अवाम ए हिन्द ने संकट के दौर में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोटी, कपड़ा और मकान के लिए आवाज़ उठाईः मो. सज्जाद

रायपुर। सामाजिक संस्था अवाम ए हिन्द सोशल वेलफेयर कमेटी के संस्थापक मोहम्मद सज्जाद खांन ने कहा है कि गरीबी को दूर करने के लिए विश्व भर में कई प्रयास किये जा रहे है, लेकिन यह समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। गरीबी की यह समस्या हमारे जीवन को आर्थिक तथा सामाजिक दोनों ही रुप से प्रभावित करती है। व्यावसायिकता और स्वार्थ की अंधी दौड़ ने हमारे अंदर से , हमारे परिवार और समाज से मानवीय संवेदनायें समाप्त कर दी है। अपने को प्रभावशाली और धनवान बनाने की चाहत में मशीनों और कम्प्यूटर पर हमारी निर्भरता बढ़ती जा रही है और परिणाम स्वरुप दूसरों से आगे निकलने की चाहत में हम आत्मीयता से दूर होते हुए अपने मानवीय मूल्यों को खोते जा रहे है। आज हम स्वयं मशीन हो गए है जिसमे कार्यक्षमता तो भरपूर है पर मानवीय संवेदना शून्य है। आज के समय में गरीबी को दुनिया की सबसे बडी समस्याओं में से एक माना जाता है। गरीबी एक ऐसी मानवीय स्थिति है, जो हमारे जीवन में दुख-दर्द तथा निराशा जैसी विभिन्न समस्याओँ को जन्म देती है। गरीबी में जीवन जीने वाले व्यक्तियों को ना तो अच्छी शिक्षा की प्राप्ति होती है ना ही उन्हें अच्छी सेहत मिलती है।
मोहम्मद सज्जाद खांन ने अपनी संस्था अवाम ए हिन्द सोशल वेलफेयर कमेटी के पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ विगत 26 वर्षों से राजधानी रायपुर के विभिन्न स्थानों पर जिंदगी जीने वाले गरीब, असहाय, बेसहारा निर्धनों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबों के लिए पौष्टिक भोजन, कपड़ा ऐसे अनेक वस्तुओं की व्यवस्था करते हुए आ रही है। संस्था बिना शासकीय अनुदान प्राप्त किए सामाजिक हितों के लिए रात दिन जरूरतमंदों के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए कार्य कर रही हैं। यदि सामाजिक हितों के लिए मानवता के क्षेत्र मे निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाली संस्थाओं को शासन एवं प्रशासन शासकीय योजनाओं में शामिल करे ताकि और भी बेहतर कार्य किया जा सके। संस्था निरतंर गरीब परिवारों के लिए आज भी राजधानी रायपुर के विभिन्न मोहल्लों एवं फुटपाथ पर जिंदगी जीने वाले गरीब, लाचार और निशक्तजनों की हर रोज मदद करते हुए आ रही है।

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