करते हुए भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ शांति का टापू था, जो आज अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है। प्रदेश में हत्या, अपहरण जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवैध शराब धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। विधायक अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा और नारायण चंदेल ने कहा कि अपराधियों को सरकारी संरक्षण दिया जा रहा है। पुलिस अनियंत्रित हो गई है। बस्तर से सरगुजा तक नये-नये अपराध हो रहे हैं।
जनता कांगे्रस छत्तीसगढ़ के विधायक धरमजीत सिंह ने कहा कि अपराधियों में कानून का खौफ नहीं है। इसे रोकने के लिए सदन मंे इस पर चर्चा कराई जानी चाहिए। इससे सरकार का ही भला होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश में पिछले दो वर्षों में हत्या, बलात्कार और लूट जैसी घटनाओं के सत्रह हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। माओवादियों के हौसले बुलंद है। दंतेवाड़ा-सुकमा जैसी जगहों में भी हालात ठीक नहीं है। इस पर पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने झीरम घटना का जिक्र किया। इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश का यह हाल है कि अपराधों का जिक्र झीरम के साथ हो रहा है। उन्होंने कहा कि झीरम घटना के मामले में राज्य सरकार अब तक कोई सबूत पेश नहीं कर पाई है।
इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि झीरम घटना को लेकर राज्य सरकार आज भी गंभीर है। इस मामले में एसआईटी का गठन किया गया है। जांच भी शुरू हो गई है। लेकिन, केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई है। इसके कारण जांच डायरी एसआईटी को नहीं मिल पाई है। जबकि, एनआईए फाइनल रिपोर्ट सौंप चुकी है। ऐसे में एनआईए को वापस केस एसआईटी को सौंप देना चाहिए।
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने चर्चा के जवाब में कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था दुरूस्त है। यह कहना ठीक नहीं है कि कानून व्यवस्था गर्त में चली गई है। उन्होंने कहा कि विकसित समाज में कानून व्यवस्था की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। पुलिस संवेदनशील है, आज सदन में जितने मामलों की चर्चा की गई है, उनमें से अधिकतर मामलों में पुलिस ने अपराधियों पर कार्रवाई की है।
इससे पहले, सदन में आज दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। इनमें पूर्व संसदीय सचिव ओमप्रकाश राठिया, अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री भानुप्रताप गुप्ता, पूर्व संसदीय सचिव लक्ष्मण राम और पूर्व विधायक रोशनलाल के योगदान को याद किया गया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्षी सदस्यों ने किया हंगामा, गर्भगृह में पहुंचे 12 भाजपा विधायक स्वमेव निलंबित
