ये क्या कह गए अजय सिंह: खेती किसानी में शराब का तड़का

0 अरुण पटेल

मध्यप्रदेश में कुछ स्थानों पर साधारण पेट्रोल के दामों का शतक पार कर जाने को लेकर जहां एक ओर आम जनमानस बढ़ती हुई महंगाई को लेकर परेशान है तो दूसरी ओर राज्य सरकार के मंत्री और सत्ताधारी दल के कुछ नेता जिस प्रकार के तर्क दे रहे हैं, उन्हें महंगाई की मार झेलने वालों के घावों पर मलहम कदापि नहीं माना जा सकता है। इस बीच कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह ये क्या कह गए कि मानों खेती किसानी में लग गया हो शराब का तड़का। उनका सुझाव है कि सरकार को शराब और पेट्रोल की जो भारी कमाई हो रही है उसे किसानों में बांटा जाए। उनकी मांग यह भी है कि समर्थन मूल्य पर किसानों को 20 प्रतिशत सब्सिडी देने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करें। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती महंगाई को लेकर 20 फरवरी को प्रदेश बंद करने का आह्वान किया है और उसकी तैयारियों को लेकर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई कार्यकर्ताओं की बैठक में बंद को लेकर कोई रणनीति बने इससे पूर्व ही हाथापाई की नौबत आ गई। जब कार्यकर्ताओं ने ही खुद मौका दे दिया तो फिर भाजपा कहां चूकने वाली थी, उसके प्रदेश अध्यक्ष सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने व्यंग्य- बाण छोड़ते हुए जड़ दिया कि यही असली कांग्रेस है जब सरकार थी तब भी लड़ते थे और अब भी लड़ रहे हैं। भले ही अब इसकी कितनी ही सफाई दी जाए पर शर्मा को तो जो कटाक्ष करना था वह कर ही दिया क्योंकि उन्हें मौका कांग्रेसियों ने ही दिया था।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि सरकार शराब और डीजल पेट्रोल से भारी कमाई कर रही है| इन पर लगने वाले टेक्सों से किसानों और गरीब जनता की जेब कट रही है। लगातार बढ़ रही महंगाई से हर वर्ग हलाकान है। मध्यप्रदेश में इस साल शराब और पेट्रोल से सरकार ने लगभग 23 हजार करोड़ रुपए कमा लिए हैं। सरकार को चाहिए कि हजारों करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई हुई इसलिए समर्थन मूल्य पर 20 प्रतिशत सब्सिडी घोषित करे और वह राशि किसानों में बांटे। अजय सिंह का कहना है कि सरकार के जिम्मेदार मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर हास्यास्पद बयान देकर जनता को साइकिल चलाने की सलाह दे रहे हैं। क्या साइकिल चलाने की उनकी सलाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवराजसिंह चौहान तथा उनके मंत्रिमंडल के लिए भी है? लगता है कि प्रद्युम्न सिंह भाजपा की रीति-नीति में बहुत जल्दी रच बस गए हैं।
अजय सिंह का मानना है कि शिवराज सिंह चौहान दूसरे विकल्पों से आय बढ़ाने के कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं। पेट्रोल डीजल पर बढ़े हुये टेक्स से सरकार नुकसान की भरपाई कर रही है। उन्होंने कहा कि शिवराज एक ओर प्रदेश को मंदिर और जनता को भगवान कहते फिरते हैं, उन्हें घुटने टेक कर प्रणाम करते हैं तो फिर अपने भगवान पर तरस खाकर पेट्रोल डीजल पर सेस और वेट कम क्यों नहीं करते हैं? उनके कहने का अर्थ यही है कि इसकी मार तो उन पर ही पड़ रही है जिन्हें शिवराज अपना भगवान मानते हैं।सिंह का दावा है कि सभी पड़ोसी प्रदेशों में टेक्स की दरें मध्यप्रदेश से काफी कम हैं इसलिए वहाँ पेट्रोल डीजल मध्यप्रदेश से कम कीमत पर मिल रहा है, लेकिन मध्यप्रदेश में पेट्रोल सौ के पार पहुँच गया है। अजय सिंह ने तंज किया कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 63 डालर प्रति बैरल है तब भाजपा सरकार में पेट्रोल की कीमत सौ रुपए पार है। वहीं जब केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई में यूपीए की सरकार थी तब क्रूड आइल 70 से लेकर 110 रुपए था उस समय पेट्रोल केवल 55 से 80 रुपए के बीच था। जाहिर है केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार जनता पर थोपा जा रहा टेक्स पेट्रोल डीजल को महंगा बना रहा है। सिंह ने आरोप लगाया कि तथाकथित राष्ट्रवादियों की सरकार में क्रूड आइल की कीमतें काफी कम होने के बावजूद भारतवासियों को कच्चे तेल की तुलना में डीजल पेट्रोल का चार-पाँच गुना भुगतान करना पड़ रहा है। सरकार ने इसे नकद कमाई का जरिया बना लिया है इसलिए वह पेट्रोल डीजल पर वेट और सेस कम नहीं कर रही है ।
पेट्रोल-डीजल: भाजपाइयों के बयान
पेट्रोल डीजल के रोज बढ़ते दामों ने जहां आम लोगों को परेशान कर रखा है तो उस पर भाजपा नेताओं और मंत्रियों के जो बयान आ रहे हैं वह एक प्रकार से जले पर मलहम लगाने की जगह नमक छिड़कने जैसे हैं। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच बयानों की सियासत छिड़ गई है।अजीबोगरीब बयान देते ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ग्वालियर में कहा कि यदि सब्जी मंडी जा रहे हो तो, मोटर साइकिल और फोर व्हीलर की क्या जरूरत है। पैदल जाएं इससे स्वास्थ ठीक रहेगा और पेट्रोल बचेगा तथा साथ ही प्रदूषण भी नहीं होगा। यह संदेश हम सबको अपने जीवन में उतारना है। मंत्री से पूछा गया था कि पेट्रोल और डीजल के रेट कैसे कम होंगे, क्या उसके लिए प्रयास नहीं होना चाहिए? इस प्रश्न का उत्तर था कि वह एक अलग व्यवस्था है। पेट्रोल का पैसा किसी व्यक्ति विशेष की जेब में नहीं जा रहा है। पैसा तो जनता की जेब में जा रहा है। कुछ पैसे टैक्स के रूप में आते हैं वह हॉस्पिटल व अन्य जन सेवाओं में जाते हैं। यह पैसा अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के इलाज में खर्च होता है, शिक्षा और सड़कों पर खर्च होता है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना था कि इसके लिए अंतरराष्ट्रीय मार्केट जिम्मेवार है और यह हमारे हाथ में नहीं है। सरकार की कोशिश रहती है कि जनता को कम से कम दामों पर पेट्रोल और डीजल उपलब्ध हो लेकिन इसके रेट तो अंतरराष्ट्रीय मार्केट तय करता है। इससे कुछ दिन पहले ही न्याय पालिका की नौकरी छोड़कर लोकसभा सदस्य बने भाजपा नेता महेंद्र सिंह सोलंकी का तर्क था कि यदि पेट्रोल की कीमतें बढ़ रही हैं। तो उसी अनुपात में लोगों की आमदनी बढ़ी हैं। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि शिवराज सरकार पेट्रोल और डीजल पर सर्वाधिक वेट वसूल रही है और इसके नाम पर ही सरकार लूट-खसोट करने में लगी है।
और अंत में…….
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आज कार्यकर्ताओं के बीच आपस में भिंडत की खबरों पर अपेक्षा के अनुसार ही प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि कांग्रेस की बैठक में कोई वाद-विवाद नहीं हुआ सिर्फ़ मामूली कहासुनी हुई कार्यकर्ताओं में बंद कराने को लेकर उत्साह था। उसी के कारण कहासुनी हुई। बैठक में कहासुनी के बाद कुछ बाहर के लोग बैठक कक्ष में प्रवेश कर गये, उसमें कुछ असामाजिक तत्व भी थे, ऐसी आशंका है कि कुछ भाजपा के लोग भी हो सकते हैं, जिन्होंने विवाद किया। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच कोई विवाद नहीं हुआ। बाद में भी बैठक सोहाद्रपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई। हम ऐसे तत्वों की पहचान कर रहे हैं, उसके बाद अगली कार्यवाही का निर्णय लेंगे।

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